कांग्रेस समर्थकों के पक्ष में माहौल बनाएंगे चेयरमैन कोली
दलित वोटों को साधने की फिराक में कांग्रेस
रुद्रपुर (उद संवाददाता)। पंचायत चुनाव को लेकर अब नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है वैसे वैसे राजनीतिक दल भी पंचायत चुनाव में सक्रिय होते जा रहे हैं। कांग्रेस की ओर से किच्छा से सटे गांव की जिम्मेदारी किच्छा नगर पालिकाध्यक्ष दर्शन कोली के हवाले की गई है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पंचायत चुनाव में कोई जोिखम नहीं उठाना चाहती ग्राम प्रधान से लेकर ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष किस सीट पर कब्जा जमाने को लेकर कांग्रेस मे अंदर खाने रणनीति बन गई है। कांग्रेस अपने चुनिंदा जनप्रतिनिधियों व चर्चित चेहरों के साथ पंचायत चुनाव में मोर्चा संभालने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार किच्छा नगर पालिकाध्यक्ष दर्शन कोली को समीपवर्ती ग्राम खुरपिया, बरा,बरी, बखपुर लालपुर,गऊघाट, नजीमाबाद आदि क्षेत्रों में कांग्रेस समर्थक प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने का आदेश मिला है। बता दें कि लोकसभा विधानसभा चुनाव में लगातार हार के बाद दर्शन कोली के रूप में कांग्रेस ने क्षेत्र में पहला चुनाव जीत लिया है। स्थानीय स्तर पर कांग्रेस इसे पूरी तरह भुनाने की कोशिश में लग गई है। दर्शन कोली दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं साथ ही उनकी पत्नी मीनू देवी कोली ब्लॉक प्रमुख रह चुकी है जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों की जनता सीधे तौर पर उनसे जुड़ी हुई है ग्रामीण क्षेत्रों में दलित परिवारों का संख्या बल अधिक है। कांग्रेस चेयरमैन कोली व उनकी पत्नी पूर्व ब्लाक प्रमुख मीनू देवी कोली के रूप में दलित वोटो को रिझाने की पूरी कोशिश में लग गयी है या यूं कहा जाए कि कांग्रेस एक तीर से दो शिकार करने की फिराक में है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो कांग्रेस गांव के छोटे चुनाव के माध्यम से जनता के बीच में अपनी पुरानी साख वापस लाने की भरपूर कोशिश कर रही है। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि क्षेत्र पंचायत सदस्य ब्लाक प्रमुख का चयन करते हैं अगर संगठन से जुड़े अधिक लोग क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीतते हैं तो रुद्रपुर विकासखंड के ब्लॉक प्रमुख पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहेगा। वहीं जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष का चयन करते हैं संगठन से जुड़े लोग जिला पंचायत सदस्य बनेंगे तो जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भी कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहेगा। साथ ही ग्राम प्रधान गांव का प्रमुख नागरिक होता है लिहाजा ग्राम प्रधान अगर संगठन से जुड़ा होगा कांग्रेस की सीधी पकड़ एक आम आदमी तक रहेगी। संगठन के बड़े नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की यह मेहनत आने वाले विधानसभा चुनाव में रंग लाएगी। कुल मिलाकर कांग्रेस ने अपने चुनिंदा जनप्रतिनिधियों व चर्चित चेहरों को मैदान में उतार दिया है अब देखना यह है कि कांग्रेस की यह अंदरूनी रणनीति क्या गुल खिलाएगी।