स्पीकर ने सीएम धामी से कहा…अनियंत्रित खनन की वजह से ही पुल ध्वस्त हुआ
देहरादून। कोटद्वार के मालन नदी पर बने पुल के ढह जाने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। स्पीकर ने सीएम से साफ कहा कि अनियंत्रित खनन की वजह से ही पुल ध्वस्त हुआ है। इस खनन की विजिलेंस से जांच करवाई जाए। स्पीकर ने सीएम को बताया कि क्षेत्र में मालन नदी पर वर्ष 2010 में लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 1250 लाख की धनराशि से तैयार किया गया पुल जो मात्र 13 वर्षों में ध्वस्त हो गया। इसके कारण 38 वर्षीय हल्दुखाला कोटद्वार निवासी प्रसन्न मोहन डबराल की मृत्यु हो गई। स्पीकर ने सीएम को बताया की उनके द्वारा समय-समय पर स्थानीय अधिकारियों से लेकर शीर्षस्थ अधिकारियों को दूरभाष, बैठक में व्यक्तिगत रूप से तथा पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया कि कोटद्वार में मालन सुखरा और खा नदियों में अनियंत्रित खनन किया गया। इस कारण इन नदियों पर बने पुलों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होना स्वाभाविक है, जिसके परिणाम स्वरूप मालन नदी पर बना पुल मात्र 13 वर्षाे में ध्वस्त हो गया। स्पीकर ने कहा कि यह पुल कोटद्वार और भाबर को आपस में जोड़ता है। पुल होने से डबराल की मृत्यु तथा दो व्यक्ति घायल होने के साथ-साथ ;सिगडी झण्डीचौड़ कालालघाटी एवं कण्वआश्रम में रह रहे हजारों परिवारों का कोटद्वार प्रशासनिक मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है औद्योगिक क्षेत्र की भी भारी हानि उठानी पड़ सकती है क्योंकि इस क्षेत्र की लाईफलाईन मालन पुल है।विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोटद्वार विधान सभा क्षेत्र के हजारों निवासियों सहित औद्योगिक क्षेत्र पर पढ़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए सतर्कता विभाग से खनन अवधि में सम्बन्धित विभागों की उच्च स्तरीय जांच दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी करवाई करने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने क्षेत्र कोटद्वार के कलालघाटी दृ मवाकोट मार्ग के मध्य मालन नदी पर 300 मीटर स्पॉन डबल लेन आरúसीúसीú सेतु का निर्माण कराए जाने के बात कही । साथ ही कुंभी चौड़ स्थित बंद पड़े झूला पुल को भी ध्वस्त करने को कहा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष की सभी मांगों को माना और पुल गिरने की जांच विजलेंस के माध्यम से कराने की बात की साथ ही बंद पड़े पुल के ध्वस्तीकरण करने को कहा और वैकल्पिक मार्ग मावकोट- कण्वआश्रम को कोटद्वार वासियों के आवागमन के लिए चौड़ीकरण और सुगम बनाने की बात की।