बैंक कर्मी हड़ताल पर, करोड़ों का लेन-देन प्रभावित
रूद्रपुर/हल्द्वानी(उद संवाददाता)। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के आहवान पर दो दिवसीय बैंक हड़ताल के पहले दिन नगर के सभी सरकारी एवं निजी बैंक प्रतिष्ठान बंद रहे और हड़ताल का भारी असर देखा गया। बैंकों के अधिकांश यूनियन संगठनों ने यूएफबीयू के बैनर तले अधिकारी एवं कर्मचारियों से हड़ताल का पूर्ण समर्थन एवं भागीदारी की। यह हड़ताल गत नवम्बर 2017 से लम्बित वेतन वृद्धि व अन्य मांगों को लेकर आईबीए एवं सरकार के नकारात्मक रूख के कारण की जा रही है। स्थानीय बैंक कर्मचारी मंच के अध्यक्ष एवं स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन दिल्ली सर्किल के आंतरिक सचिव अजमेर सिंह ने पंजाब नेशनल बैंक रूद्रपुर के सामने आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि नवम्बर 2017 से अब तक 41 बार आईबीए के साथ वार्ता हो चुकी है लेकिन आईबीए एवं सरकार की हठधर्मिता एवं नकारात्मक रवैया के कारण उनकी जायज मांगों पर उचित निर्णय न लिये जाने पर अन्तिम हथियार के रूप में यूनियन ने इस बार लम्बी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। जिसके लिए बैंकर्स को मजबूर किया गया है। इसके कारण आम जनता, पेंशनर्स आदि को भारी परेशानी होगी। 1 अप्रैल 2020 से अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी जिसमें देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराने की संभावना है जिसकी पूर्णतया जिम्मेदारी सरकार की है। यूको बैंक के अजीत विश्वास ने कहा कि बैंक अधिकारियों का वेतन केंद्र सरकार के चपरासी से भी कम है। आज सरकारी लोकलुभावनी योजनाएं बैंकों के माध्यम से ही क्रियान्वित की जा रही हैं बड़े औद्योगिक घरानों को राजनैतिक लाभ के लिए हजारों करोड़ के ऋण दिये जाते हैं जो एनपीए हो जाते हैं। इनसे बैंकों के लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जिसके लिए बैंक के निम्न श्रेणी के अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हैं। लेकिन कम लाभ का रोना रोकर वेतन वृद्धि को टाला जा रहा है। समीर राय ने कहा कि आज बैैंकर्स के धैर्य की सीमा समाप्त हो चुकी है। सभी आरपार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया तो दो दिवसीय हड़ताल के पश्चात आगामी 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जायेेगी। आनंद नेगी ने कहा कि पिछली बार भी आईबीएएफ 30 महीनों के भारी संघर्ष के पश्चात 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि की थी। इस बार भी उन्हें मजबूर किया जा रहा है। इस दौरान बैंक अधिकारी व कर्मियों ने मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान गिरीश लाल, भरत प्रकाश, पूरनलाल, दिनेश शर्मा, बीडी कांडपाल, मनोज कुमार, अरविंद गुप्ता, महेश भट्ट, ज्ञानचंद, सुरेश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, अनिल गुप्ता आदि मौजूद थे। हल्द्वानी-यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनिवर्स के आह्वान पर आज शहर भर के बैंकों में हड़ताल रही। हड़ताल के चलते जरूरी कार्य से बैंक आने वाले उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बैंक अधिकारी-कर्मचारी 26 महीने से लंबित वेतन पुनरीक्षण समझौता समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलित हैं। बैंक की हड़ताल कल भी जारी रहेगी। उसके बाद रविवार होने के कारण बैंक में अवकाश रहेगा। इसके चलते बैंक सोमवार को ही खुलेंगे। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनिवर्स के आह्वान पर देश के दस लाख से अधिक बैंक अधिकारी और कर्मचारी 26 महीने से लंबित वेतन पुनरीक्षण समझौता समेत अन्य मांगों को लागू न किए जाने के विरोध में आज और कल हड़ताल पर रहेंगे। सकारात्मक कार्रवाई न होने पर 11 से 13 मार्च तक तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी। एक अप्रैल को अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में भाग लेंगे। यूनियन के नेता केएन शर्मा ने बताया कि आज स्टेट बैंक आफ इंडिया की मुख्य शाखा के बाहर प्रदर्शन किया। इसमें तमाम अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। हड़ताल पूर्ण रूप से सफल रही।