21वीं सदी का नया भारत संभावनाओं और सामर्थ्य से भरा हुआ है : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह

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देहरादून। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने देश व प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। महान स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनके त्याग, बलिदान, शौर्य और संघर्ष के बल पर हमें आजादी प्राप्त हुई है। उन्होंने सीमा पर तैनात वीर जवानों को नमन करते हुए कहा कि उनके कारण ही हमारे देश की सीमाएं सुरक्षित हैं।
राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत संभावनाओं और सामर्थ्य से भरा हुआ है जो सतत विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास करते हुए देश ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। हमने स्वतंतत्रा के 100 वर्षों अर्थात 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है, आने वाले अमृतकाल के इन 23 वर्षों में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी वर्गों का सहयोग जरूरी है।
राज्यपाल ने कहा कि देश की इस विकास यात्रा के साथ ही नया उत्तराखण्ड भी मजबूत इरादों से निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रदेश आज देश में तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक है। आर्थिक वृद्धि दर और विकास के कई सूचकांकों में सुधार कर उत्तराखण्ड ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी के कथन के अनुरूप 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के पथ पर तीव्र गति से अग्रसर है इसमें युवा, किसान, मातृशक्ति और उद्यमियों की बड़ी भूमिका है।
राज्यपाल ने कहा कि टेक्नोलॉजी, एआई, स्पेस, साइबर, क्वांटम, रोबोटिक्स साइंस में अनंत संभावनाएं हैं, इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच को और मजबूत करने के प्रयास करने होंगे, जिससे हम देश के अग्रणी राज्य बनने में सफल हो सकें। उन्होंने कहा कि हमारी मातृशक्ति, प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। हमें राज्य में संतुलित विकास तथा राष्ट्र निर्माण के लिए महिलाओं और युवाओं की क्षमता कौशल वृद्धि पर विशेष ध्यान केंद्रित करना है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने ‘‘आत्मा के स्वर’’ पुस्तक के खण्ड-2 का विमोचन किया। आत्मा के स्वर का यह दूसरा खण्ड राज्यपाल के 108 संबोधनों का संकलन है। आत्मा के स्वर पुस्तक में राज्यपाल द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, उत्सवों एवं दीक्षांत समारोह आदि के 108 प्रमुख संबोधनों का संकलन है। साथ ही पुस्तक में कुछ महत्वपूर्ण भाषणों में क्यूआर कोड दिए गए हैं जिन्हें स्कैन कर यूट्यूब में भी भाषणों को सुना जा सकेगा।

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