किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को दी श्रद्धांजलि

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रूद्रपुर । महाराजा रणजीत सिंह पार्क में आयोजित एक कार्यक्र्रम में तमाम लोगों ने 32 अमर शहीद किसानों के चित्रों पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि इतिहास में इन शहीदों का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उपस्थित नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरे देश का किसान अब अपनी खेती व जमीन बचाने के लिए आर पार की लड़ाई लड़ रहा है। अब यह लड़ाई किसानों के मान सम्मान की लड़ाई बन चुकी है। दिसंबर माह की कड़ाके की ठंड व शीतलहर के बावजूद दिल्ली के Úंटल मोर्चे पर हजारों हजार किसान डटा हुआ है । उन आंदोलनकारी किसानों में से अभी तक 32 किसानों ने इस आंदोलन मैं अपनी शहादत दे दी है । किसान कौम के इन अनमोल हीरो का यह अमर बलिदान पूरे देश के किसानों में एक नया जोश का संचार भी कर गया है । देश के किसानों की जमीन बचाने मैं उनके इस बलिदान को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा । उपस्थित तमाम वक्ताओं ने कहा कि आज देश का अन्नदाता ना केवल अपनी जमीन बचाना चाहता है बल्कि देश की गरीब जनता को सस्ता अनाज दिलवाने का भी प्रयास कर रहा है, क्योंकि यदि एक बार भारत की कृषि व कृषि आधारित उद्योगों पर अडानी अंबानी जैसे कारपोरेट घरानों का एकाधिकार हो गया तो आटा 100 रुपये किलो और चावल 200 किलो मिला करेगा जिसको खाना आम आदमी के बस की बात नहीं होगा। इसलिए ही अब यह आंदोलन एक जन आंदोलन बन गया है क्योंकि यह लड़ाई अब सर्व समाज की लड़ाई है। इस दौरान राम सिंह बेदी, सुरमुख सिंह विर्क, संदीप चीमा, सुशील गाबा, संजय जुनेजा, लखविंदर सिंह बेदी, प्रीतम चावला, नंदलाल, समरवीर सिंह, अमन ढिल्लों, गुरविंदर सिंह, मंजीत सिंह मक्कड़, हीरा सिंह विर्क, आशीष यादव, ओंकार ढिल्लों, गगनजीत सिंह, राजन ठुकराल, मनीष शर्मा, इंदर नारंग, हरसिमरन सिंह, हरेंद्र पाल, गुरप्रीत चीमा, नवजोत सिंह, अमृत पाल सिंह, चरनजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह, नवाब सिंह आदि मौजूद थ्ज्ञे।

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