सिल्क्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन : ऑगर मशीन का सारा मलबा हटाया,अब मैनअुल खुदाई भी शुरू करने की तैयारी

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सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिल 36 मीटर तक की जा चुकी है
उत्तरकाशी(उद संवाददाता)। टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इंतजार लंबा होता जा रहा है। परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। 16 दिन से फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अब मैनअुल खुदाई भी शुरू करने की तैयारी है। यह खुदाई उस तरफ से होगी, जहां ऑगर मशीन 48 मीटर पाइप टनल बनाने के बाद फेल हो गई थी। उम्मीद की जा रही है कि रेस्क्यू टीम मंगलवार को मजदूरों तक पहुंच सकती हैं। वहीं सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिल 36 मीटर तक की जा चुकी है। सोमवार को प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला व मुख्य सचिव एसएस संधू ने रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों के साथ अभियान की समीक्षा की।उधर माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया। जल्द ही मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी। हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है। यह निर्भर करता है जमीन कैसे व्यवहार करती है। अगर हम कुछ जालीदार गर्डर से टकराते हैं। तो हमें जाली गर्डर को काटना होगा, लेकिन विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं। मैन्युअल ड्रिल करने वाली रैट माइनर की टीम में राकेश राजपूत, प्रसाद लोधी, बाबू दामोर भूपेंद्र राजपूत, जैतराम ये पांच रैट माइनर केलपुरा टीकमगढ़ मध्य प्रदेश के निवासी हैं। जबकि एक बिहार निवासी है। मैन्यूअल ड्रिलिंग में रैट माइनर की टीम के साथ सेना इंजीनियरिंग रेजीमेंट भी सहयोग करेगी। बीआरओ के फार्मर इंजीनियरिंग चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि अगर कोई बाधा नहीं आई तो, 24 से 36 घंटे के अंतराल में सुरंग में फंसे श्रमिकों का सकुशल रेस्क्यू किया जाएगा। वहीं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के मुहाने के पास बने मंदिर में पूजा-अर्चना की।

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