देहरादून में 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो का शुभारम्भ: सम्मेलन में देश विदेश से आयुर्वेद विशेषज्ञ पहुंचे उत्तराखण्ड

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मुख्यमंत्री धामी एवं केन्द्रीय आयुष मंत्री प्रताप राय जाधव ने किया शुभारम्भ 
देहरादून(उद संवाददाता)। परेड ग्राउण्ड में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस व आरोग्य एक्सपो का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय आयुष मंत्री प्रताप राय जाधव ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में इस आयोजन का होना सौभाग्य की बात है। यह सम्मेलन आयुर्वेद के क्षेत्र में परस्पर ज्ञान साझा करने व विभिन्न शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ साथ सहयोग और व्यापार के नये अवसर सृजित करेगा। सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड योग आयुष की प्राचीन काल से भूमि रही है। आयुर्वेद और औषधिय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। यहां पायी जाने वाली औषधीय जड़ी बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद जीवन जीने की एक विशिष्ठ कला है। हम सबने कोरोना महामारी के समय में बहुत नजदीक से महसूस किया। जब दुनिया की अनेक विधायें फेल हो गयी थी, और उस समय हम सबसे ज्यादा जिस प्रणाली पर आधारित रहे थे वह आयुर्वेद और आयुष प्रणाली थी। आयुर्वेद हमें बताता है कि यह सिर्फ रोगों को ठीक करने का माध्यम नहीं बल्कि रोग को होने ही न देने का सूत्र बताता है। सीएम धामी ने कहा कि हम सबके लिए गौरव का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गठित आयुष मंत्रालय आज हमारे इस प्राचीन विज्ञान को पूरे विश्व में नई पहचान दिला रहा है। पूरे विश्व में आज आयुर्वेद को मान्यता मिल रही है। कई कार्यक्रम आज आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के लिए लगातार काम कर रही है। वर्तमान में राज्य में आयुष पर आधारित 300 से अधिक आरोग्य केन्द्रों का संचालन हो रहा है। ई संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। हम प्रत्येक जनपद में 50 बैड और 10 बैड वाले चिकित्सालयों की स्थापना कर रहे हैं प्रत्येक जनपद के एक गांव को आयुष मॉडल गांव के रूप में स्थापित कर जड़ी बूटियों के उत्पादन को भी बढ़ावा दे रहे है। इसके अलावा प्रदेश में उत्तराखण्ड आयुष नीति लागू की गयी है। हमारी सरकार देश की प्रथम योग नीति लागू करने की दिशा में भी काम कर रही हैं जो आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर साथ लाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। आगामी वर्षों में सरकार आयुष टैली कंसलटेशन प्रारम्भ करने के साथ साथ 50 नये योग और वैलनेस केन्द्र स्थापित करने के लिए भी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। इतना ही नहीं सरकार ने उत्तराखण्ड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के लिए आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है। जिसकी प्रक्रिया चल रही है जैसे ही भारत सरकार से अनुमति मिलेगी जल्द ही बड़ा केन्द्र अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के रूप में मिलेगा। जिससे योग और आयुर्वेद को बढ़ावा मिलेगा। इससे पूर्व कार्यक्रम को केन्द्रीय आयुष मंत्री प्रताप राय जाधव, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया। चार दिवसीय सम्मेलन में देश विदेश से आयुर्वेद विशेषज्ञ उत्तराखण्ड पहुंचे है। सम्मेलन में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने पर मंथन किया जायेगा। इसके अलावा आयुर्वेद विशेषज्ञ 600 शोध पत्र भी प्रस्तुत करेंगे। सम्मेलन में आयुर्वेद के व्यापक प्रचार प्रसाद के लिए रणनीति भी तैयार की जायेगी। एक्सपो में आम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए दर्जनभर आयुष क्लीनिक भी खोले गये हैं। शुभारम्भ के मौके पर संगठन मंत्री विज्ञान भारती डा. शिव कुमार, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेम चन्द्र अग्रवाल, धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सरिता कपूर, किशोर उपाध्याय, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, वैद्य डा. राजेश कुटेजा आयुष सचिव भारत सरकार, वैद्य जयंत देव, वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा, पतंजलि के चेयरमैन बालकिशन, जयप्रकाश, डा. अशोक वार्ष्णेय आदि समेत तमाम लोग मौजूद थे।






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