जवाब देने में देरी पर सीडीपीओ से मांगा स्पष्टीकरण

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गदरपुर,(उद संवाददाता)। फर्जी आय प्रमाण पत्र के आधार पर आंगनबाडी कार्यकत्री के पद पर नौकरी किये जाने का मामला संज्ञान में आने से विभाग सहित तहसील प्रशासन में हडकम्प मचा हुआ है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने इस सम्बंध में सीडीपीओ से जबाब देने में की गई देरी पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। मामला निकटवर्ती ग्राम खानपुर कलकत्ता का है जहां रहने वाले कश्मीर सिंह नामक व्यक्ति ने अपनी पुत्री को वर्ष 2007 में आंगनबाड़ी करके दो नौकरी पर लगवाया था। वर्ष 2018 में आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका के पद के लिए भर्ती आई तो कश्मीर सिंह ने अपनी पुत्रवधू को सहायिका पद पर नौकरी पर लगाने के लिए बीपीएल से भी कम आय का प्रमाण पत्र बनवा लिया। गांव में ही रहने वाले सतनाम चंद ने आपत्ति जताते हुए प्रमाण पत्र को निरस्त किए जाने की मांग की थी। जांच के दौरान प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया। इस बीच बाल विकास द्वारा सहायिका पद को समाप्त कर दिया गया। वर्ष 2019 में जब पुनः सहायिका पद के नई रिक्ति निकली तो सतनाम चंद ने बकैनिया के आरटीआई कार्यकर्ता विश्वनाथ और जितेंद्र कुमार के माध्यम से कश्मीर चंद द्वारा वर्ष 2007 में बनवाए गए आय प्रमाण पत्र सहित सभी दस्तावेजों की जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम से मांगी जिसमें आय प्रमाण पत्र तहसील से जारी नहीं होना पाया गया, जिसको लेकर कश्मीर सिंह ने आरटीआई कार्यकर्ता विश्वनाथ और जितेंद्र कुमार को धमकाया। जितेंद्र कुमार ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र भेजकर कश्मीर सिंह की पुत्री द्वारा फर्जी आय प्रमाण पत्र के आधार पर की जा रही नौकरी पर कार्यवाही की मांग दोहराई। तहसील प्रशासन द्वारा भी अपनी जांच रिपोर्ट में भी कोई आय प्रमाण पत्र न बनने की बात कही गई और सीडीपीओ गदरपुर को भी संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने इस मामले में उदासीनता दिखाते हुए कोई कार्यवाही नहीं की और जांच रिपोर्ट को उच्चाधिकारियों को नहीं भेजा। इस प्रकरण को लेकर जितेंद्र कुमार ने पुनः सूचना अधिकार से जानकारी मांगी तो विभागीय अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह द्वारा सीडीपीओ गीता जोशी को भेजे गए पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती पर कार्यवाही न किए जाने के कारण का स्पष्टीकरण मांगा है।

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