एक किलो स्मैक के साथ दो तस्कर दबोचे
एसटीएफ की एंटी ड्रग टास्क फोर्स ने की बड़ी कार्रवाई, बरेली से देहरादून लाई जा रही थी स्मैक
एक किलो स्मैक के साथ दो तस्कर दबोचे
हरिद्वार(उद सहयोगी)।बरेली उत्तर प्रदेश से तस्करी कर देहरादून ले जाई जा रही एक किलो स्मैक के साथ एसटीएफ की एंटी ड्रग टास्क फोर्स ने दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। स्मैक तस्करी पर उत्तराखंड में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। एसटीएफ के डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल के निर्देश पर एंटी ड्रग टास्क फोर्स की एक टीम लंबे समय से बरेली से उत्तराखंड में स्मैक तस्करी करने वाले सौदागरों की तलाश में जुटी हुई थी। उपनिरीक्षक प्रियंका भारद्वाज के नेतृत्व में टीम ने तस्करों की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया और हरिद्वार में चंडीघाट क्षेत्र से एक बुलेट बाइक स्कूटी पर सवार दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर दोनों वाहनों से करीब एक किलो स्मैक बरामद हुई। इतनी बड़ी मात्रा में स्मैक बरामद होने से टीम के होश उड़ गए। पूछताछ में तस्करों ने अपने नाम राहुल कुमार निवासी नेमततपुर नगीना बिजनौर और बेगराज सिंह निवासी अंबेडकर नगर ज्वालापुर हरिद्वार बताया। दोनों तस्करों के खिलाफ श्यामपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ श्यामपुर विजेंद्र डोभाल और श्यामपुर थानाध्यक्ष दीपक कठैत ने भी तस्करों से पूछताछ की। बड़ी सफलता पर एसटीएफ की टीम को आला अधिकारियों ने शाबाशी दी है। टीम में उपनिरीक्षक प्रियंका भारद्वाज, एचसीपी प्रताप दत्त शर्मा, कांस्टेबल अनूप नेगी व मनमोहन सिंह शामिल रहे। यह उत्तराखंड में स्मैक के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। बरामद स्मैक की कीमत बाजार में एक करोड़ से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पूरे उत्तराखंड में स्मैक का धंधा बरेली से तस्करी कर संचालित किया जा रहा है। स्मैक का धंधा सबसे ज्यादा राजधानी देहरादून और हरिद्वार में चल रहा है। गिरफ्तारी के बाद दोनों तस्करों में पूछताछ में खुद ही खुलासा किया गया था कि यह स्मैक देहरादून में छात्रों को बेचने के लिए ले जाई जा रही थी। अभी तक छोटे तस्कर ही पुलिस व एसटीएफ के हाथ आते रहे हैं। इस बार पहली मर्तबा एसटीएफ के हाथ बड़ी खेप लगी है। पूछताछ में तस्करों ने बताया कि उन्हें मुरादाबाद में स्मैक के डिलीवरी दी गई थी। स्कूटी और बुलेट से उन्हें यह स्मैक देहरादून पहुंचानी थी। ताज्जुब की बात यह कि लाॅकडाउन के बावजूद दोनों तस्कर बिना किसी अनुमति के एक राज्य से दूसरे राज्य में आना-जाना कर रहे थे। माना जा रहा है कि दोनों तस्करों के पीछे नशे का कोई बड़ा सौदागर शामिल है।