शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट,बाबा केदार के जयकारों से गूंज उठा धाम
रुद्रप्रयाग/ देहरादून । जय बाबा केदार के उद्घोषों और मंत्रोचारण के बीच आज प्रातः पूर्ण विधिविधान के साथ 11वें ज्योर्तिलग केदाराथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गये है। 17 नवंबर को बाबा केदार छह माह की शीतकालीन पूजा.अर्चना के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएंगे।
आज भैयादूज के पावन पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए सुबह 8:30 बजे बंद कर दिए गए। इस दौरान बाबा केदार के जयकारों से धाम गूंज उठा। मंगलवार को केदारनाथ में बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति को विधि.विधान और पूजा.अर्चना के साथ भंडारगृह से मंदिर के सभामंडप में विराजमान कर दिया गया था।
सुूबह चार बजे से मंदिर के गर्भगृह में पूजा.अर्चना शुरू हुई। बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 17 नवंबर को बाबा केदार छह माह की शीतकालीन पूजा.अर्चना के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएंगे।आज सुबह 4 बजे से केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में पूजा.अर्चना शुरू हुई थी। मुख्य पुजारी द्वारा धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जा रहा है। बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को समाधिरूप देकर पुष्पए अक्षतए पूजन सामग्री और भस्म से ढक दिया गया।