किसान बिल पास : सांसदों ने रूल बुक फाड़ दी और माइक को भी तोड़ दिया

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किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं:नरेंद्र सिंह तोमर
नई दिल्ली। विपक्ष के हंगामे के बीच किसान बिल राज्यसभा से पास हो गया है। कृषि संबंधित दो बिल ध्वनि मत से पास हुए हैं। उच्च सदन में बिल पर चर्चा के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया। नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब देने के दौरान विपक्ष के सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। सांसदों ने हंगामा उसभापति के फैसले पर किया। दरअसल, सदन की कार्यवाही 1 बजे पूरी होनी थी। उपसभापति ने कार्यवाही को विधेयक के पारित होने तक बढ़ाने का फैसला लिया। विपक्ष के सांसदों ने इसपर हंगामा शुरू कर दिया। सांसदों ने रूल बुक फाड़ दी और माइक को भी तोड़ दिया। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण विधेयक, 2020 और कृषक सशक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा से पास हो गए हैं। बिल ध्वनि मत से पास हुए। विपक्ष के हंगामे के बीच उच्च सदन से बिल पास हुए हैं। दोनों बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुके हैं। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य ;संवर्धन और सरलीकरणद्ध विधेयक, 2020 और कृषक ;सशक्तिकरण और संरक्षणद्ध कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा में पेश हो गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। किसानों को अपनी फसल किसी भी स्थान से किसी भी स्थान पर मनचाही कीमत पर बेचने की स्वतंत्रता होगी। उन्होंने कहा कि बिलों के बारे में कई तरह की धारणाएं बनाई गई हैं। यह बिल एमएसपी से संबंधित नहीं है। प्रधानमंत्री ने भी ने कहा है कि एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगी। इन विधयको के माध्यम से किसानों के जीवन में बदलाव आएगा। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने संसद में हर नियम को तोड़ दिया। वे राज्यसभा टीवी के फीड काटते हैं ताकि देश देख न सके। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी। डेरेक ओ ब्रायन और तृणमूल कांग्रेस के बाकी सांसदों ने आसन के पास जाकर रूल बुक दिखाने की कोशिश की और उसको फाड़ा। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद वेल में पहुंच गए। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा राज्यसभा का समय ना बढ़ाएं। मंत्री का जवाब कल हो, क्योंकि अधिकतर लोग यही चाहते हैं। राज्यसभा का समय 1ः00 बजे तक है लेकिन सरकार चाहती है कि इस बिल को आज ही पास किया जाए। विपक्ष के हंगामे के बीच नरेंद्र सिंह तोमर जवाब देते रहे। इस बीच, सदन में हंगामा कर रहें सांसदो ने आसन के सामने लगे माइक को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का इस विधेयक से कोई भी लेना देना नहीं है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो रही थी और आने वाले समय में भी होगी। इसमें किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है। आम आदमी पार्टी के सांसद ने कहा कि इस बिल के जरिए किसानों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने का काम किया जा रहा है। यह एक काला कानून है जिसका मैं आम आदमी पार्टी की तरफ से विरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि आपने एफडीआई का जमकर विरोध किया था लेकिन आज आप किसानों को पूंजीपतियों के हाथ में गिरवी रखने जा रहे हैं, देश के किसानों की आत्मा को बेचने जा रहे हैं। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि देश में 70 फीसदी लोग खेती से जुड़े हैं। पूरे लाॅकडाउन में किसान ही काम रहे थे। सरकार क्या भरोसा दे सकती है कि बिल के पास होने के बाद किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और आगे देश में कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर यह बिल किसान विरोधी है तो पूरे देश में विरोध क्यों नहीं हो रहा है? अगर पूरे देश में विरोध नहीं हो रहा है तो इसका मतलब है कि बिल को लेकर भ्रम, कुछ कन्फ्यूजन भी है।सरकार को इसे दूर करना चाहिए। संजय राउत ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने बताया था कि बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि क्या अफवाह पर ही एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि बिल को पहले सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए। जो हितधारक हैं उनको पहले सुना जाए। नरेश गुजराल ने साथ ही सरकार को चेतावनी भी दे दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को कमजोर न समझे।जेडीयू ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है। पार्टी के सांसद रामचंद्र सिंह ने कहा कि बिहार 2006 में एपीएमसी अधिनियम से हटने वाला पहला राज्य था। तब से कृषि उत्पादन और खरीद एमएसपी के साथ बढ़ी है। वाईएसआर कांग्रेस ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है। पार्टी के सांसद विजयसाई रेîóी ने कहा कि पूर्व की सरकार मिडलमैन का समर्थन करती थी। किसानों को अपने उत्पाद को लाइसेंस प्राप्त बिचैलियों और उनके कार्टेल को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनके इस बयान पर कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया। कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने इसे शर्मनाक करार दिया। टीआरएस के सांसद के केशव राॅव ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने किसानों के बिल को राज्यों के अधिकारों पर सीधा हमला करार दिया। के केशव राव ने आरोप लगाया कि सरकार देश में कृषि की संस्कृति को बदलने की योजना बना रही है। सपा के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार बिल पर बहस नहीं करना चाहती है। वो जल्द से जल्द सिर्फ बिल पास कराना चाहती है। बिल लाने के पहले विपक्ष के नेताओं से बात करनी चाहिए थी। कोरोना के नाम पर अध्यादेश लाया जा रहा है। सरकार ने भारतीय मजदूर संघ तक से विचार नहीं किया। कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध करती है। पंजाब और हरियाणा के किसानों का मानना है कि ये बिल उनकी आत्मा पर हमला है। इन विधेयकों पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा है। किसान एपीएमसी और एमएसपी में बदलाव के खिलाफ हैं। कृषि बिल पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी गैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है। बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस के लिए किसान सिर्फ एक वोटबैंक हैं। हमारे लिए किसान समाज का विकास करने वाला है। हम सच्चाई के साथ हैं। एमएसपी को हटाने का कोई निर्णय नहीं और हम इस झूठ को 2024 तक आठ बार उजागर करेंगे, क्योंकि वह 2024 तक यहां हैं। भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह उसी प्रकार का झूठ है, जो कांग्रेस ने सीएए और एनआरसी के दौरान बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले ये बताए कि पिछले 60 साल में किसानों की आय नीचे की ओर क्यों गई। कांग्रेस किसानों की बहुत बात करती है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करती।

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