उत्तराखंड में मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना को हरी झंडी
निकायों में शामिल नए क्षेत्रों में 10 साल तक भवन कर नहीं
देहरादून। प्रदेश के शहरी निकायों में शामिल नए क्षेत्रों के निवासियों को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर बड़ी राहत दी गई है। इन क्षेत्रों में आवासीय भवनों से 10 वर्ष तक भवन कर नहीं लिया जाएगा। इससे लगभग ढाई लाख परिवारों को लाभ मिलेगा। वहीं राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना प्रारंभ करने को हरी झंडी दिखाई। इसके तहत कियोस्क निर्माण कर महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उद्यान, बागवानी, पशुपालन एवं अन्य गैर कृषि में हस्तशिल्प, हथकरघा आधारित कार्यों से जुड़ी महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार मिलेगा। पर्वतीय क्षेत्र में डेढ़ लाख और मैदानी क्षेत्र में सवा लाख कियोस्क निर्माण की अनुमानित लागत है। त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने बुधवार को यह महत्वपूर्ण फैसला लिया। इसके अतिरित्तफ महिला उद्यमियों के लिए शहरी क्षेत्रों में 5100 कियोस्क स्थापित करने का भी निर्णय भी लिया गया है। मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना के तहत कियोस्क लगाने के खर्च का 40 फीसद आर्थिक सहायता सरकार देगी। 60 फीसद खर्च महिला उद्यमी को खुद वहन करना होगा। राज्य मंत्रिमंडल की बुधवार शाम सचिवालय में हुई बैठक में 21 बिंदुओं पर चर्चा हुई। इनमें एक बिंदु को स्थगित किया गया, जबकि 20 पर फैसले लिए गए। कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवत्तफा मदन कौशिक ने इन फैसलों को ब्रीफ किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के शहरी निकायों में शामिल किए गए नए क्षेत्रों के आवासीय भवनों से 10 वर्ष तक भवन कर की वसूली नहीं किए जाने की घोषणा की थी। मंत्रिमंडल ने इस घोषणा के प्रस्ताव को मंजूरी दी। सरकार ने राज्य के 40 शहरी निकायों का विस्तार करते हुए करीब 600 गांवों का पूर्ण या आंशिक विलय किया। इनमें आठ नगर निगम, 21 नगर पालिका परिषद एवं 11 नगर पंचायत शामिल हैं। 10 वर्षों तक भवन कर की वसूली नहीं होने से निकायों पर 25.47 करोड़ का आर्थिक बोझ पड़ेगा। सर्वाधिक आठ करोड़ का भार देहरादून नगर निगम पर पड़ेगा।