दिनेशपुर बना नशीली दवाओं का गढ़
युवा हो रहे हैं नशे के आदी,अवैध मेडिकल में नशीली दवाओं का जखीरा बरामद
दिनेशपुर(उद संवाददाता)। नशे का अवैध करोबार दिनेशपुर में खूब फलफूल रहा है। मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाएं खुलेआम बेंची जा रही हैं। युवा तेजी से नशे की गोलियों व इंजेक्शन के आदी हो रहे हैं। औषधि निरीक्षक विभाग ने अवैध मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर नशीली दवाओं का जखीरा बरामद किया है। मेडिकल सीज कर संचालक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है। संचालक पुलिस की गिरफ्त से फरार है। बताते चलें कि दवा विक्रेता नरेश अग्रवाल के खिलाफ नशीली दवाएं बेचने और अवैध तरीके से मेडिकल स्टोर चलाने की शिकायतें विभाग को मिल रही थीं। जिसके चलते लगभग 8 माह पूर्व औषधि निरीक्षा विभाग ने छापा मारकर बड़ी तादात में अवैध नशीली दवाएं, इंजेक्शन बरामद किऐ थे। दुकान को सीज कर दिया गया था। संचालक नरेश अग्रवाल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की गयी थी। कई महीने बाद नरेश को एसडीएम कोर्ट से दुकान की चाबी मिली थी। आरोप है कि नरेश ने खुलेआम फिर से नशीली दवाओं की सप्लाई शुरू कर दी। बताया जाता है कि उक्त व्यक्ति नगर के कई मेडिकल स्टोरों को नशीली दवाएं सप्लाई करता है। शिकायत मिलने पर बीते दिन औषधि निरीक्षक डॉ- सुधीर कुमार और मिनाती बिष्ट ने विभागीय टीम व स्थानीय पुलिस कर्मियों को लेकर नरेश अग्रवाल को अवैध मेडिकल स्टोर व गोदाम पर छापा मारा। मेडिकल में बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद हुई। स्टौक भी मेंटन नहीं था। संचालक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी नहीं दिखा पाया। विभाग द्वारा फार्म 16 के तहत कार्यवाही की गयी है। मौका देखकर संचालक नरेश अग्रवाल फरार हो गया। औषधि निरीक्षक सुधीर कुमार ने बताया कि संचालक के खिलाफ अब कानूनी कार्यवाही की जा रही है। इधर अचानक हुई छापामारी से मेडिकल संचालकों में भगदड़ मच गयी। गलत दवाएं बेचने वाले व मानक पूरे न करने वाले कई मेडिकल स्टोर शनिवार को दोपहर बाद बंद हो गये। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जाफरपुर रोड पर स्थित दो मेडिकल स्टोर व कालीनगर रोड पर मौजूद एक मेडिकल स्टोर की शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं। पूरी तैयारी के साथ अवैध मेडिकल चला रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। बताते चले कि नगर में युवा तेजी से सूखे नशे व इंजेक्शन के शिकार हो रहे है। मेडिकल स्टोर नशे को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। कुछ मेडिकल स्टोर तो सिर्फ नशे की दवाएं बेचने की वजह से चल रहे है। नशे के केप्सूल व इंजेक्शन से पिछले छः माह में एक दर्जन से ज्यादा मौते हो चुकी है। इस वाबत औषधि विभाग और पुलिस विभाग भी उदासीन बना रहता है। देर से ही सही औषधि विभाग ने मेडिकल स्टोर की आड़ में नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही तो की है, लेकिन देखना यह होगा कि क्या सतत रूप से विभाग यूं ही मुस्तैद रहेगा? क्या दिनेशपुर में अवैध नशे के कारोबार पर अंकुश लग पायेगा?