नया परिसीमन बना रामपाल की जीत का आधार!!..पुराने वार्डों से नंदलाल को मिले बंपर वोट
भाजपा और कांग्रेस के धुरंधर भी नहीं बचा पाये अपनों की लाज
सुनील राणा
रुद्रपुर। राज्य सरकार ने रूद्रपुर नगर निगम के वार्डों का जब विस्तार किया था और रूद्रपुर नगर निगम में 20 की जगह 40 वार्ड घोषित किये थे और कई ग्रामीण क्षेत्रें को नगर निगम में शामिल किया था तो इसका कुछेक क्षेत्रें में विरोध हुआ था लेकिन इन इलाकों के कई लोग नगर िनगम में शामिल होने पर सहमत थे। लम्बी उठापटक के बाद आखिरकार रूद्रपुर नगर निगम में 40 वार्डों की सूची जब तैयार की गयी तो उसमें बिगवाड़ा, फाजलपुर महरौला,मॉडल कालोनी, सिंह कालोनी, फुलसुंगा, एलायंस, भूरारानी, सिडकुल, जगतपुरा आदि क्षेत्रें समेत अन्य कई क्षेत्र भी शामिल हुए और नगर के वार्डों का भी विस्तार किया गया। जब नगर निकाय चुनाव की घोषणा हुई तो कांग्रेस और भाजपा भी इन वार्डों को लेकर अपने प्रति आशान्वित थे। लेकिन मतगणना के बाद जो परिणाम आये वह कांग्रेस की पेशानी पर बल डालने के लिए काफी थे। क्योंकि इन नये वार्डों के मतदाताओं ने एकतरफा भाजपा प्रत्याशी को जीत दिला दी और मेयर प्रत्याशी रामपाल की जीत में अहम भूमिका निभायी जहां ओवरआल रामपाल 5134 मतों से जीते। नये परिसीमन के बाद रूद्रपुर नगर निगम में जुडे़ नये क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रामपाल को 11543 मत हासिल हुये। जबकि इस नये क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी नन्दलाल को 9139 मत प्राप्त हुये। जिसमें पुराना सीर गोटिया के मत भी शामिल है। यदि इनकी तुलना की जाये तो भाजपा प्रत्याशी रामपाल को कांग्रेस प्रत्याशी नंदलाल से लगभग 3500 वोटों से बढ़त हासिल हुई थी। शहर के अन्य वार्डों का आंकलन करें तो कहीं कहीं कांग्रेस प्रत्याशी नंदलाल भी बढ़त लेते दिखायी दिये लेकिन नये वार्डों का समीकरण पूरी तरह से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में रहा जो आने वाले चुनाव में कांग्रेस के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। नये परिसीमन के बाद रूद्रपुर नगर निगम में शामिल हुये वार्ड 1 फुलसुंगा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी रामपाल को 1629 और कांग्रेस प्रत्याशी नंदलाल को 1652 मत प्राप्त हुए। वार्ड 16 बगवाड़ा में रामपाल को 2503 और नंदलाल को 1196, वार्ड 25 फाजलपुर महरौला में रामपाल को 1792 और नंदलाल को 1349 मत प्राप्त हुए। वार्ड 26 सीर गौटिया जो मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है इस बार माडल कालोनी को इसमें सम्मिलित किया था वहां से भी रामपाल को 682 मत प्राप्त हुए। लेकिन यहां से 1382 मत प्राप्त कर नंदलाल ने बढ़त हासिल की थी। वार्ड 31 एलायंस में रामपाल को 1035 और नंदलाल को 698, वार्ड 32 भूरारानी से रामपाल को 1492 और नंदलाल को 1251, वार्ड 33 सिंह कालोनी से रामपाल को 1462 और नंदलाल को 723, वार्ड 40 सिडकुल से रामपाल को 948 और नंदलाल को 888 मत प्राप्त हुए। वार्ड नं 25 फाजलपुर महरौला से भाजपा को 1792 और कांग्रेस को 1349 मत हासिल हुये। इन नये वार्डों में भाजपा मेयर प्रत्याशी रामपाल ने लगभग 3500 वोटों से बढ़त बनायी। जबकि पूर्व के परिसीमन वाले रूद्रपुर नगर निगम क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का संघर्ष रहा और अंतिम रूप से पुराने क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी केवल 1600-1700 मतों की ही बढ़त बना पाये। कुल मिलाकर नये परिसीमन के बाद रूद्रपुर नगर निगम क्षेत्र में शामिल हुये क्षेत्रें ने ही भाजपा प्रत्याशी की जीत का रास्ता साफ किया। यदि पुराने क्षेत्र के अनुसार ही रूद्रपुर नगर निगम में चुनाव होता तो आज स्थिति कुछ ओर होती। बहरहाल नये परिसीमन के बाद भाजपा की स्थिति मजबूत होने से ही आज नगर निगम के मेयर पर भाजपा का राज स्थापित हो सका।
भाजपा और कांग्रेस के धुरंधर भी नहीं बचा पाये अपनों की लाज
रुद्रपुर। नगर निकाय चुनाव में ऐसे कई वार्ड रहे जहां भाजपा और कांग्रेस के धुरंधरों को हार का सामना करना पड़ा। इन वार्डों से जहां इन धुरंधरों की प्रतिष्ठा दांव पर थी वहीं निकाय चुनाव में उन्होंने इस वार्डों में पूरा दमखम लगा दिया था लेकिन मतदाताओं ने उन्हें नकार दिया। नगर निकाय चुनाव के 40 वार्डंोर्ं की मतगणना समाप्त हो गयी। भाजपा के मेयर सहित अधिकांश वार्डां में भाजपा ने जीत हासिल की तो कांग्रेस भी कमोबेश पीछे नहीं रही लेकिन ऐसे कई वार्डों में उलटफेर रहा जहां भाजपा के दिग्गज चुनाव में डटे हुए थे। नगर निकाय चुनाव में भाजपा की ओर से विधायक राजकुमार ठुकराल, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश परिहार, वेद ठुकराल, उपेंद्र चौधरी, भारत भूषण चुघ, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमारी गिरी सहित तमाम आला नेताओं ने कमान संभाल रखी थी वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़, कांग्रेस नगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा, प्रदेश सचिव हिमांशु गाबा के हाथों बागडोर थी लेकिन नगर निकाय चुनाव में भाजपा की सबसे हॉट कही जाने वाली सीट भूरारानी पार्टी के हाथ से निकल गयी। भूरारानी में राजकुमारी गिरी के हाथों कमान थी वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता भारत भूषण चुघ की प्रतिष्ठा भी दांव पर थी। इस सीट पर उनके छोटे भाई तरूण चुघ पार्षद का चुनाव लड़ रहे थे लेकिन इस प्रतिष्ठित सीट पर हुए नगर निकाय के पहले चुनाव में ही चुघ को हार का सामना करना पड़ा। भूरारानी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मोहन खेड़ा ने जीत हासिल की। वहीं एलायंस सीट पर भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा और वरिष्ठ भाजपा नेता हरीश जल्होत्र की नजर थी क्योंकि एलायंस उनका गृहक्षेत्र है। यहां भाजपा की कुसुम दीक्षित को भी हार का सामना करना पड़ा। आवास विकास क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी सिमरन कामरा चुनावी मैदान में थीं। आवास विकास पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ का गृहक्षेत्र है यहां अपने गृहक्षेत्र में भी बेहड़ को हार का सामना करना पड़ा। आवास विकास सीट से कामरा को भाजपा प्रत्याशी रीना जग्गा ने शिकस्त दी। सिविल लाइन क्षेत्र पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा का गृहक्षेत्र है जहां से कांग्रेस के मनोज मदान मैदान में थे। श्रीमती शर्मा के भरसक प्रयासों के बाद भी मदान को हार का मुंह देखना पड़ा। यहां से भाजपा प्रत्याशी आयुष मदान ने जीत हासिल की। वहीं विधायक राजकुमार ठुकराल को अपने गृहक्षेत्र से जरूर जीत हासिल हुई लेकिन उनके तीन खास कहे जाने वाले चहेतों को भी हार का सामना करना पड़ा जिनमें वार्ड 40 सिडकुल से अनिल कोली उर्फ बंटी, वार्ड 29 आदर्श कालोनी से ललित बिष्ट की पत्नी सोनम सागर को भी हार ही मिली। भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे फुलसुंगा वार्ड 1 से आशीष छाबड़ा को भी हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि छाबड़ा के समर्थन में विधायक ने दमखम लगाया था। नगर निकाय चुनाव में दिग्गजों के करीबियों की हार ने यह साबित कर दिया कि मतदाता सर्वोपरि है और भाग्य पलटने में देर नहीं लगाता।
विधायक के वार्ड में पहली बार जीती भाजपा
रुद्रपुर। पहले नगर पालिका और फिर नगर निकाय चुनाव में आदर्श कालोनी वार्ड से हमेशा ही कांग्रेस का दबदबा रहा है। इस वार्ड में पहले सभासद और फिर पार्षद पद पर कमोबेश खुराना परिवार का दबदबा रहा है। सबसे पहले गौरव खुराना के पिता, उसके बाद गौरव की भाभी और उसके पश्चात स्वयं गौरव नगर पालिका पहुंचे थे। इस वार्ड में पूर्व में भी कांग्रेस के ही पक्ष में मतदाता रहे हैं। लेकिन इस बार विधायक राजकुमार ठुकराल ने कई दशकों से चला आ रहा कांग्रेस का दबदबा समाप्ता किया और भाजपा के आयुष तनेजा को जीत हासिल करायी। आयुष ने कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज मदान को शिकस्त दी। मनोज के पूरे चुनाव की कमान गौरव खुराना ने संभाल रखी थी वहीं आयुष को विधायक ठुकराल का आशीर्वाद प्राप्त था। विधायक ठुकराल ने अपने वार्ड के अलावा अन्य वार्डों में भी पार्षदों की जीत में अहम भूमिका निभायी। विधायक ठुकराल का कहना है कि इन्द्रा कालोनी में भी पिछले कई चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी जीत हासिल करते थे लेकिन इस बार वहां भी मतदाताओं ने उलटफेर किया और अम्बर सिंह ने जीत हासिल की। इस वार्ड पर भी विधायक ठुकराल की नजर बनी रही। इन वार्डों के अलावा सिंह कालोनी में सुशील चौहान ने भी जीत हासिल की और विधायक ठुकराल और चौहान परिवार की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि क्षेत्र में विधायक ठुकराल का जादू बरकरार है।