सरकारी अस्पताल की व्यवस्थायें बदहाल

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-मनोज श्रीवास्तव
काशीपुर। राजकीय चिकित्सालय के तत्कालीन सी एन एस वीके टम्टा के तबादले के बाद सरकारी अस्पताल की हालत और बदतर हो गई। सर्जन डाॅक्टर पीके सिन्हा को सीएमएस की कुर्सी पर बैठाये जाने को क्षेत्रवासी विडंबना करार दे रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्व में डाॅ. सिन्हा राजकीय चिकित्सालय में पदस्थ रहे। तबादले के बाद उन्होंने तमाम जोर आजमाइश कर वापस अपना ट्रांसफर काशीपुर करा लिया। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा सीएमएस अपने आवास पर मरीजों को देख रहे हैं वहीं बाहर की दवाइयां व महंगी जांचों के एवज में कमीशन तथा आॅपरेशन के बदले रोगियों के तीमारदारों से पैसा वसूलने का आरोप है कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जहां प्रदेश सरकार अस्पतालों की व्यवस्था को और चाक-चैबंद करते हुए उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया करा रही है वहीं काशीपुर का राजकीय चिकित्सालय आज भी गंदगी के ढेर पर बैठा घातक बीमारियों को मूक आमंत्रण दे रहा है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अस्पताल परिसर में रोगियों तथा उनके तीमारदारों को हाथ धोने तक की कोई अलग से व्यवस्था नहीं है । इमरजेंसी के बाहर लगा हैंडपंप वर्षों से खराब पड़ा है। अस्पताल में यत्र तत्र स्थानों पर फेंके गए मेडिकल विस्टेज इसका जीता जागता उदाहरण है। वार्डाे में गंदगी पसरी पड़ी है। बदहाल व्यवस्था के बीच रोगियों का कदम कदम पर आर्थिक दोहन हो रहा है।
जनता को गुमराह कर रही सरकारःसरस्वती
काशीपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव जितेंद्र सरस्वती ने कहा कि हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और है। सरकार दो मुही बातें कर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब कभी महामारी का प्रकोप होता है राज्य व केंद्र सरकार का दायित्व बनता है कि आम जनता को वह मास्क सेनीटाइजर व दवाइयां आदि निशुल्क उपलब्ध कराए लेकिन यहां इसका ठीक उलट हो रहा है। करोना के संक्रमण से बचने के लिए लोग मेडिकल स्टोर से मास्क व् सैनिटाइजर कई गुना ऊंचे दामों पर खरीदने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नाजुक वक्त पर सरकार को ओछी राजनीति ना कर जमीनी स्तर पर कार्य करना चाहिए।
प्रदेश सरकार के दावे हवाई साबित
काशीपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य अरुण चैहान से जब इस बारे में बातचीत किया तो उन्होंने खासी नाराजगी जाहिर की। कहा कि प्रदेश सरकार के सभी दावे जमीन पर हवाई साबित हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बैठे डाॅक्टर उपचार के नाम पर रोगियों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के प्रकोप को देखते हुए गवर्नमेंट हाॅस्पिटल में रोगियों तथा उनके तीमारदारों के लिए सैनिटाइजर व हाथ धोने आदि की अलग से व्यवस्था होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मेयर से लेकर सांसद तक भाजपा के हैं। प्रदेश व देश में सरकार भाजपा की है ऐसे में भ्रष्ट चिकित्सक यदि मनमानी कर रहे हैं तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।

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