रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 13वां दिन: इंतजार में टिकी हैं सबकी निगाहें,शाम तक पाइप सुरंग में फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच जाएगा

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उत्तरकाशी(उद संवाददाता)। सिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 मजदूरों को निकलने के लिए अध्याधुनिक ड्रिलिंग मशीनों से युद्धस्तर पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 13वां दिन है। सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए शासन प्रशासन की जद्दोजहद जारी है। 41 मजदूरों को 12वां दिन भी सुरंग के भीतर ही बिताना पड़ा। ऑगर मशीन के सामने आए सरिया को काटने में ही घटों बीत गए, ये कटे तो मशीन का बेस हिलने से काम बाधित हो गया। देर शाम अफसरों ने बताया कि अब दोबारा ड्रिलिंग शुक्रवार सुबह ही शुरू होगी, वहीं ये भी चर्चाएं रहीं कि सुबह तक मजदूरों को निकाल लिया जाएगा। सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब केवल 10 से 12 मीटर की ड्रिलिंग शेष है। जिसके लिए छह-छह मीटर के दो पाइप डाले जाने हैं। पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है। ये पूरा हो जाने के बाद हमने ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इस हिसाब से अगर ड्रिल मशीन ठीक चली तो पाइप सुरंग में फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच जाएगा। शाम तक उनके बाहर आने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि ड्रिलिंग के दौरान लंबे पाइप के दबाव से मशीन अपनी जगह से हिल गई है। अभी मशीन का बेस मजबूत किया जा रहा है। जिसके चलते कुछ देर के लिए अभियान रोका गया। माना जा रहा है कि बचाव दल के श्रमिकों तक पहुंचने के लिए थोड़ा समय और लग सकता है। बता दें सीएम धामी बुधवार शाम से उत्तरकाशी में ही मौजूद हैं। आज सुबह सीएम धामी ने सिलक्यारा पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। इसके साथ ही साइट में मौजूद अधिकारियों से रेस्क्यू अभियान का फीडबैक भी लिया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान शासकीय कार्य भी प्रभावित न हों और इस ऑपेरशन की खुद सीएम मॉनिटरिंग कर सके इसके चलते ये फैसला लिया गया है। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहे ऑपरेशन को की मॉनिटरिंग के लिए मातली में मुख्यमंत्री का अस्थायी कैंप कार्यालय खोल दिया गया है। मुख्यमंत्री धामी वहां कैंप कर रहे हैं। इस बीच संस्कृति विभाग का मुख्यमंत्री आवास में बृहस्पतिवार की शाम को होने वाले इगास कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे लिए वास्तविक इगास का क्षण तब होंगे, जब सभी 41 मजदूर सुरंग से सुरक्षित बाहर आ जाएंगे। उनके निर्देश पर ही मातली में अस्थायी रूप से कैंप कार्यालय बनाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, इस समय मेरी चिंता सुरंग में फंसे हुए उन श्रमिक भाइयों को लेकर है, जिनके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विश्व स्तरीय तकनीकी के प्रयास चल रहे हैं। बहुत जल्द हम इस ऑपरेशन को पूरा करने में सफल होंगे। सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकाले जाने के बाद चिकित्सीय सुविधा देने के लिए एम्स ने भी पूरी तैयारियां की हैं। एम्स प्रशासन का कहना है कि यदि मजदूरों को एम्स भेजा गया तो उन्हें बेहतर चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जाएगी।उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू का सामान लेकर आज शुक्रवार को उड़ीसा से एक मालगाड़ी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। बुधवार को गुजराती के वापी से दो ड्रिलिंग मशीन को मंगाने के बाद एक मालगाड़ी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंची थी। यहां से चार ट्रकों से मशीन को उत्तरकाशी भेजा गया था। उड़ीसा से मालगाड़ी पहुंचने के बाद रेस्क्यू उपकरणों को उत्तरकाशी भेजा जाएगा। योगनगरी रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक जीएस परिहार ने बताया कि एक मालगाड़ी देर रात तक ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी।बीते गुरुवार रातभर मशीन का बेस मजबूत करने के लिए काम किया गया। बेस मजबूत होने के बाद ही ड्रिलिंग का दोबारा शुरू हो पाएगी। ऑगर मशीन का बेस हिलने के चलते ड्रिलिंग का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। ड्रिलिंग के दौरान कंपन तेज होने से मशीन का बेस हिल गया था। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 800 एमएम के स्टील पाइपों से 51 मीटर तक एस्केप टनल तैयार की जा चुकी है। बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही ड्रोन तकनीक पर स्क्वाड्रन इंÚा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ कहते हैं कि यह ;ड्रोनद्ध नवीनतम तकनीकों में से एक है जो सुरंग के अंदर जा सकती है। जिन क्षेत्रों में जीपीएस का नहीं करता इसकी पहुंच वहां भी है। सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों के लिए खाने-पीने का सामान पैक किया जा रहा है। आज उम्मीद की जा रही है कि कुछ समय की निर्बाध ड्रिलिंग के बाद सभी मजदूर बाहर निकाल लिये जाएंगे।

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