बैंक कर्मी दूसरे दिन भी ह़डताल पर रहे
रुद्रपुर/काशीपुर। विभिन्न ट्रेड यूनियनों के दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बंद के आहवान पर आज दूसरे दिन भी तमाम बैंकों, बीमा कार्यालयों, विभिन्न सरकारी विभागों आदि कार्यालयों में ताले लटके रहे जिससे कामकाज पूरी तरह प्रभावित रहा। वहीं करोड़ों रूपए का व्यापार भी नहीं हो सका। बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तो वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी भी मुख्य द्वार पर एकत्रित हुए जहां उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर गुबार निकाला। डाकघर में कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर ताला जड़कर विरोध प्रदर्शन किया। इधर पेयजल व विद्युत विभाग में कर्मचारियों की हड़ताल से कामकाज प्रभावित हुआ। रोषित कर्मचारियों ने कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा उनके हितों की निरन्तर उपेक्षा की गयी तो भविष्य में आंदोलन और तेज किया जायेगा। काशीपुर- दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंकों की हड़ताल सफल रही जिसमें देश के 45 संगठनों के करोड़ों श्रमिकों ने भाग लिया। आज बैंकों के सदस्य बैंक आफ बड़ौदा की मुख्य शाखा के बाहर एकत्र हुए। वक्ताओं ने बताया कि देश की 10 ट्रेड यूनियनों के करोड़ों श्रमिकों ने बैंक संगठनों से मिलकर देश व्यापी हड़ताल की थी। उनकी मांग है कि बैंकों का 11वां वेतन समझौता व केंद्रीय कर्मचारियों का सातवां वेतनमान शीघ्र लागू हो, अपडेट पेंशन, फैमिली पेंशन बढ़ायी जाये, 18हजार रूपए न्यूनतम वेतन हो, लेबर नियमों को कर्मचारी विरोधी न बनाया जाये, सभी को बोनस मिले, बैंकों का मर्जर न किया जाये, बैंकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाये, उनका निजीकरण न किया जाये, एनपीए की रिकवरी शीघ्र हो, एफडीआई डिफेंस बीमा व रेलवे में बंद हो। इस दौरान स्वतंत्र कुमार मेहरोत्र, अजय कुमार आर्या, सुभाष शर्मा, संजय कुमार, रवि कम्बोज, अर्पित सिंह, विकास रूहेला, अखिल टंडन, कैलाश गोस्वामी, नरीराम, बीएस नेगी, मुदित जोशी, कश्मीर सिंह, जगत सिंह, रमेश चंद, अरविंद राठी, जैनेंद्र कुमार, नवीन बिष्ट, दिगम्बर सिंह, दिग्विजय सिंह, सुमित, उमेश, हरेंद्र सिंह, संजय गिरी, राजेंद्र कुमार, संजीव कुमार, गौतम, राजीव मेहरोत्र, चंद्रपाल, निरंजन, नितिन गोला, राकेश कुमार, नवीन, डीके मिश्रा, सुेदरलाल, धीरज, कैलाश चंद, गिरीश पोखरियाल, संजय, आरपी शाह, अमित, जितेंद्र रौतेला, देवेंद्र फर्त्याल, सुनील, सचिन आदि शामिल थे।