गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में रात्रि आठ बजे के बाद प्रवेश पर रोक : पड़ावों पर यात्री वाहनों को नहीं रोका जायेगा

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डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यात्रा व्यवस्थाओं का लिया जायजा
उत्तरकाशी। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में सोमवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ और यात्रा सुचारू व सुव्यवस्थित रूप से संचालित हो रही है। आज सायं 7 बजे तक यमुनोत्री धाम में 12,929 तथा गंगोत्री धाम में 13,269 श्रद्धालु पहुँच चुके थे। तीर्थयात्रियों की आवाजाही का क्रम अभी भी जारी है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सायं उत्तरकाशी जिले के प्रवेश द्वार नगुण बैरियर तथा ब्रह्मखाल व शिवगुफा क्षेत्र में जाकर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही तीर्थयात्रियों से भेंट की। जिलाधिकारी ने यात्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि शासन प्रशासन चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और सहायता के लिए निरंतर तत्परता से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा के आरंभ काल में ही अत्यधिक भीड़ आ जाने के कारण कम चौड़ाई वाली पहाड़ी सड़कों पर वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाना जरूरी हो गया था और बिना पंजीकरण के यात्रा पर रोक लगाई गई है। इस दौरान जिलाधिकारी ने गंगोत्री व यमुनोत्री मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर यात्रा सुविधाओं व सफाई व्यवस्था का निरीक्षण भी किया। जिलाधिकारी ने पड़ावों और होल्डिंग पॉइंट्स पर पेयजल आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही टॉयलेट्स को साफ सुथरा रखने के निर्देश दिए। उत्तरकाशी पुलिस ने यात्रा को लेकर एसओपी विशेष कार्य योजना जारी की है। जिसके तहत अब रात आठ बजे के बाद किसी भी वाहन को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम नहीं जाने दिया जाएगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। वहीं, शाम पांच बजे बाद कोई भी यात्री जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए नहीं जा पाएगा।एसपी अर्पण यदुवंशी की ओर से जारी एसओपी के अनुसार, यमुनोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे के बाद डामटा, नौगांव, बड़कोट, दोबाटा, खरादी, पालीगाड से आगे जाने नहीं दिया जाएगा। इसी तरह गंगोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे बाद नगुण, उत्तरकाशी शहर, हीना, भटवाड़ी व गंगनानी से आगे नहीं फ् भेजा जाएगा। वहीं यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सुबह चार बजे से ही आवागमन शुरू होगा। शाम पांच बजे के बाद किसी को भी पैदल मार्ग पर नहीं भेजा जाएगा। इस दौरान डंडी-कंडी व घोड़ा-खच्चर भी प्रतिबंधित रहेंगे। वहीं डंडी-कंडी व घोड़ा खच्चर के लिए रोटेशन की व्यवस्था लागू रहेगी। भीड़ बढ़ने पर घोड़ा-खच्चरों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा। दोनों ही धामों में रात साढ़े आठ बजे के बाद गंगा व यमुना आरती के उपरांत कोई भी अनावश्यक रूप से मंदिर परिसर में नहीं रह सकेगा। किसी भी पड़ाव पर यात्री वाहनों को दो घंटे से ज्यादा नहीं रोका जाएगा।प्रत्येक दिन सुबह पांच बजे से यातायात व्यवस्था का आवागमन सुचारू रूप से होगा। यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ से जानकीचट्ट के बीच 25 किमी संकरे हिस्से में जाम से निपटने के लिए बड़े वाहनों को लिए गेट सिस्टम लागू रहेगा। बड़े वाहनों को रोककर एक निश्चित समय बाद छोड़ा जाएगा। जबकि छोटे वाहन चलते रहेंगे। इधर गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी से डबरानी पांच किमी, सुक्की से झाला सात किमी तथा हर्षिल से झाला 14 किमी तक वन-वे प्रभावी रहेगा।

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