ईट भट्टों में लाॅकडाउन बेअसर,श्रमिकों से लिया जा रहा काम
राज सक्सेना
किच्छा(उद संवाददाता)। लाॅक डाउन के दौरान शासन प्रशासन को धता बताते ईट भट्टे स्वामियों द्वारा मजदूरो से कार्य कराये जाने सहित भट्टा चलाये जाने से जहां प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े होते है वहीं दूसरी ओर आपात सेवा से बाहर कपड़ा व्यापारियों द्वारा दुकाने खोले जाने से दुकान स्वामियांे में नाराजगी है। जबकि चर्चाओं की माने तो दुकान स्वामियों के खिलाफ शिकायत पर भी प्रशासन द्वारा कार्रवाही न किये जाने से प्रशासन पर सवालिया निशान लग रहे है। विदित हो कि लाॅक डाउन के दौरान प्रदेश की जनता को दैनिक जरुरतों को ध्यान मे रखते हुए प्रदेश सरकार ने प्रति दिन 7 बजे से 1 बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को खोलने की छूट देते हुए सोशल डिस्टेनस बनाये रखने के जनता से अपील की गयी थी जिसके तहत सरकार द्वारा गैस ऐजेन्सी, बैंक, खाद्य सामग्री के प्रतिष्ठा सहित सब्जी तथा फलो की दुकानांे को इस दायरे में रखा गया था। परन्तु शासन प्रशासन के दिशा निर्देशों को ठेगा दिखाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों मे लगे ईट भट्टों पर दैनिक मजदूरों द्वारा कार्य कराये जाने के साथ भट्टे स्वामियों द्वारा सप्लाई आदि का कार्य कराया जा प्रशासन की नीतियों को सवालों के घेरे में खड़ा करता है वहीं दूसरी ओर बाजार में भी प्रशासन के निर्देशो को धता बताते हुए व्यापारियों को कपड़े की दुकानों के खुलने से जहां व्यापारियों में प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाये है वहीं शिकायत करने के बावजूद भी कार्रवाही न होने से व्यापारियों में नाराजगी है।
प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमो का पालन सभी व्यापारियों को करना चाहिए, लाॅक डाउन के दौरान निमयो तौड़ने वाले व्यापारियों के विरुद्ध प्रशासन को कठौर कार्रवाही अमल में लायी जानी चाहिए।
महेन्द्र चावला पूर्व अध्यक्ष व्यापार मंडल किच्छा