बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग: राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने निकाली जनाक्रोश रैली
हल्द्वानी (उद संवाददाता)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के बैनरतले विभिन्न संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने शहर में जनाक्रोश रैली निकाली और कमिश्नर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर बंग्लादेश पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने की मांग की गयी। जनाक्रोश रैली के माध्यम से सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर बंग्लादेश सरकार के खिलाफ गुस्से का इजहार किया। रैली के दौरान जमकर नारेबाजी की गयी। इस दौरान प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लोगों ने कहा कि जिस प्रकार से बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है, वह निंदनीय है। बांग्ला देश में हिंदू, बौद्ध, ईसाई, अल्पसंख्यक धार्मिक कट्टरपंथियों के शिकार हो रहे है। धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ रहे है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप की पुरजोर मांग की। मामले को लेकर मण्डलायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। जिसमें कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई अल्पसंख्यक धार्मिक कट्टरपंथियों के अत्याचारों का लगातार शिकार हो रहे हैं। धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं, जहाँ 59 प्रतिशत हिंसा धार्मिक स्थलों को निशाना बनाती हैं, और 69 मंदिरों व अन्य पूजा स्थलों पर अनुष्ठानों के दौरान हमले किए गए हैं। कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक महिलाओं के खिलाफ जबरन धर्मांतरण, अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित जीवन से वंचित किया जा रहा है। साथ ही सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों का विनाश जारी है। यह स्थिति बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 27, 28, 31, 41 और 42 का उल्लंघन है, जो कानून के समक्ष समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकार की गारंटी देता है। इसके अलावा, यह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों जैसे सार्वभौमिक मानवाधिकार और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकार संधि का भी गंभीर हनन है। ज्ञापन में भारत सरकार से बांग्लादेश सरकार पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाये जाने के साथ ही, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम इंतजाम करने, मामले में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वतंत्र जांच आयोग का गठन करने, धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव में शामिल कट्टरपंथियों को न्याय के दायरे में लाकर उन्हें कठोर सजा दिलाये जाने, हिंसा और उत्पीड़न से प्रभावित अल्पसंख्यक समुदायों के पुनर्वास के लिए बांग्लादेश सरकार द्वारा विशेष योजनाएँ बनाए जाने उन्हें आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा प्रदान करने, महिलाओं और बच्चों की खिलाफ कट्टरपंथियों द्वारा जबरन बर्मांतरण, अपहरण और हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने, महिला और बाल दमन निवारण अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों का कठोरता से पालन करने की मांग की गयी। प्रदर्शन में कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत, लाल कुआं विधायक मोहन बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, प्रकाश हरबोला, हेमंत द्विवेदी, पूर्व मेयर जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, आरएसएस से डॉ निलंबर भट्ट, पूर्व जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, पंकज कपूर, भुवन जोशी, कमल मुनि, तनुज गुप्ता, नीरज प्रभात गर्ग, नगर अध्यक्ष प्रताप रैकवाल, तरुण बंसल, देवेश अग्रवाल आदि शामिल रहे।