ई-रिक्शा और आटो के परिचालन पर रोक से सैकड़ों परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट
ई रिक्शा पर रोक, लेकिन डंफरों को चलने की दी गई है छूट, शासन प्रशासन के दूरदर्शी नियमों से कामगारों में बनी है नाराजगी
ई रिक्शा पर रोक, लेकिन डंफरों को चलने की दी गई है छूट, शासन प्रशासन के दूरदर्शी नियमों से कामगारों में बनी है नाराजगी
गदरपुर(उद संवाददाता)। कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लाॅक डाउन में शासन प्रशासन के अदूरदर्शी नियमों से मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले कामगारों के सामने भूखे मरने की नौबत पैदा होने लगी है। पिछले एक माह से भी अधिक समय से हजारों की संख्या में कामगार कामकाज के अभाव में घर पर बैठे हुए हैं। 4 मई से लाॅक डाउन 3 के आरंभ होने पर शासन द्वारा जहां सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट के परिचालन पर रोक लगाए जाने पर ई रिक्शा एवं आॅटो जैसे वाहनों के चलने पर रोक लगाई है, जिससे सैकड़ों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है, लेकिन वही शासन द्वारा खनन कार्य में प्रयुक्त होने वाले डम्फर आदि के परिचालन पर छूट दिए जाने से शासन प्रशासन के नियमों को लेकर नाराजगी के स्वर सुनाई देने लगे हैं। ई-रिक्शा एवं आॅटो जैसे वाहनों को चलाकर अपने और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे दर्जनों ई रिक्शा चालकों को पुलिस प्रशासन द्वारा पकड़ कर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है जोकि गरीब वर्ग के ई रिक्शा चालकों के लिए किसी कुठाराघात से कम नहीं है क्योंकि ज्यादातर ई रिक्शा चालक ग्रामीण क्षेत्रों से नगर क्षेत्र में आकर सवारियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचते है और किराये पर चलते हैं जिनके एवज में मिलने वाली किराए रूपी धनराशि से उनको अपने घर परिवार का पालन पोषण करना होता है लेकिन बीते 24 मार्च से कोरोना वायरस जैसी महामारी के संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए लाॅक डाउन ने मेहनत मजदूरी करके अपना गुजर-बसर करने वाले परिवारों के सामने भूखे पेट रहने की परिस्थितियां पैदा कर दी हैं। पूरे दिन में ई रिक्शा चला कर दो-तीन सौ रुपये कमाने वाला ई रिक्शा चालक पुलिस प्रशासन द्वारा पकड़े जाने पर 500 से 250 रुपये का जुर्माना अदा करके अपना ई रिक्शा छुड़ा रहा है और घर में बैठकर अपनी बदकिस्मती पर आंसू बहाने को मजबूर है क्योंकि न तो कोई उसकी मनो स्थिति को समझने वाला है और न ही कोई उसकी और उसके परिवार की दयनीय स्थिति की सुध ले रहा है। गदरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पिछले 2 दिनों से लगातार पुलिस प्रशासन द्वारा मुख्य बाजार सहित अन्य लिंक मार्गाे पर चलने वाले ई रिक्शा चालकों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जा रहा है, जिसके पीछे कोरोनावायरस जैसे संक्रमण की रोकथाम एवं लाॅक डाउन 3 के तहत जारी दिशा निर्देशों के अनुपालन में ई-रिक्शा जैसे वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने संबंधी आदेश का हवाला देकर प्रभावी कदम उठाए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन शासन प्रशासन द्वारा मुख्य बाजार सहित अन्य लिंक मार्गों पर बेतरतीब तरीके से बिकने वाली फल, सब्जी एवं अन्य सामान आदि की दुकानों पर सोशल डिस्पेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ते हुए देखे जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ शासन प्रशासन द्वारा डंपर जैसे भारी वाहनों के आवागमन को छूट प्रदान की गई है जिससे मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले लोगों में शासन प्रशासन के दूरदर्शी नियमों को लेकर घोर नाराजगी पनपने लगी है। काम धंधे के अभाव में मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले परिवारों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। ई-रिक्शा एवं आॅटो चालकों की परेशानी को ध्यान में रखकर कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे के निजी सचिव नरेश शाह द्वारा जिलाधिकारी उधम सिंह नगर से वार्ता के उपरांत ई रिक्शा चालकों को एक सवारी के साथ परिचालन करने की अनुमति दिलाए जाने के संबंध में उचित कार्रवाई कराए जाने का आश्वासन दिया गया है।