उत्तराखण्ड में पीएमजीएसवाई योजना से 35 नए गांवों तक 519 सड़कों और 195 पुलों का हुआ निर्माण
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल के दौरान पी.एम.जी एस.वाई में उत्तराखण्ड में कुल 1481 किमी लंबाई युक्त 519 सड़कों का निर्माण किया गया है। जिस कारण 250 से अधिक आबादी वाले 35 नए गांवों तक सड़क पहुंच पाई है। मुख्यमंत्री के तीन साल के कार्यकाल में जहां योजना के तहत कुल 1481 किमी लम्बाई युक्त 519 नई सड़कों और 195 सेतुओं का निर्माण किया गया, वहीं पहले से निर्मित 159 किमी लंबी 61 ग्रामीण सड़कों का भी अपग्रेडेशन किया गया। इन सड़कों और पुलों के निर्माण पर कुल 2310 करोड़ रुपए का व्यय किया गया। धामी सरकार के दौरान 250 से अधिक जनसंख्या की 35 बसावटों को सड़क से जोड़कर ग्रामीणों की आवाजाही सुगम की गई है। इस योजना के तहत प्रथम और दूसरे चरण के कार्य अब पूरे होने की स्थिति में पहुंच गए हैं, अब पी.एम.जी.एस.वाई तृतीय चरण के तहत पूर्व में निर्मित सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए 1824 करोड़ रुपए की स्वीकृति भारत सरकार से मिल गई है, इसके तहत कुल 2288 किमी लंबी सड़कों का अपग्रेडेशन किया जाना है। इसके अलावा वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़क से वंचित आठ बसावटों को सड़क सम्पर्क से जोड़े जाने के लिए 119 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है। इसके बाद प्रदेश में 150 से कम जनसंख्या की कुल 1796 बसावटें ही ऐसी रह गई हैं, जहां सड़क नहीं पहुंच पाई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दिसम्बर, 2000 में केंद्र की तत्कालीन श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार ने प्रारम्भ की थी। योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ना है। यह योजना 90 प्रतिशत केंद्र पोषित है, शेष दस प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार का होता है। योजना के प्रारंभ होने से अब तक उत्तराखण्ड में कुल 2329 सड़कों और 312 पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। योजना पर अब तक कुल 10183 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जिसके फलस्वरूप 250 से अधिक जनसंख्या वाली 1846 बसावटों को सड़क से जोड़ा जा चुका है। इस योजना की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। सड़कें प्रगति का आधार होती हैं, इसलिए हमारी सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक गांव तक सड़क पहुंचे। साथ ही सड़क मार्ग से वंचित शेष गांवों तक भी सड़क पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।