मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर फूटा गुस्सा!
घर आने की आस लगाये लोग बोले सद्बुुद्धि दो केदारनाथ बाबा
अनिल सागर
देहरादून ।लाॅकडाउन के बाद उत्तराखंड से बाहर अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों का सब्र का बांध टूट रहा है। लोगों ने सीधे मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर उन्हें केदारनाथ बाबा से सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर उत्तराखंड से बाहर फंसे लोगों का आरोप है कि वह लोग बिना खाए पिए अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं ,लेकिन उनकी प्रदेश की सरकार को उन्हें अपने गांव वापस लाने की बिल्कुल भी चिंता नहीं है । मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर उत्तराखंड से बाहर फंसे दिल्ली गाजियाबाद ,गुड़गांव, चंडीगढ़, पंजाब ,गुजरात, महाराष्ट्र आदि क्षेत्रों में फंसे लोगों ने मुख्यमंत्री से उन्हें जल्द उत्तराखंड लाने की मांग की है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर उन्हें जल्द नहीं लाया गया तो उनके सामने गंभीर संकट पैदा होगा जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी। दरअसल आज और कल मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने की बधाई दी गई थी इसी फेसबुक पर उत्तराखंड से बाहर फंसे लोगों ने उन्हें उत्तराखंड लाने के लिए अपील की। बाहर फंसे लोगों का कहना था कि वह पिछले 40 दिनों से संकट के दौर से गुजर रहे हैं। वह अपने गांव अपने प्रदेश में वापस आना चाहते हैं। देश की कई सरकारों ने अपने अपने राज्य के लोगों को वापस बुलाने का प्रयास किया है क्यों ना उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी हमें वापस लाने का प्रयास करें। लोगों ने फेसबुक कमेंट करते हुए कहा है कि बाबा केदारनाथ आप पर कृपा बनाए रखें। साथ ही कई लोगों ने कमेंट में यह भी कहा कि बाबा केदारनाथ हमारे मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि दे कि वह हमारे लिए ऐसा कोई प्लान बनाएं जिससे कि हम अपने गांव प्रदेश को वापस आ जाएं। मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर ऐसे अनगिनत मैसेज आ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी फेसबुक पेज पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा या मुख्यमंत्री के किसी सलाहकार द्वारा प्रदेश से बाहर फंसे लोगों को कोई ऐसा संदेश नहीं दिया जा रहा है जिससे कि उनको थोड़ी सी राहत मिले। ऐसे ही कल मुख्यमंत्री के फेसबुक में उत्तराखंड के लोगों को संदेश दिया गया था कि कोरोना संकट से वह जल्दी उबर जाएंगे। इसी फेसबुक पेज पर भी बाहर फंसे लोगों ने उन्हें उत्तराखंड में लाने की अपील की। साथ ही उन्हें सख्त शब्दों में अपनी बात रखकर एहसास दिलाया कि वह भी उत्तराखंड के रहने वाले हैं उनके लिए भी उत्तराखंड की सरकार को सोचें जैसे कि अन्य प्रदेशों की सरकार सोच रही है। मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर उत्तराखंड से बाहर फंसे लोग तो मांग कर ही रहे हैं लेकिन उत्तराखंड में भी कई लोग एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए बेताब हैं। ऐसे ही मुख्यमंत्री फेसबुक पर मसूरी के युवक ने रुद्रप्रयाग जाने की इच्छा जताते हुए कहा कि उसके पास ना खाने का ना रहने का ठिकाना है उसे रुद्रप्रयाग भेजने की व्यवस्था कराई जाए। ऐसे हजारों लोग जो प्रदेश से बाहर फंसे हैं ,उनके सामने कोरोना के दौर में एक संकट आ खड़ा हुआ है। हर कोई अपने गांव यह प्रदेश में वापस आना चाहता है। संकट के दौर में बाहर फंसे लोगों का यह भी कहना है कि जहां हम फंसे हैं महाराष्ट्र गुजरात दिल्ली ऐसी जगह पर करो ना संकट ज्यादा फैला हुआ है और हम अपने सुरक्षित गांव की ओर आना चाहते हैं ,लेकिन शायद सरकार को डर है कि मुंबई महाराष्ट्र, गुजरात,चंडीगढ़ में कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा है अगर वह लोग उत्तराखंड में आते हैं तो कोरोना महामारी ज्यादा फैल सकती है लेकिन फिर भी कोरोना संकट में बाहर फंसे लोग अपनी जांच के बाद ही अपने गांव में आने की बात कर रहे हैं। उन्हें डर है कि पिछले 40 दिन के संकट वह गुजर गए हैं लेकिन आने वाला संकट उनके लिए कोई दूसरी मुसीबत ना खड़ी कर दे। इसलिए ऐसे लोग अपने गांव की ओर ही रुख करना चाहते हैं। कोरोना संकट के बीच जो लोग बाहरी प्रदेशों में फंसे हुए हैं उनके सामने घर वापस आने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। दरअसल इनमें से अधिकतर लोगों को जो लोग प्राइवेट कंपनियों या होटलों में काम करते थे उनको लंबे समय के लिए घर जाने की सलाह दी गई है। क्योंकि इन कंपनियों का होटलों में भी आने वाले समय में रोजगार के साधन कम होने की संभावना है। इसके अलावा प्राइवेट कंपनियों में भी कोरोना के चलते छटनी होना तय है।