बड़ी खबर-वित्त मंत्री ने किये बड़े ऐलान,हर वर्ग को राहत देने का प्रयास

स्थानीय ब्रांड को दुनिया में पहचान दिलाने के लिये कई योजनाए

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नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिये 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस काॅन्फ्रेस कर इसके सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी लोन दिया जायेगा। छोटे उद्योगों (एमएमएमई)के लिए 6 बड़े कदम उठाए गए हैं। जिसके तहत 3 लाख करोड़ रुपये का लोन बिना गारंटी के दिया जाएगा। वित्त मंत्री द्वारा आज की गई घोषाणाओं के बाद से 100 करोड़ टर्नओवर वाले उद्योगों को इसका फायदा मिलेगा। बिना गारंटी के एमएसएमई सेक्टर को लोन मिल सकेगा। इसके दायरे में लगभग 45 लाख यूनिट आती है। यह लोन चार साल के लिए होगा जो एक साल बाद से चुकाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि स्थानीय ब्रांड को दुनिया में पहचान दिलाई जाये। आत्मनिर्भर भारत का मतलब आत्मविश्वासी भारत का है। ताकि वह केवल अपने क्षेत्र में सीमित न रहे बल्कि स्थानीय स्तर पर उत्पाद बनाकर विश्व उत्पादन में योगदान करे। उन्होंने कहा कि समाज के कई वर्गों से बातचीत कर इस पैकेज को तैयार किया गया। समाज के कई वर्गों से बातचीत कर पैकेज तैयार किया गया है। पैकेज के जरिए ग्रोथ को बढ़ाना है। भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि एक करोड़ रुपये के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट की श्रेणी में आयेगी और कारोबार ज्यादा होने पर भी एमएमएमई का फायदा मिलता रहेगा। हर तरह के सेक्टर में लगी एमएसएमई को योजना से फायदा होगा। आज एमएसएमई को नये रूप से परिभाषित किया गया है जिससे ज्यादा टर्नओवर के बावजूद एमएसएमई का दर्जा खत्म नहीं होगा और उन्हे इसका पूरा लाभ दिया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि जो एमएसएमई जो सक्षम है। लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा। इसके साथ ही संकट में फंसे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जिससे 2 लाख एमएसएमई को लाभ होगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को भी राहत देने की घोषणा की है। इसके लिये 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम का ऐलान किया गया है। वही 15000 रूपये से कम वेतनभोगियों का ईपीएफ अगस्त तक सरकार द्वारा दिये जाने की घोषणा की गई है। एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना के विस्तार के विस्तार की भी बात कही गई है। इसके साथ ही आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार करते हुये इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज की सुविधा मिल सकेगी। सरकार बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए भी आगे आयी है और इसके लिये इमरजेंसी लिक्विडिटी 90 हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है।इसके साथ ही सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, हाइवे आदि छह महीने तक अपने यहां काम करने वाले ठेकेदारों को राहत देंगे। यह राहत पीपीपी में भी छह महीने तक दी जा सकती है।

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