केदारनाथ त्रासदी के 11 साल : भव्य स्वरूप में बदल रही है केदारपुरी की सूरत … मास्टर प्लान के अनुसार किए जा रहे हैं विकास एवं पुनर्निर्माण कार्य

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देहरादून(उद ब्यूरो)। केदारनाथ में हुई भीषण त्रसदी की बरसी पर एक बार फिर 2013 का वह खौफनाक मंजर लोग भुला नहीं पाये हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम में वर्ष 2013 की त्रसदी में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए केदारपुरी के पुनर्निर्माण में सहयोगी बनने का संकल्प लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री मोदी ने केदारपुरी के भव्य पुनर्निर्माण का संकल्प पूरा किया। इसका वृहद् मास्टर प्लान बनाकर सुनियोजित और चरणबद्ध तरीके से सभी कामों को पूर्ण किया गया। उन्होंने कहा कि आज श्री केदारनाथ धाम अपने भव्य और दिव्य स्वरूप में हम सबके सामने है। केदारनाथ धाम यात्र हेतु विभिन्न सुविधाओं का विकास कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष बचे हुए कामों को पूर्ण किया जा रहा है। यात्रियों के लिए शीघ्र ही रोप-वे का निर्माण कार्य भी पूर्ण हो जाएगा। गौरतलब है कि देवभूमि में 11 साल पहले केदारनाथ आपदा ने जो जख्म दिया था, वह अब भरने लगा है। केदारपुरी की सूरत बदल रही है। तीर्थ यात्रियों के लिए अब यात्र का अनुभव और बेहतर होने लगा है। केदारनाथ मास्टर प्लान का पहले चरण का काम पूरा होने के बाद अब दूसरे चरण में 23 में से 11 परियोजनाओं का काम पूरा कर लिया गया है। 12 योजनाओं पर काम तेजी से चल रहा है। धाम में यात्री सुविधाओं के साथ ही केदारपुरी को दिव्य एवं भव्य बनाए जाने के लिए मास्टर प्लान के अनुसार विकास कार्य एवं पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। मंदिर मार्ग को पौराणिक और भव्य स्वरूप दिया जा रहा है, ताकि तीर्थयात्री मंदिर व मंदिर के प्रवेश द्वार का काफी दूरी से दीदार कर सकें। 2013 में 15, 16 और 17 जून को भारी जलप्रलय और बाढ़ से मंदिर परिसर सहित संपूर्ण केदारघाटी में भीषण तबाही हुई थी। 20 अक्टूबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ दर्शन करने के बाद केदारपुरी के पुनर्निर्माण की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत धाम परिसर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ पैदल मार्ग को भी भव्य रूप दिया जा रहा है। मास्टर प्लान के तहत पूरे क्षेत्र को कुल छह जोन में बांटा गया है। जोन-2 के तहत मंदिर मार्ग को भव्य और पौराणिक स्वरूप देने लिए प्रतिष्ठित और अनुभवी आर्किटेक्ट की मदद ली गई है। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय से की जा रही है। इसके अलावा राज्य की मुख्य सचिव को पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी का जिम्मा दिया गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी दो बार केदारनाथ पहुंचकर पुनर्निर्माण कार्योंं का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही मुख्यालय में संबंधित अफसरों की समीक्षा बैठक ले चुकी हैं। 2017 में श्री केदारनाथ उत्थान चौरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। ट्रस्ट ने सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों से सीएसआर मद के तहत पहले चरण में 225 करोड़ के काम पूरे कर लिए हैं। अब दूसरे चरण में 198 करोड़ के निर्माण कार्य व तीर्थ यात्रियों के लिए 190 करोड़ से आवासीय सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। इन कार्यों के इस साल पूरा होने का अनुमान है। योगेंद्र सिंह, सीईओ, केदारनाथ विकास प्राधिकरण के अनुसार केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्य लोक निर्माण विभाग के माध्यम से किए जा रहे हैं। पहले चरण के काम पूरे होने के बाद अब दूसरे चरण में भी तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। केदारनगरी में ये काम हुए पूरे: मंदिर के सेंट्रल एक्सिस व एप्रोच रोड का निर्माण पूरा। सेंट्रल एक्सिस व एप्रोच मार्ग के दोनों और भवनों की सुरक्षात्मक प्रतिधारक दीवार व यूटिलिटी डक्ट बनाई गई। केदारपुरी के पुनर्निर्माण के तहत 50 फीट चौड़ा गलियारा बनाया गया। प्राथमिक चिकित्सा पर्यटक सुविधा केंद्र तैयार। मंदाकिनी नदी की ओर वाटर एटीएम लगाया गया। गौरीकुंड में सुरक्षा गेट का निर्माण पूरा। सोनप्रयाग में रेन शेल्टर बनाया गया। सरस्वती नदी की ओर वाटर एटीएम लगाय गया। प्रवचन हॉल के पीछे रेन शेल्टर पूरा। ईशानेश्वर मंदिर का निर्माण पूरा। निर्माण कार्य जो अभी चल रहे हैं: संगम घाट का पुनर्विकास एवं पुनर्निर्माण कार्य। केदारनाथ धाम में सिविक सेंटर और इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण। प्रशासनिक कार्यालय व अस्पताल भवन निर्माण कार्य। केदारनाथ धाम परिक्षेत्रन्तर्गत भवनों का निर्माण कार्य। केदारनाथ धाम में यात्री आवासों का निर्माण सरस्वती प्लाजा एवं सिविक एमिनिटीज बिल्डिंग का निर्माण कार्य। सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट का निर्माण कार्य। केदारनाथ धाम में 54 मीटर स्पान सेतु का निर्माण कार्य।

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