राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधोयक पर लगाई मुहर
देहरादून (उद संवााददाता)। उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाये गये ऐतिहासिक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अब नियमावली बनने के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी की पुष्टि सचिव गृह शैलेश बगोली ने की है। उत्तरसखंड के राज्यपाल ने यूसीसी विधेयक राष्ट्रपति को भेजा था। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया है। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया था। उत्तराखंड विधानसभा से यूसीसी बिल पास होने के बाद इसे राजभवन भेजा गया था। इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना था। अब राष्ट्रपति से मुहर लगने के बाद यूसीसी राज्य में कानून लागू हो जाएगा। आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया था। विधानसभा सदन में विधेयक ध्वनिमत से पास हुआ था। यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक नियम के तहत काम करता है। इसके तहत सभी धर्म के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत और उत्तराधिकार जैसे कानूनों को एक कॉमन कानून के तहत नियंत्रित करने की बात कही गई है। फिर चाहे वो व्यत्तिफ किसी भी धर्म का क्यों न हो। मौजूदा समय में अलग-अलग धर्मों में इन्हें लेकर अलग-अलग राय और कानून हैं। यूनिफॉर्म सिविल कोड सबसे पहले ब्रिटिश सरकार के समय आया था जब ब्रिटिश सरकार ने सबूत, अपराध और अनुबंधों से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में भारत की संहिताकरण की एकरूपता को लेकर जोर दिया गया। रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि हिंदू और मुस्लिम के व्यत्तिफगत कानून संहिताकरण से बाहर रहे।