मुख्यमंत्री ने किया पेंडिंग फाइलों का निस्तारण,नर्सिंग की भर्ती में मानकों में संशोधन के निर्देश

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आइसोलेशन पीरियड पूरा करने के बाद आज से अपना सरकारी कामकाज शुरू कर दिया है । दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज पेंडिंग सरकारी फाइलों का निस्तारण किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वास्थ्य अब पूरी तरह ठीक है। उनका होम आइसोलेशन भी पूरा हो गया है। उनकी पत्नी और पुत्री भी सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई हैं। वहीं, भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्टð भी कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं। सोमवार को उन्हें एम्स ;नई दिल्लीद्ध से डिस्चार्ज कर दिया गया। दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 18 दिसंबर 2020 को कोरोना वायरस पाॅजिटिव पाए गए थे जिसके बाद 28 दिसंबर 2020 को डाॅक्टरों की सलाह के बाद सीएम त्रिवेंद्र को दिल्ली एम्स हाॅस्पिटल में मेडिकल टेस्ट और इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था । सीएम त्रिवेंद्र को 2 जनवरी को दिल्ली एम्स हाॅस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया था लेकिन डाॅक्टरों की सलाह के बाद मुख्यमंत्री फिलहाल दिल्ली अपने सरकारी आवास में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं डाॅक्टरों ने सीएम को फिलहाल कुछ दिनों तक दिल्ली में ही रहने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद दिल्ली स्थित सीएम आवास में होम आइसोलेशन में थे। मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक दर्शन सिंह रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री का होम आइसोलेशन सोमवार को समाप्त हो चुका है। उनकी पत्नी व पुत्री भी अस्पताल से डिस्चार्ज होकर नई दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री आवास में आ गई हैं। ऐेसे में अब मुख्यमंत्री के जल्द देहरादून लौटने की संभावना है। उधर, भाजपा सांसद अजय भट्टð ने एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद कहा कि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने अपने सभी शुभचिंतकों और एम्स प्रशासन का भी आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दो दिन का आईसोलेशन पीरियड पूरा करते हुए आज काम पर लौटे और काम पर लौटते ही सीएम ने बड़ा फैसला लिया। सीएम ने नर्सिंग की भर्ती में मानकों में संशोधन के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं के ज्ञापन का संज्ञान लेकर सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र आगामी कैबिनेट में लाया जाए। जिससे नर्सिंग की भर्ती में मानकों में आवश्यक संशोधन किया जा सके और ज्यादा से ज्यादा नर्सिंग प्रशिक्षित युवा उसमें शामिल हो सकें। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश के बाद राज्य में 1200 से ज्यादा पदों पर नर्सिंग स्टाफ की भर्ती होने जा रही है। लेकिन भर्ती के लिए 30 बेड के अस्पताल से एक साल के अनुभव और फार्म 16 की अनिवार्यता के कारण कई नर्सिंग प्रशिक्षित युवा इस भाग लेने से वंचित हो रहे थे। इस पर नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन देकर मानकों में ढील देने की मांग की थी। जिससे अधिक से अधिक नर्सिंग प्रशिक्षित युवा इसमें भाग ले सकें। कोरोना को हराकर आज से काम काज शुरू करते ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहला निर्णय नर्सिंग भर्ती के मानकों में संशोधन का लिया। नर्सिंग बेरोजगार संगठन की ओर से दिए ज्ञापन का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त को हटा दिया जाए। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार नर्सिंग भर्ती के लिए अब 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त को हटाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के सम्मुख रखेंगे। इस संशोधन के बाद फार्म 16 की अनिवार्यता भी स्वत ही खत्म हो जाएगी। साथ ही 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त भी हट जाएगी। कैबिनेट निर्णय के बाद नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार इसके लिए नर्सिंग भर्ती के लिए पात्र हो जाएंगे।

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