सीएम ने फि़र रोका मंत्रीमंडल विस्तार,चुफाल को मिल सकती है कैबिनेट की कुर्सी
देहरादून/हल्द्वानी, (दर्पण ब्यूरो)। राज्य की त्रिवेंद्र कैबिनेट में रिक्त पदों को भरने के लिये नेताओं के चेहरे अब तक सामने नहीं आये है जबकि भाजपा सरकार में महत्वपूर्ण पदों को हासिल करने के लिये दिल्ली से लेकर देहरादून तक भाजपा विधायकों की दौड़भाग शुरू हो गई है। कैबिनेट में कुमांऊ की दो सीटों पर घमासान की आशंका भी दिख रही है। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल और दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की पत्नी श्रीमती चंद्रा पंत मंत्री पद की रेस में सबसे आगे बताये जा रहे है। बताया जा रहा है कि वह पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर मंत्रीमंडल विस्तार की सभावनाओं पर सुझाव दे चुके है। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में छह बार चुने गए विधायक बिशन सिंह चुफाल की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात को इसी नजरिये से देऽा जा रहा है। उत्तराखंड में भाजपा के 57 विधायकों में छह विधायक वे हैं, जो पिछली सरकार के दौरान कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री सहित नौ की मंत्रिपरिषद है, इनमें से भी पांच कांग्रेस मूल के ही हैं। इस तरह भारी बहुमत वाली भाजपा की सरकार में भाजपा मूल के मुख्यमंत्री सहित चार मंत्री ही हैं। नियमानुसार 70 सदस्यीय सदन में 12 का ही मंत्रिमंडल हो सकता है। लेकिन पिछले साड़े तीन वर्ष के कार्यकाल में रिक्त पदों को भरने के लिये किसी भी नेता ने आवाज नहीं उठाई। हांलाकि तीन अन्य वरिष्ठ व तेजतर्रार विधायकों को सरकार में जगह दी जा सकती थी,जबकि अब चुनाव को कुल डेढ़ साल से भी कम वक्त रह गया हैं, तो तीन मंत्री पदों को भरने की बात चल रही है।ऐसे में कैबिनेट की तीन कुर्सियों में बैठने के लिये विधायकों के परफॉमेंस के साथ ही अनुशासन को भी परखने के बाद ही तवज्जो दी जासकती है। हांलाकि दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की पत्नी विधायक चंद्रा प्रकाश पंत के नाम को लेकर भी सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रें के अनुसार कुमांऊ से दो विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल करने की चर्चा शुरुआत से ही हो रही थी, लेकिन अभी तक इसका निर्णय नहीं हो सका है। जबकी मैदानी जनपदों से अधिकांश विधायकों को मंत्री पदा दिया गया है लिहाजा अब दो पहाड़ी जिलों पर सरकार का फोकस रहेगा। दो सप्ताह पहले इस संदर्भ में राजनीतिक हलकों में जबरदस्त चर्चा शुरू हो गई थी। उम्मीद जगने लगी थी कि जल्द ही कैबिनेट विस्तार हो जाएगा लेकिन अब मना जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को छोड़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत समेत तमाम कैबिनेट के मंत्री व भाजपा विधायक और पदाधिकारी कोरोना वायरस की चपेट आए तो कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया एक बार फिर ठंडे बस्ते में चली गई। कुमाऊं में पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रें में क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिहाज से पार्टी मंत्री बनाने को लेकर त्रिवेंद्र सरकार लगातार जद्दोजहद में हैं। पर्वतीय क्षेत्र पिथौरागढ़ से प्रकाश पंत मंत्री थे, लेकिन उनके निधन के बाद कैबिनेट मंत्री का एक पद और खली हो गया। कुछ समय पहले उनकी पत्नी चंद्रा पंत के मंत्री बनाने की चर्चा जोरशोर से होने लगी थी। पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल और बागेश्वर जनपद से कांडा-कपकोट विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बलवंत सिंह भौंर्याल व बागेश्वर विधायक चंदन राम दास भी मंत्री पद की रेस में आगे बताये जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एक पद गढ़वाल मंडल के विधायक को मिल सकता है। जैसे ही कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच सत्तारूढ़ दल के ही कुछ विधायक नौकरशाही की कार्यप्रणाली से नाराज हो गए। उन्होंने सीएम से लेकर प्रदेश अध्यक्ष से अपनी बात रखी। यह मामला भी कई दिनों तक सुिऽर्यों में छाया रहा। इस बीच खनपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की भाजपा में वापसी और द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी का सैक्स स्कैंडल कांड राज्य की राजनीतिक सुिखर्यों का हिस्सा बना गया है। इसे लेकर भी सरकार असहज दिख रही है। हालांकि सीएम से लेकर प्रदेश अध्यक्ष इन मुद्दों पर लगातार सफाई प्रस्तुत करते रहे हैं। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते भी कैबिनेट विस्तार की कवायद को फिलहाल रोक दिया गया है।
चुफाल को मिल सकती है कैबिनेट की कुर्सी
देहरादून। विधायक बिशन सिंह चुफाल कुछ असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व कर अपनी बात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से करने गए। हालांकि इस मुलाकात के बाद बिशन सिंह चुफाल ने मीडिया को बताया कि वह अपने इलाके के केंद्र सरकार की योजनाओं से जुड़े मुद्दों पर बात करने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास गए थे। नौकरशाही को लेकर जो उनकी शिकायत थी वह उत्तराखंड का मसला है और उसे वह उत्तराखंड बीजेपी के नेताओं को बता चुके हैं। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो त्रिवेंद्र सरकार पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर काफी दबाव है और जल्द ही उत्तराऽंड सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार होगा। उत्तराखंड बीजेपी के नेता इस समय लॉबिंग में जुटे हुए है। बिशन सिंह चुफाल भी मंत्री पद की मांग के संबंध में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। यह भी बताया जा रहा है कि बिशन सिंह चुफाल अपने साथ कुछ और विधायकों के पक्ष को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे, इनमें से कुछ विधायकों के राज्य सरकार से जुड़े मुद्दे भी थे। सूत्रें के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मुलाकात में बिशन सिंह चुफाल की ओर से रख गए पक्ष को गंभीरता से सुना है।