अब कर्णप्रयाग में भी घरों में पड़ी दरारें,रिश्तेदारों के घरों में ली शरण
चमोली। जोशीमठ से शुरू हुआ भू-धंसाव अब कर्णप्रयाग तक पहुंच गया है। कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में मौजूद करीब पचास घरों में दरार आने लगी हैं। भू-धंसाव के कारण इन घरों की दीवारें दकरने लगी हैं। घरों के दरकने के बाद पीड़ितों ने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है। घरों में दरार आने के बाद खतरे को भांपते हुए बहुगुणा नगर के कई परिवार यहां से जा चुके हैं। सभी ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ली है। वहीं, कर्णप्रयाग के अपर बाजार वार्ड के तीस परिवारों पर भी ऐसा ही संकट आया है। सभी लोग प्रदेश सरकार से मदद मांग रहे हैं। प्रभावितों का कहना है कि यहां पर मंडी बनाने के लिए खुदाई की गई थी, जिसके बाद मकान हिल गए और अब मकान पूरी तरह से ध्वस्त होने की कगार पर हैं। बरसात के दौरान यहां पर रहने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है। अभी तो जैसे-तैसे काम चला रहे हैं। यदि बरसात हो गई तो लोग कहां जाएंगे। उधर जोशीमठ सहित दूसरे इलाकों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। सेना को अलर्ट मोड पर रखा गया है। गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासन लगातार सेना के अधिकारियों के साथ संपर्क में है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ;इसरोद्ध से जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरें ली जाएंगी। पिछले चार महीनों की तस्वीरों को लेकर समझा जाएगा कि आखिर हालात ऐसे क्यों बन रहे हैं? 2-3 दिन में इसरो की ओर से यह तस्वीरें सामने आ सकती हैं। बता दें जोशीमठ पर पैदा हुआ संकट मामूली नहीं है। भू-गर्भीय रूप से यह इलाका काफी संवेदनशील है और सिस्मिक जोन-5 के अंदर आता है। इस शहर में हो रहे धंसाव की आशंका पहले ही पैदा हो गई थी और सरकार की विशेषज्ञों की टीम ने एक रिपोर्ट भी तैयार की थी।
दरारों ने नैनीताल में भी बढ़ाई टेंशन
नैनीताल। भू धंसाव और दरारों ने सरोवर नगरी नैनीताल में भी टेंशन बढ़ा दी है। भूस्खन के चलते नैनीताल का ऐतिहासिक बैंड स्टैंड छह माह से पर्यटकों के लिए बंद है।जुलाई में बैंड स्टैंड के समीप की दीवार भरभराकर झील में जा गिरी थी। जिससे बैंड स्टैंड से लेकर वाल्मीकि पार्क की ओर से दरारें लगातार बढ़ रही है। सिंचाई विभाग ने क्षतिग्रस्त दीवार के निर्माण और अन्य सुरक्षा कार्यों के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को भेज है। लेकिन ट्रीटमेंट के लिए बजट अब तक जारी नहीं हो सका हैं। तीन वर्ष पूर्व मल्लीताल बैंड स्टैंड के समीप फुटपाथ में बड़ी दरार उभर आई थी। तब विभाग की ओर से तात्कालिक सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए। जुलाई 2022 में सुरक्षा दीवार ढह कर झील में समा गई। जिससे बैंड स्टैंड में भी बड़ी-बड़ी दरारें उभर आई। सिंचाई विभाग सहित प्रशासनिक अफसरों की टीम ने निरीक्षण कर कहा था कि जल्द क्षतिग्रस्त दीवार का काम शुरू हो जाएगा। अब जिम्मेवार लोग उस ओर झांकने तक नहीं जा रहे हैं। बैंड स्टैंड के आसपास बेरीकेडिंग कर दी गई थी। इससे इस स्थल पर खड़े होकर पर्यटकों का झील को नजदीक से निहारना भी बंद है।