विधायक शुक्ला और डीएम के विवाद के बीच सीएम का मास्टरस्ट्रोक

महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने से बढ़ा आईएएस डा-खैरवाल का सम्मान

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देहरादून/ऊधमसिंहनगर। प्रदेश में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में तालमेल बनाने के लिये मुख्यमंत्री ने एक और मास्टर स्ट्रोक खेला है जिससे व्यूरोक्रसी को लेकर चल रही चर्चाओं का दौर और तेज हो गया है। ऊधमसिंहनगर जनपद के डीएम डा- नीरज खैरवाल के स्थानांतरण को भाजपा के विधायक व समर्थक अपनी जीत भले ही मान रहे हो लेकिन डीएम का स्थानांतरण होना एक सामान्य प्रक्रिया भी हो सकती हैं। जबकि आईएएस डा- नीरज खैरवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर सचिव की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई हैं। जिलाधिकारी डा- नीरज खैरवाल को पद से हटाने के साथ ही महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी वह भी तब दी गई है जब किसी सत्ता पक्ष के विधायक द्वारा ही खुद विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का शिकायती पत्र भेजा गया है। जबकि विछले दिनों कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक और नौकशाहों के बीच बैठक में गैरहाजरी को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी इस मामले को विधानसभा में देखने की बात कहते हुए सरकार को निशाने पर लिया था। बहरहाल प्रदेश में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच चल रही नूराकुश्ती के बीच जिले में पहले एसएसपी बरिंदरजीत सिंह और फिर डीएम नीरज खैरवाल को नयी जिम्मेदारी मिलने से भाजपा में अनदरूनी सियासत भी गरमा गई है। ऊधमिंसहनगर के जिलाधिकारी का स्थानांतरण को विधायक और आईएएस अफसर के बीच छिड़ी जंग का ही सियासी परिणाम बताया जा रहा हो लेकिन वास्तविकता यह है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने आईएएस अफसर को प्राइम पोस्टिंग और महत्वपूर्ण महकमा देकर उनका सम्मान बढ़ाया हैं। ऊधमसिंह नगर के डीएम डा- नीरज खैरवाल और किच्छा के विधायक राजेश शुक्ला के बीच तनातनी चल रही थी। इतना ही नहीं विधायक राजेश शुक्ला ने जिलाधिकारी डा- नीरज खैरवाल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल को भेज दिया गया था। यही नही विधाायक राजेश शुक्ला ने कल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की मौजूदगी में जिला मुख्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में इसलिए जाने से इंकार कर दिया कि वहां जिलाधिकारी डा- नीरज खैरवाल भी थे। विधायक शुक्ला ने साफ कहा कि डा- नीरज खैरवाल के जिलाधिकारी रहते वह किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। लेकिन विधायक शुक्ला के बयान से इतर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी श्री खैरवाल की वाहवाही करते हुये उनके कार्यो की जमकर सराहना की। मुख्यमंत्री के रूद्रपुर दौरे के कुछ घंटों बाद ही शासन ने जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल को मुख्यमंत्री का अपर सचिव बनाने का पैगाम भेज दिया। यही नही राज्य के सबसे महत्वपूर्ण विभाग में श्री खैरवाल को तैनाती देते हुये उनका कद ओर बढ़ा कर दिया। श्री खैरवाल की उधमसिंहनगर में जिलाधिकारी पद पर तैनाती को 3 वर्ष से अधिक समय हो चुका था। अब आईएएस डा- नीरज खैरवाल के साथ ही कई अन्य आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले किये गये है।

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