पीड़ित परिवार की सुरक्षा बढ़ाई,बाॅडीगार्ड तैनात

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हाथरस हत्याकांड में बड़ा खुलासाः पीड़िता को फोन करता था मुख्य आरोपी!
हाथरस/लखनऊ( उद ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती से गैंगरेप और हत्याकांड के मामले में एसआईटी अब तक जांच की दिशा तय नहीं कर पायी है। जबकि पुलिस की छानबीन से अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है। एक तरफ जहां दंगे कराने की साजिश के खुलासे हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ताजा हालात को देऽते हुए पीड़िता का परिवार गांव छोड़ने की बात कर रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद यूपी सरकार ने पीड़ित परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिया है। इधर यूपी पुलिस की जांच में पता चला है कि 19 वर्षीय पीड़िता का परिवार मामले के मुख्य आरोपी के साथ लगातार संपर्क में था। सितंबर में दलित महिला पर कथित गैंगरेप और जानलेवा हमले के इस मामले में उसी गांव का संदीप सिंह मुख्य आरोपी है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता के परिवार और मुख्य आरोपी के फोन की जांच की है। उन्होंने पाया कि पीड़िता का परिवार मुख्य आरोपी के साथ लगातार टेलीफोनिक संपर्क में था। पुलिस के मुताबिक, जांच में पता चला है कि संदीप को पीड़िता के भाई के नाम से एक नंबर से नियमित कॉल आए जिसमें 13 अक्टूबर, 2019 से टेलीफोनिक बातचीत शुरू हुई। अधिकांश कॉल चंदपा क्षेत्र में स्थित और सेल टॉवरों से किए गए थे, जो पीड़िता के गांव बूलगढ़ी से बमुश्किल 2 किमी दूर थे। पुलिस के मुताबिक, कॉल रिकॉर्ड बताते हैं कि दो फोन नंबरों के बीच 62 कॉल आउटगोइंग और 42 इनकमिंग समेत कुल कॉल 104 थे। पुलिस के अनुसार, कॉल रेकॉर्ड से पता चलता है कि पीड़िता का परिवार और मुख्य आरोपी लगातार संपर्क में थे। वहीं दूसरी तरफ एक राष्ट्रीय मीडिया चैनल पर दिये बयान के मुताबिक परिवार ने ये भी कहा कि हमारे साथ जो हादसा हुआ उसके बाद किसी ने पानी तक नहीं पूछा। हमारी मदद करने के बजाय लोग हमसे दूरी बना रहे हैं। इसलिए हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है, हम किसी रिश्तेदार के यहां चले जाएंगे। पीड़ित के पिता ने कहा, हमें तो आगे चलकर मौत दिऽाई दे रही है। हम सोच रहे हैं कि कहीं नाते रिश्तेदारी में चले जाएं। कई लोग दहशत की वजह से पूछने नहीं आ रहे कि आप कैसे हो हमारे भी मन में दहशत है। कहीं भी चले जाएंगे भीख मांगेंगे खुएंगे। पीड़ित के बड़े भाई ने कहा कि हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि यहां पर रहना मुश्किल है। छोटे भाई को मारने की भी धमकी दी जा रही है। पीड़िता के छोटे भाई ने कहा कि हमसे कोई भी पूछने नहीं आया कि आप भूऽे हो या कैसे हो। हमसे कोई चाय तक पूछने नहीं आया। गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से रेप की घटना सामने आई थी। लड़की के साथ मारपीट भी की गई थी, जिसके बाद लंबे इलाज के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लड़की का निधन हो गया था। इसके बाद यूपी पुलिस ने रात के अंधेरे में ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया था। इस मामले ने तूल पकड़ा तो यूपी सरकार बैकफुट पर आ गई। सियासी दलों के नेता भी हाथरस पहुंचने लगे। इसके साथ ही जातीय आधार पर भी अपराधियों को बचाने की चर्चा होने लगी। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर जब पीड़ित परिवार से मिलने गांव पहुंचे थे तो उन्होंने परिवार की सुरक्षा को खतरा बताते हुए अपने साथ ले जाने की बात कही थी। दूसरी तरफ गांव में लगातार आरोपी युवकों के समर्थन में पंचायत की जा रही हैं। सवर्ण समाज पंचायत कर रहा है। लगातार पीड़ित परिवार पर झूठ बोलने के आरोप लगाए जा रहे हैं और आरोपियों को बेकसूर बताया जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच पीड़ित परिवार की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। परिवार के सभी सदस्यों के साथ पुलिस जवान लगाए गए हैं। साथ ही घर पर सीसीटीवी भी लगा दिए गए हैं। 24 घंटे परिवार के हर सदस्य के साथ अब दो बॉडीगार्ड रहेंगे। जबकि पीड़िता के परिवार के घर के बाहर च्।ब् के 18 जवानों तैनात कर दिए गए हैं। जबकि घर के अंदर हेड कॉन्स्टेबल के अलावा 6 अन्य गार्ड (4 पुरुष, दो महिला) रहेंगे। घर के प्रवेश द्वार पर अब 2 सब इंस्पेक्टर शिफ्रट के अनुसार तैनात रहेंगे, जो आने-जाने वाले की जानकारी रखगे। प्रवेश द्वार पर अब मेटल डिटेक्टर भी लगा दिया गया है। इस सुरक्षा के बावजूद परिवार ने खुद को डर में बताया है और गांव छोड़ने की बात कही है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) को 10 दिन और दिए हैं। एसआईटी का गठन 30 सितंबर को किया गया था और सात दिनों के भीतर जांच पूरा करने को कहा गया था। एसआईटी 1 अक्टूबर से हाथरस में डेरा डाले हुए है और पीड़ित परिवार और आरोपियों, पुलिस और जिला अधिकारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनके बयान दर्ज कर रही है। बहरहाल, हाथरस मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां ऽासी तेज हैं। इस मुद्दे को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। राज्य सरकार ने इसकी सीबीआई जांच की भी सिफारिश की है। राज्य सरकार हाथरस मामले में अंतरराष्ट्रीय साजिश का दावा कर रही है। पुलिस का कहना है कि सरकार को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची गयी है। इस मामले में करीब डेढ़ दर्जन मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि लड़की के साथ बलात्कार नहीं हुआ है।

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