पर्यटक भी श्रद्धालु बनकर आयें आदि कैलाशः सीएम धामी ने योग साधना के बाद सीमांत कुटी गांव के लोगों से की भेंट
सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन एवं तीर्थाटन से विकसित होंगे स्वरोजगार के साधन
पिथौरागढ़(उद संवाददाता)। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में आयोजित योग कार्यक्रम में योग कर देश व दुनिया को योग का संदेश दिया। योग के महत्व पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि योग में मानव जीवन को सुखमय बनाने की ताकत है। योग तन, मन और आत्मा का संगम है। मुख्यमंत्री ने आदि कैलाश क्षेत्र में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि भगवान भोलेनाथ की इस पावन धरा पर आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु बन कर आयें। इससे उन्हें आत्मिक शान्ति का आभास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के आगमन से स्थानीय लोगों को रोजगार व स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। स्थानीय खान-पान को बढ़ावा देने से स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा। ऊनी कालीन उद्योग भी यहां की आर्थिकी का आधार रहा है, इसे बढावा देने के प्रयास हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक जल स्रोत सूखने के साथ ही पर्यावरण दूषित हो रहा है। इस दिशा में परंपरागत धारे, नौले, गधेरों को पुनर्जीवित करने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें सभी को सहयोगी बनना होगा। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी आदि कैलाश से लौटते समय हिमालय की तलहटी में स्थित कुटी गांव में स्थानीय लोगों से भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी डबल इंजन सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन एवं तीर्थाटन का सुनियोजित विकास कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप अब सीमांत क्षेत्रों में भी अभूतपूर्व रूप से पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुंजी, कुटी, नाभीढाँग जैसे अनेक गावों में बड़ी संख्या में बने होमस्टे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह स्थान धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढ़ समृद्ध उत्तराखण्ड के संकल्प को साकार करने में मददगार साबित होगा। वहीं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आदि कैलाश में आयोजित योग कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के पश्चात अपने पैतृक गांव हड़खोला, डीडीहाट पहुँचकर ग्रामवासियों से भेंट की। इस अवसर उन्होंने ग्रामवासियों के साथ वृक्षारोपण भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति, धरोहर और परंपरा आज भी हमारे गावों में देखी जा सकती है, पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन की धारा यहीं से बहती है। उन्होंने कहा कि गांव आना सदैव मन-मस्तिष्क को सुख प्रदान करने वाला होता है और भूली बिसरी स्मृतियों को जीवंत कर देता है।