उत्तराखंड में 16 लाख घरों पर लगेंगे “प्रीपेड बिजली” के मीटर: घर बैठे कर सकेंगे अपना बिजली रिचार्ज !

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यूपीसीएल मुख्यालय में इसके कंट्रोल रूम स्थापित,ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम अंतिम चरण में
देहरादून। प्रदेशभर में 16 लाख घरों पर प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। यूपीसीएल मुख्यालय में इसके कंट्रोल रूम स्थापित हो चुके हैं। ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम अंतिम चरण में है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड में प्रीपेड मीटर लगाने के बाद बिजली के दाम तीन हिस्सों में बंट जाएंगे। दिन, शाम और रात की बिजली के दाम अलग- अलग वसूल किए जाएंगे। दिन में बिजली सस्ती तो रात को महंगी मिलेगी। उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर ये है कि उन्हें पूरे 24 घंटे का बिजली का दाम एक जैसा ही नहीं देना होगा। चूंकि दिन में यूपीसीएल सौर ऊर्जा खरीदता है जो कि दो से ढाई रुपये प्रति यूनिट मिलती है। लिहाजा दिन में उपभोक्ताओं को इसी हिसाब से सस्ती बिजली मिलेगी। रात को कोयले और गैस की बिजली से आपूर्ति होती है जो कि अपेक्षाकृत सात से आठ रुपये प्रति यूनिट मिलती है। लिहाजा, रात को बिजली के दाम महंगे होंगे। खास बात ये होगी कि आप किस घंटे में कितने बिजली इस्तेमाल कर रहे हो, उसके दाम अलग-अलग लगेंगे। कपड़े धोने से लेकर खेत में सिंचाई जैसे जो भी काम होंगे, वह उपभोक्ता दिन में सस्ती बिजली में कर सकेगा। यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार ने बताया कि प्रीपेड मीटर लगाने का कोई शुल्क उपभोक्ता से नहीं वसूला जाएगा। बिल का झंझट खत्म होगा। बिजली की खपत की पूरी जानकारी मोबाइल पर एप के माध्यम से मिलेगी। रियल टाइम उपभोग देखकर बिजली बचा सकेंगे। हर माह मीटर रीडिंग की जरूरत न होगी। बिल पर लगने वाले ब्याज या विलंब शुल्क से छुटकारा मिलेगा। घर बैठे अपना बिजली रिचार्ज कर सकेंगे। प्रीपेड मीटर लगाने वालों को बिजली दर में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी। रात में बैलेंस खत्म हुआ तो बिना रुकावट बिजली आपूर्ति जारी रहेगी।
बिजली उपभोक्ता जितनी बिजली खर्च करेंगे, उनका उतना ही बिल आएगा
उत्तराखंड में इस समय लाइन लॉस, बिजली चोरी के कारण हर साल राज्य को एक हजार करोड़ से अधिक का सीधा नुकसान होता है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद जैसे ही बिजली पिटकुल के फीडर से यूपीसीएल के 33 केवी सब स्टेशन में पहुंचेंगी, तो वहां लगे स्मार्ट मीटर में पूरा रिकॉर्ड आ जाएगा। बिजली उपभोक्ता जितनी बिजली खर्च करेंगे, उनका उतना ही बिल आएगा। मीटर तेज चलने, रीडिंग सही न आने की शिकायतें बंद होंगी। बिल ठीक कराने, चेक मीटर लगाने को उपभोक्ताओं को यूपीसीएल के चक्कर नहीं काटने होंगे। खासतौर पर सरकारी बिजली कनेक्शनों के मामले में सबसे अधिक दिक्कत पेश आती है। अब बिल वसूलने को उपनल कर्मचारियों समेत प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को नहीं लगाना होगा।

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