श्रीनगर। कश्मीर घाटी में सेना ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है। रविवार को जीनत उल-इस्लाम को मार गिराया गया। आतंकियों के टॉप 12 कमांडरों में से अब सिर्फ रियाज नायकू और जाकिर मूसा ही बचे हैं। अल बदर के टॉप कमांडर जीनत उल-इस्लाम के खात्मे के साथ आतंकियों के टॉप 12 कमांडरों में से अब सिर्फ रियाज नायकू और जाकिर मूसा ही बचे हैं। अब कश्मीर घाटी कुछ गिनती के ही कमांडर बचे हैं। सेना और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में बीते साल मारे गए दहशतगर्द आतंकियों का आंकड़ा 260 के पार पहुंच गया है। साल के शुरुआत में ही मिली बड़ी कामयाबी से सेना और सुरक्षाबलों का आतंकी कमांडरों का खात्मा करने का अभियान और तेज हो गया है। सेना के उच्च सूत्रों की माने तो 2019 में भी यह अभियान जारी रहेगा और आतंकवादी गतिविधियों पर लाइन ऑफ कंट्रोल और भीतर के इलाके दोनों में बराबर का दबाव बनाए रखा जाएगा। खुफिया सूत्रों के मुताबिक एलओसी के पार अभी भी 300 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। मार्च 2018 में सेना को अबू मतीन और अबू हमास का खात्मा करने में बड़ी कामयाबी मिली। एक अप्रैल 2018 को सुरक्षा बलों ने शोपियां में समीर अहमद भट उर्फ समीर टाइगर को भी मार गिराया। इसके बाद मई, जून और जुलाई के महीने में सद्दाम पाडर और अबु कासिम जैसे खूंखार आतंकियों का खात्मा कर दिया। अक्टूबर के महीने में सेना ने 27 आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई। इसमें मन्नान वानी, मेहराजुद्दीन बांगरू और सब्जार अहमद सोफी शामिल है। हाल में अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जबकि जम्मू-कश्मीर में स्थिति को अभी और भी सुधारा जा सकता है। कश्मीर मसले पर उन्होंने कहा कि हम वहां आम लोगों को निशाना नहीं बनाते हैं, लेकिन हम ये भी जानते हैं कि उस जमीन पर आतंकी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वहां कितने आतंकी मारे गए इससे सफलता तय नहीं होती है। आर्मी चीफ ने कहा कि कश्मीर में हिंसा होती रहेगी, अगर आतंकी मरेंगे तो नए आतंकी आएंगे। हमें इसे ही रोकना है क्योंकि हम कश्मीर में शांति चाहते हैं। सुरक्षा बलों की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर में आतंकवाद का दायरा श्रीनगर के आसपास 100 किलोमीटर में सिमट गया है। जिनमें श्रीनगर के आसपास के कुलगाम, बड़गाम, अनंतनाग और सोपियां जैसे इलाके शामिल है। जबकि पिछले दिनों में बांदीपुरा, सोपोर और बारामुला जैसे इलाके आतंकवाद से मुत्तफ हो गए हैं। सुरक्षाबलों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले पुलिसकर्मियों को निशाना बनाना शुरू किया, जिससे स्थानीय पुलिस में आतंकियों के खिलाफ विरोध शुरू हुआ। आतंकियों ने स्थानीय पुलिस कर्मियों और एसपीओ को पुलिस की नौकरी छोड़ने के लिए दबाव बनाया, लेकिन यह दबाव ज्यादा काम नहीं आया। उसके बाद आतंकियों ने बौखलाहट में स्थानीय युवाओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया। कई स्थानीय युवकों को बर्बरतापूर्ण तरीके से मारा गया। उनके वीडियो सोशल मीडिया में डाले गए। हाल के दिनों की इन घटनाओं ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद को नया मोड़ दिया है। ऐसे में अब बड़ी संख्या में स्थानीय युवा और लोग आतंकियों के खिलाफ हो गए हैं। आतंकियों के बड़े कमांडो की सूचनाएं सुरक्षाबलों को मिल रही हैं जिसकी वजह से पिछले कुछ महीनों में सेना और सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में कई बड़े आतंकी कमांडरों का खात्मा किया है।
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