सरकार के इशारे पर किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही पुलिस : तिलक राज बेहड़

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रुद्रपुर। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ ने उधम सिंह नगर में शुक्रवार को पुलिस और किसानों के मध्य कई स्थानों पर हुए संघर्ष को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने जवानों और किसानों को आमने-सामने करने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है। प्रेस को जारी बयान में बेहड़ ने कहा कि जिले की पुलिस सरकार के इशारे पर किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने में लगी थी। उन्होंने कहा कि उन्हें ताज्जुब होता है कि जब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति दे दी है तो जिले की पुलिस को ऐसी कौन सी तकलीफ थी कि उन्होंने किसानों को रोकने की ठान ली। बेहड़ ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बाॅर्डर जाने के लिए किसान आंदोलित थे उसी यूपी की पुलिस ने बिलासपुर से लेकर गाजीपुर बाॅर्डर तक कहीं भी किसानों को नहीं रोका। बल्कि यूपी पुलिस के अधिकारियों ने किसानों को मदद भी की और गाजीपुर पहुंचने के लिए ट्रैफिक रहित रास्तों के बारे में भी बताया। बेहड़ ने कहा कि इतने बड़े उत्तर प्रदेश की पुलिस ने किसानों को कहीं नहीं परेशान किया मगर छोटे से उत्तराखंड की सरकार इतनी हठधर्मिता पर उतारू हो गयी कि जिले की पुलिस और किसानों का संघर्ष करवा दिया। बेहड़ ने कहा कि जब-जब भाजपा सरकार डरती है तो पुलिस को आगे करती है। बेहड़ ने कहा कि काले कृषि कानूनों के खिलाफ देश का अन्नदाता सड़कों पर है। इन्हीं किसानों के बच्चे फौज व पुलिस में जाकर देश की सेवा करते हैं और आज भाजपा इन्हीं के मध्य टकराव करवा रही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन गति पकड़ेगा और तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक केंद्र सरकार काले कानून वापस नहीं लेती। उन्होंने कहा कि जिले की पुलिस को भी टकराव छोड़ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।

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