अयोध्या विवाद की सुनवाई तीन माह टली
नई दिल्ली। देश में राम मंदिर निर्माण को लेकर चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट में आज अयोध्या विवाद पर सुनवाई हुई। सोमवार को अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई मात्र 3 मिनट में ही टल गई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने अब इस मामले के लिए जनवरी, 2019 की तारीऽ तय की है। यानी अब ये मामला करीब 3 महीने बाद ही कोर्ट में उठेगा। आज की सुनवाई में विवादित भूमि को तीन भागों में बांटने वाले 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के िऽलाफ दायर याचिकाओं पर होनी थी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ये मामला अर्जेेंट सुनवाई के तहत नहीं सुना जा सकता है। इससे पहले 27 सितंबर 2018 को कोर्ट श्मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहींश् वाले फैसले के िऽलाफ याचिका पर पुनर्विचार से इनकार कर दिया था और कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि -बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और पूर्व का फैसला इस मामले में प्रासंगिक नहीं है। 27 सितंबर को ही कोर्ट ने 29 अक्टूबर की तारीऽ तय की थी। हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 30 सितंबर, 2010 को 2ः1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2।77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्माेही अऽाड़ा और राम लला में बराबर- बराबर बांट दिया जाए। इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में ये केस बीते 8 साल से है। 2019 के आम चुनाव से पहले इस मसले ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। हालांकि, इस मामले में कोर्ट का फैसला कब तक आ पाएगा ये नहीं कहा जा सकता, लेकिन राम मंदिर निर्माण के पक्षकारों और इसका समर्थन करने वाले दलों ने स्वर तेज कर दिए हैं। बीजेपी नेता इस मामले की जल्दी सुनवाई का आ“वान कर रहे हैं।