तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन जरूरीः कोविंद
संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति ने कहा-जनता ने विकास की गति को तेज करने के लिए दिया जनादेश
नई दिल्ली(उद ब्यूरो)। 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को सेंट्रल हॉल में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए 61 करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान कर रिकॉर्ड बनाया और पहले की तुलना में महिलाओं की मतदान में सर्वाधिक हिस्सेदारी रही। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि यूएन द्वारा मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करना इसका सबसे बड़ा सबूत है। राष्ट्रपति कोविंद ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के नतीजों को भारत की विकास यात्रा जारी रखने के लिए जनादेश करार देते हुए कहा कि सरकार ने किसान, व्यापारियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिये कई अहम फैसले किये और उन पर अमल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत, सुरक्षित और समावेशी भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने आधी आबादी की चर्चा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस संबंध में राज्यों के सहयोग से कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने तीन तलाक प्रथा का उल्लेख करते हुए कहा, देश में हर बहन-बेटी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने हेतु ‘तीन तलाक’ और ‘निकाह-हलाला’ जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन जरूरी है। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि हमारी बहनों और बेटियों के जीवन को और अधिक सम्मानजनक एवं बेहतर बनाने वाले इन सभी प्रयासों में अपना सहयोग दें। राष्ट्रपति ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा, लोगों ने 2014 में शुरू हुई भारत की विकास यात्रा को जारी रखने के लिए जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 21 दिनों में किसान, व्यापारियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिये कई फैसले किये और उन पर अमल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत, सुरक्षित और समावेशी भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जल संकट की समस्या है। जल स्रोत लुप्त हो रहे हैं। आने वाले समय में इस संकट के और अधिक गहराने की आशंका है इसलिए स्वच्छ भारत की तरह जल संरक्षण के लिये भी गंभीरता दिखानी होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों के लिये उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने का निर्णय किया गया है तथा प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिये 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘राष्ट्रीय रक्षा कोष’ से वीर जवानों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि बढ़ा दी गई है। इसमें पहली बार राज्य पुलिस के जवानों के बेटे-बेटियों को भी शामिल किया गया है ।