बड़ा खुलासा- एक करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में दो गिरफ्तार,लारेंसविश्नोई के कुछ गुर्गों के संपर्क में थे
रूद्रपुर (दर्पण संवाददाता)। शहर में बीते दिनों गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का डर दिखाकर टायर व्यवसायी से 1 करोड़ की रंगदारी के लिए प्रतिष्ठान में फायरिंग करने के मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरतार कर लिया है। जबकि चार शूटरों सहित 6 बदमाश अभी फरार है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गये बदमाश गैंगस्टर लारेंस विश्नोई के अंडर में काम नहीं करते थे बल्कि विश्नोई के कुछ गुर्गों के संपर्क में थे। बता दें बीती 28 दिसम्बर की देर शाम शहर की गल्ला मण्डी में स्थित गुरूनानक टायर्स प्रतिष्ठान में अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग से हड़कम्प मच गया था। बदमाशों ने व्यवसायी निर्मनजीत विर्क की हत्या का प्रयास किया था। जिसमें वह बाल बाल बच गये। बदमाशों ने निर्मनजीत को वाट्सऐप के माध्यम से कॉल करके गैंगस्टर लारेंस विश्नोई के नाम पर एक करोड़ रूपये की रंगदारी मांगी थी। घटना से सनसनी फैल गयी थी। मामले निरमन जीत सिंह पुत्र महोबत सिंह निवासी बरार कालोनी फाजलपुर महरोला तहरीर के आधार पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एक करोड की रंगदारी की मांग रकने और ना देने पर जान से मारने कीधमकी देना और गुरुनानक टायर्स की दुकान पर गोली चलाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कररायी गयी थी। घटना के खुलासे के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर ने तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियो की टीमें गठित की थी। छानबीन में जुटी पुलिस ने सर्विलांस और सीसी टीवी फुटेज की मदद ली । लम्बी छानबीन के बाद पुलिस ने मुऽबिर की सूचना पर काशीपुर रोड पर बने फ्रलाईओवर पर सोढी कालोनी को जाने वाले रास्ते पर सड़क के बांयी तरफ खड़े जसवीर उर्फ जस्सी पुत्र अमरजीत सिंह तथा गौरव उर्फ गोलू पुत्र सेवा सिंह निवासी घासमंडी रुद्रपुर को गिरफ्रतार कर लिया। गोलीकाण्ड की घटना में हाथ होना स्वीकार किया। एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने आज खुलासा करते हुए बताया कि पकड़े गये गौरव उर्फ गोलू ने भाड़े के शूटरों को अपने ओमेक्स कालोनी में स्थित फ्रलैट में रुकवाया था। तथा जसवीर ने उन्हें अपनी गाड़ी से सारा घटनास्थल व भागने का रास्ता बताया था। इनके अतिरित्तफ़ घटना में सहजदीप उर्फ गुल्लू तथा मनप्रीत उर्फ गोपी व मलकीत निवासी बहेड़ी ने मुख्य योजना बनायी । पकड़े गये बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि घटना में शामिल उनके अन्य साथी सहजदीप उर्फ गल्लू पुत्र दलजीत तथा मनप्रीत उर्फ गोपी पुत्र मलकीत सिंह निवासी बहेड़ी बरेली उ0प्र0 ने मिलकर निमरनजीत तथा जगजीवन पर फायरिंग करने की योजना बनायी थी। जिसमें निमरनजीत तथा जगजीवन का पैसों के उधार के ब्याज के कारण जस्सी उर्फ गुल्लू का मकान बिक गया। जिस कारण उनसे रंजिश है। प्लान के मुताबिक गुल्लु तथा मनप्रीत उसके घर 26 दिसंबर को आये और चारो शूटरों को जसवीर सिंह उर्फ जस्सी ने घटना से कुछ समय पहले 29 दिसंबर को घटना की जगह दिखाई और घटना के बाद में सभी शूटरो और मनप्रीत को ले जाकर रामपुर छोड दिया ।चारो शूटरो में से तीन के लिये मोटरसाईकिल प्लेटिना व हैल्मेट की व्यवस्था मनप्रीत ने की थी और चारों शूटरों को फायरिंग किये स्थान से दूर ले जाकर रामपुर बस अडडे से कुछ पहले छोड़ दिया और मनप्रीत को साथ लेकर नानकपुरी टांडा होते हुये बहेड़ी उसके घर पर छोड़कर वह बरा होते हुये अपने घर चला गया। पकड़े गये अभियुक्त ने बताया कि गोलू तथा गुल्लू ने उससे कहा था कि किसी को शक ना हो इसलिये वो घटना से पहले वे दोनों 27 दिसम्बर को उसे सब कुछ बताकर मुम्बई चले गये। शूटरो की व्यवस्था मनप्रीत उर्फ गोपी और गुल्लू ने की थी। गौरव उर्फ गोलू से उत्तफ़ सम्बन्ध में जानकारी करने पर बताया कि उसे भी इस घटना के बारे में पता था। सब पता होने के बाद भी अपने ओमेक्स वाले फ्रलैट जो किराये पर था छिपने को दिया। खुलासा करने वाली टीम में कोतवाल नित्यानन्द पन्त, उपनिरीक्षक महेश काण्डपाल, के0जी0 मठपाल ,भगवान गिरी गोस्वामी ,पंकज मेहर ,प्रदीप कुमार, पंकज कुमार, कांस्टेबल गणेश पाण्डे,विमल कुमार,चन्द्रप्रकाश ,भूपेन्द्र रावत ,कृष्ण चन्द्र नेगी ,मुकेश मेहरा, हरीश बिष्ट, सर्विलान्स टीम के उपनिरीक्षक कमाल हसन, उपनिरीक्षक अशोक काण्डपाल, कांस्टेबल कैलाश तोमक्याल, कुलदीप,भूपेन्द्र, उमेश राज,राजेन्द्र कश्यप ,ललित आदि मौजूद थे।