यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर रात-दिन यात्रा प्रबंधन में जुटे प्रशासन एवं पुलिस अधिकारी

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यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने का क्रम निरंतर जारी
उत्तरकाशी । जिले में रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने का क्रम निरंतर जारी है। यात्रा सुव्यस्थित रूप से संचालित हो रही है। यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के 9 दिन के भीतर दोनों धामों में पहुंचने वाले यात्रियों का आंकड़ा दो लाख के पार होने की संभावना है। यात्रा रूटों पर वाहनों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही हैं, लेकिन गेट व वन-वे व्यवस्था लागू किए जाने से ट्रैफिक व्यवस्था नियंत्रण में है। जिसे देखते हुए होल्डिंग एरिया एवं होल्डिंग टाइम को कम किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा होल्डिंग एरिया में रोके गए यात्रियों के लिए पानी, भोजन एवं चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ ही इन स्थानों पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इस काम में अनेक विभागों को लगाया गया है। जिससे यात्रा में कम समय भी लग रहा है। गढ़वाल भ्रमण के दौरान अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड  ने भद्रकाली चेक पोस्ट का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गंगोत्री यमुनोत्री यात्री पंजीकरण जांच केंद्र एवं पर्यटक पुलिस सहायता केंद्र का निरीक्षण कर मौजूद अधिकारियों से यात्रा व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया। उन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था बनाये रखने और यातायात प्लान के अनुसार वाहनों का आवागमन करने के निर्देश दिए। श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा जाए और उन्हें परेशानी ना हो उसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।
गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में रिकार्ड संख्या में यात्रियों के पहुंचने के कारण यात्रा सुविधाओं एवं सड़कों पर अत्यधिक दबाव है। इस चुनौती से निपटने के लिए शासन-प्रशासन में विभिन्न स्तरों पर स्थिति की निरंतर निगरानी और समीक्षा के साथ ही त्वरित समाधान हेतु निरंतर फैसले लेकर उन्हें धरातल पर क्रियान्वित करवाया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गत दिवस यमुनोत्री मार्ग पर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेकर यात्रियों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने यात्रा इंतजामों को लेकर अनेक हिदायतें जारी की। यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा मार्ग व यात्रा पड़ावों पर लगातार रात-दिन दौरा कर यात्रियों से मुलाकात करने के साथ ही यात्रा प्रबंधन में जुटे प्रशासन एवं पुलिस के अमले का मार्गदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा होल्डिंग एरिया में जलापूर्ति, बिजली, टॉयलेट्स की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। मोबाइल चिकित्सा टीमों को भी इन क्षेत्रों में तैनात किया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर होल्डिंग स्थलों पर यात्रियों को पेयजल, चाय, दूध, भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी कराई जा रही हैं। यात्रियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग का अनुरोध किया जा रहा है। इन इंतजामों में विभिन्न विभागों के साथ ही ग्राम्य विकास विकास विभाग की आजीविका परियोजना एवं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाएं भी सहयोग कर रही हैं। प्रशासन द्वारा रामलीला मैदान में शुरू कराए गए लंगर में खुद मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने यात्रियों को भोजन परोसा। यात्रा मार्गों व धामों पर भीड़ के कारण उत्पन्न वस्तुस्थिति से वाकिफ तीर्थयात्री प्रशासन के इंतजामों से संतुष्ट होकर वाहनों के नियंत्रित संचालन की व्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं। यमुनोत्री धाम में गत दिन सर्वाधिक 15800 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। धाम में एक दिन में आने वाले श्रद्धालुओं का यह नया रिकॉर्ड है। गंगोत्री धाम में भी गत दिन 14010 श्रद्धालु पहुंचे। कपाट खुलने के बाद इन दोनों धामों में पिछले दिन तक 186275 तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं। इन दोनों धामों में कपाट खुलने के बाद गत दिन सर्वाधिक 2740 वाहन पहुंचे। बावजूद इसके बेहतर प्रबंधन के चलते यात्रा मार्गों पर स्थिति सामान्य रही और दोनों धामों में एक साथ भीड़ इकट्ठा होने की स्थिति नहीं बनी। आज दोपहर 12 बजे जिले में यमुनोत्री मार्ग पर डामटा में 25, दोबाटा में 12, खरादी में 100, पालीगाड में 200 वाहन होल्ड पर रखे गए थे। जबकि खरसाली और जानकीचट्टी में 400 वाहन खड़े थे। इस रूट पर दोपहर में डामटा से 53 और पालीगाड से 100 वाहन छोड़े गए। इसी तरह गंगोत्री मार्ग पर दोपहर में रामलीला ग्राउंड उत्तरकाशी में 35, सोनगाड व सुक्खीटॉप में 60, झाला में 80, हर्षिल में 12 और लंका में 6 वाहन होल्ड पर रखे गए थे। जबकि उत्तरकाशी से 245 और हर्षिल से 100 वाहनों को छोड़ा गया। दोपहर में गंगोत्री में लगभग 500 वाहन खड़े थे और 50 वाहनों को यहां से प्रस्थान करवाया गया। होल्डिंग एरिया में रोके गए वाहनों में लगभग 17 हजार यात्री सवार हैं। गेट सिस्टम के तहत अगले गंतव्य में स्थान उपलब्ध होने पर उन्हें सिलसिलेवार ढंग से आगे के लिए प्रस्थान करवाया जाना है।
 

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