इस बार 20 करोड़ के घाटे को पार करेगी किच्छा चीनी मिल
सीएम दरबार पहुंचे विधायक शुक्ला, मिल प्रशासन पर लगाए कई गंभीर आरोप,कहा चीनी मिल चलाने प्रबंधन फेल
नरेश जोशी
रुद्रपुर । किच्छा चीनी मिल इस बार 20 करोड़ों के घाटे को पार करने जा रही है। इसका खुलासा खुद किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने किया है। विधायक शुक्ला ने मिल प्रशासन पर तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इसकी लिखित शिकायत की है। विधायक राजेश शुक्ला ने आज प्रातः देहरादून से लौटने के बाद यह जानकारी दी ।उन्होंने बताया कि किच्छा शुगर कंपनी मैं सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया है। विधायक शुक्ला ने हैरानी जताते हुए कहा कि ,जिस चीनी मिल में मिल शुभारंभ के पहले दिन ही ब्रेकडाउन हो गया हो उस चीनी मिल में किसानों के संपूर्ण गन्ने की पिराई कैसे संभव हो सकेगी। उनका कहना था कि किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा सड़ रहा है और मिल प्रशासन चीनी मिल में बैठकर सेटिंग गेटिंग का खेल, खेल रहा है। उन्होंने कहा कि एसी कमरे में बैठकर किसानों के दर्द का मजाक बनाने वालों को चीनी मिल में रहने का कोई अधिकार नहीं है । उन्होंने इस मामले की शिकायत स्वयं मुख्यमंत्री से की है। उन्होंने बताया कि बीते रोज मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन से पास बनाकर वह स्वयं मुख्यमंत्री से मिलने गए और उन्होंने सीएम को मिल प्रशासन के इस पूरे खेल से अवगत करा दिया है। विधायक का आरोप है कि मिल प्रशासन ने समय रहते चीनी मिल का मेंटेनेंस नहीं कराया जिस कारण मिल में बार-बार तकनीकी खराबी आती रही बार-बार ब्रेक डाउन होने के बाद जब मिल को फिर से प्रारंभ किया जाता है तो उसके बाॅयलर को एक बार फिर से गर्म करना पड़ता है इस तरह बार-बार बाॅयलर को गर्म करने के चक्कर में मिल प्रशासन ने अब तक लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की बगास जला डाली। उन्होंने गन्ना समितियों के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ गन्ना समिति के सुपरवाइजर गन्ना माफियाओं के साथ मिले हुए हैं। उन्होंने इस बात पर बेहद हैरानी जताते हुए कहा कि सितारगंज क्षेत्र में इस बार गन्ना किसानों ने गन्ने की फसल पिछले वर्ष की तुलना मे कम लगाई है उसके बावजूद भी सितारगंज के किसानों के गन्ने के सट्टे को कम नहीं किया गया। इसका सीधा फर्क किच्छा चीनी मिल से जुड़े गन्ना किसानों पर पड़ा ।गन्ने की पर्ची की आड़ में गन्ना माफिया उत्तर प्रदेश से गन्ना किच्छा चीनी मिल लाते रहे और क्षेत्र के किसानों का गन्ना खेत में सूखता रहा साथ ही उन्होंने मिल प्रशासन पर आरोप लगाया कि वहां मुख्य लेखाकार के पद पर गन्ना मिल से सेवानिवृत्त व्यक्ति को रखा गया है जो नियम विरुद्ध है। इससे स्पष्ट होता है कि किच्छा चीनी मिल प्रशासन में सेटिंग गेटिंग का खेल चल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बताया कि बार-बार मिल में ब्रेक डाउन होने के कारण क्षेत्र के किसानों का गन्ना चीनी मिल नहीं ले पा रही है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसान दोहरी मार झेल रहा है, एक और तो गन्ना माफियाओं ने गन्ना समितियों के सुपरवाइजरों से सेटिंग करके गन्ने की पर्ची को हथिया रखा है जिसके कारण उत्तर प्रदेश का गन्ना किच्छा चीनी मिल आ जाता है और स्थानीय किसानों का गन्ना मिल में नहीं पहुंच पा रहा।
गन्ना समिति कर रही घोर लापरवाहीः शुक्ला
किच्छा। विधायक राजेश शुक्ला ने आज किच्छा गन्ना सोसाइटी में एक गन्ना किसान द्वारा आत्मदाह के प्रयास को गन्ना समिति की घोर लापरवाही बताया।
उन्होंने कहा कि वह इस बात को भली-भांति जानते हैं कि गन्ना समिति के सुपरवाइजर मौके पर सर्वे करने नहीं जाते हैं जबकि हर वर्ष गन्ने का सर्वे होना चाहिए जिसके कारण गलत सट्टे बनते हैं और जायज किसान को गन्ने की पर्ची नहीं मिल पाती यही कारण है कि उसका गन्ना खेतों में खड़ा सूख रहा है