बाबा बौखनाग की कृपा पूरे उत्तराखण्ड पर है: सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में असंभव कार्य संभव हो सका
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज परेड़ ग्राउण्ड में बाबा बौखनाग की डोली के अयोध्या धाम भ्रमण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बाबा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की तथा डोली को स्वयं कंधा देकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग डोली समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी भी बाबा बौखनाग के प्रति गहरी आस्था है। बाबा की कृपा पूरे उत्तराखण्ड पर है। इसका उदाहरण सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशल निकासी है। इन्हीं की कृपा से यह असंभव कार्य संभव हो सका। उन्होंने कहा कि इसके लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी विशेषज्ञों के साथ इंदौर, चेन्नई, हैदराबाद आदि स्थानों से मशीनरी भेजी तथा विदेशों से भी विशेषज्ञ बुलाये, सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों की सकुशल वापसी में आ रहे अवरोध के समय हम सब विचलित हो रहे थे। उस समय हमें बाबा का स्मरण करने से रास्ता मिला और सभी लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम दिन तीन घंटे के बजाय आधे घंटे में ही बाहर आए।मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन सिलक्यारा की सफलता में बाबा बौखनाग जी की असीम कृपा और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन, प्रगाढ़ इच्छाशक्ति के साथ ही पग-पग पर उनके सहयोग से विभिन्न संस्थानों, सेना के जवानों, रैट माइनर्स और ग्राउण्ड जीरो पर राज्य सरकार के समेकित प्रयासों से सुरंग में फंसे मजदूरों को जीवन बचाने में हम सफल हो पाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय उन्होंने वहां पर बाबा बौखनाग के मंदिर निर्माण की घोषणा की थी, वह कार्य हो रहा है। शीघ्र ही मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बड़कोट पंपिंग पेयजल योजना के शीघ्र समाधान का आश्वासन देते हुए बाबा बौखनाग मेले को राजकीय मेले के रूप में आयोजित किये जाने की बात कही।मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, तीर्थाटन राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। सड़कों के विकास, हवाई यातायात एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास से चारधाम यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा दुगुने तीर्थ यात्री प्रदेश में आये हैं।इस अवसर पर विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, समिति के अध्यक्ष श्री जयेन्द्र सिंह रावत, पूर्व विधायक श्री राजकुमार, श्री मनवीर चौहान, श्री विनोद डोभाल, श्री दीपक बिजल्वाण, श्री सतेन्द्र राणा, श्री आलोक रावत, श्री चण्डी प्रसाद, श्री यशवंत सिंह, श्री गोपाल सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।