हंसी प्रहरी को नौकरी और आवास दिलाने का ऑफर,बूढ़ी मां के छलके आंसू,बड़ी बेटी भी है होनहार

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देहरादून/हरिद्वार/अल्मोड़ा(उद ब्यूरो)। हंसी प्रहरी की मदद को प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री श्रमती रेखा आर्य आगे आई है। सोशल मीडिया पर भी अल्मोड़ा जिले की हंसी प्रहरी की दयनीय दास्तां के साथ ही उसकी योग्यता पर काफी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं वहीं महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है। श्रीमनी रेखा आर्य ने मंगलवार को हरिद्वार पहुंचकर हंसी प्रहरी का हालचाल जाना था। उन्होंने हंसी को मुख्यमंत्री की ओर से नारी निकेतन में केयर टेकर की नौकरी, आवास और उनके बेटे को निशुल्क शिक्षा मुहैया कराने का प्रस्ताव भी दिया। मंत्री रेखा आर्य के अनुसार हंसी ने प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कम से कम एक दिन के समय मांगा है। हालांकि, पत्रकारों से बातचीत में हंसी ने कहा कि वह शुरू से ही आजाद ख्याल की रही हैं। इसलिए उन्हें कहीं बंधकर रहना स्वीकार नहीं। वह सरकार से शहर के बीचोंबीच मन-मुताबिक स्थान आवास की मांग कर रही हैं, क्योंकि मन-मस्तिष्क पर स्थान एवं परिवेश का काफी असर पड़ता है। हंसी ने दावा किया कि अपना और बेटे का पेट तो वह टड्ढूशन पढ़ाकर ही भर लेंगी। हंसी प्रहरी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि हंसी उनके विधानसभा क्षेत्र की और उनके पैतृक गांव के पास की रहने वाली हैं। उन्होंने हंसी के साथ बंद कमरे में करीब एक घंटे बातचीत की और उनके इन हालात के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की। बताया कि हंसी अपने हालात के कारणों की उन्हें कोई खास जानकारी नहीं दे सकी। हालांकि, बातचीत में महसूस हुआ कि हंसी के साथ उनके घर में कुछ ऐसा घटित हुआ, जिससे आहत होकर वह इस स्थिति तक पहुंच गई। मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि हंसी के साथ क्या और किसकी वजह से घटित हुआ, फिलहाल हम इस पर नहीं जा रहे। अभी तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हंसी की मदद करना चाहते हैं। इसलिए सरकार, उनके मंत्रलय और स्थानीय प्रशासन का पूरा जोर 45-वर्षीय हंसी प्रहरी को छत, रोजी और उनके छह वर्षीय बेटे परीक्षित को अच्छी शिक्षा दिलाने पर है। एक बार यह सब हो जाए और हंसी मानसिक तौर पर बेहतर स्थिति में आ जाएंगी। फिर उनके साथ घटित घटनाओं का संज्ञान लेकर इसके लिए दोषी व्यत्तिफ़यों को चिह्नित कर दंडित करने को कड़े कदम उठाए जाएंगे। मंत्री रेखाआर्य ने यह भी बताया कि हंसी को दिए गए प्रस्ताव के कार्यान्वयन को उनके मंत्रलय ने पूरी तैयारी कर ली है। हरिद्वार आने से पहले वह इस मामले में मुख्यमंत्री से आवश्यक दिशा-निर्देश भी ले चुकी हैं। इसलिए हंसी अगर प्रस्ताव स्वीकार कर लेती हैं तो अगले मंगलवार से सरकार अपने प्रस्ताव के अनुरूप उनके लिए जरूरी व्यवस्था कर देगी। यही नहीं, यदि वह प्रस्ताव नहीं भी स्वीकारती तो सरकार उनकी इच्छानुसार व्यवस्था करने का पूरा प्रयास करेगी। उन्हें इस तरह दर-दर की ठोकरे खाने को नहीं छोड़ा जा सकता। इस मौके पर महापौर अनिता शर्मा भी मौजूद रहीं। मंत्रीरेखा आर्य ने बताया कि हंसी से हुई बातचीत और अल्मोड़ा से उनके संदर्भ में सामने आई जानकारी के अनुसार हंसी के मायके वालों उनसे नाता तोड़ लिया है। हंसी की छोटी बहन जरूर उनकी 16-वर्षीय बेटी पूर्णिमा की जिम्मेदारी उठाए हुए है। वह पूर्णिमा को नैनीताल के एक आवासीय विद्यालय में शिक्षा दिला रही हैं। हालांकि, वह भी हंसी से कोई संबंध नहीं रऽती। ससुरालियों और पति का भी उनसे कोई संबंध नहीं है। उधर, हंसी ने बताया कि उन्होंने माता-पिता की मर्जी के िऽलाफ शादी की थी, जिसमें परिवार को कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ। मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि उन्होंने हंसी को काउंसिलिग और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए राजी कर लिया है। उनके विभाग के अधिकारी बुधवार से इस मामले में कार्रवाई शुरू कर देंगे। उन्होंने अपने विभाग के काउंसलर और विधि सलाहकार को भी मौके पर ही बुला लिया था, जिन्होंने हंसी से बातचीत कर यह निष्कर्ष निकाला। मंत्री रेखा आर्य की पत्रकारों से बातचीत के दौरान अचानक हंसी भी वहां पहुंच गईं और उनसे अल्मोड़ा के बारे में बातचीत करने लगीं। इस पर मंत्री ने उन्हें अपने साथ अल्मोड़ा चलने का प्रस्ताव दिया और बताया कि वह 26 अक्टूबर को अल्मोड़ा जा रही हैं। अचानक मिले इस प्रस्ताव पर पहले तो हंसी अवाक रह गई, लेकिन बाद में उन्होंने चलने की इच्छा जाहिर कर दी। वहीं दूरी तरफ हंसी प्रहरी की इस दुर्गति पर गांव में उसकी बूढ़ी मां पानादेवी फफक पड़ी। भारी मन, आंऽों से आंसू व रुंधे गले से बोलना शुरू किया तो हंसी की जिंदगी का फलसफा और उसकी सफलता से गरीबी तक के उतार चढ़ाव में छिपे राज ऽुलते चले गए। मां बोली-वह जिद्दी रही। जो ठान लिया उसे पूरा कर ही दे लेती। मनमर्जी से विवाह की जिद ही उसे आज इस मोड़ पर ले आई है। हंसी प्रहरी के रणिऽला गांव (हवालबाग ब्लॉक) में उसकी मां पानादेवी व बहन पुष्पा देवी ने बताया कि थाना बाजार (अल्मोड़ा) की एक आंटी ने हंसी को अपने लऽनऊ निवासी मुंहबोले भाई नन्हे लाल से मिलाया। नन्हे को सेना में जेसीओ बता शादी के लिए मना भी लिया। पर पिता हरीराम राजी नहीं थे। हंसी की जिद पर लऽनऊ भी गए लेकिन व्यवहार ठीक न लगा तो गांव लौट कर उन्होंने शादी से मना कर दिया। हंसी ने एसएसजे परिसर के एक प्रोफेसर से भी मदद मांगी। पर वह भी नहीं माने। तब हंसी व नन्हे ने काशी जाकर 2003 में शादी कर ली। पुष्पा कहती हैं कि नन्हे ने कुछ ही माह में उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया। परेशान होकर हंसी ऽत्याड़ी में किराए के कमरे में रह रही उसके व भाई आनंदराम (अनुराग) के पास आ गई। 2004 में हंसी ने बेटी को जन्म दिया। मगर हालात कुछ ऐसे बने कि पति ने अपनाया ही नहीं। हंसी विवाह के तीन वर्ष बाद अवसाद से घिरने लगी थी। बच्ची को बालआश्रम में छोड़ने की बात पर मा पानादेवी ने पोती को अपने पास रऽ लिया। 2006 में जब वह गांव लौटी तो पति नन्हे के िऽलाफ शिकायत दर्ज करा दी। पुष्पा के अनुसार आिऽरी तारीऽ में हंसी ने केस वापस ले लिया। उसके बाद वह लऽनऊ गई या नहीं, कुछ पता नहीं लगा। एक-डेढ़ साल बाद फिर गाव आई तो बताया कि हरिद्वार में टड्ढूशन पढ़ा ऽर्चा चला रही है। अब सुना कि वह हरिद्वार में भीऽ मांग दरबदर भटक रही। मां पानादेवी ने बताया कि पिता हरीराम हंसी की नन्हे से शादी के िऽलाफ थे। शादी के सालभर में ही उन्होंने सदमे से दम तोड़ दिया। हरीराम ने पत्थर तोड़ कर जो कमाया, उससे चार बेटियों व एक बेटे का पालन-पोषण व शिक्षा दिलाने में ऽुद को झोंक दिया था। हंसी ने एमए साहित्य व राजनीतिक शास्त्र में एमए किया है। 1999 में वह छात्र संघ चुनाव में निर्विरोध छात्र उपाध्यक्ष बनी। तीन वर्ष तक एसएसजे परिसर में ही लाइब्रेरियन भी रही। 2002 में सोमेश्वर विधानसभा से काग्रेस के प्रदीप टम्टा व भाजपा के अजय टम्टा के िऽलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा। हंसी की बेटी पूर्णिमा जवाहर नवोदय विद्यालय ताड़ीऽेत में 11वीं की छात्र है। हाईस्कूल में 93 प्रतिशत अंक पाए। वह आइएस बनने की धुन पाले है। पानादेवी व पुष्पादेवी ने कहा कि शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से पूर्णिमा की उच्चशिक्षा के लिए गुहार लगाएंगी। हंसी की मेधावी बेटी पूर्णिमा की उच्चशिक्षा व प्रशासनिक सेवा की तैयारी में मदद के लिए जनप्रतिनिधि तैयार हैं। उपनेता प्रतिपक्ष करन सिंह माहरा ने कहा कि लाचार मां की बेटी के लिए जो भी बन पड़ेगा करेंगे। वहीं भाजपा प्रदेश सहमीडिया प्रभारी विमला रावत ने भी पूर्णिमा का करियर संवारने में सहायता देने की बात कही।

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