सरकार ने गैरसैण को बना दिया ऐशगाह का अड्डा
उक्रांद नेता काशी सिंह ऐरी ने सरकार पर बोला बड़ा हमला, कहा मौज मस्ती के लिए बना दिया गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी
नरेश जोशी
देहरादून। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है इसे भाजपा अपनी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बता रही है वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड क्रांति दल के भीष्म पितामाह कहे जाने वाले नेता काशी सिंह ऐरी ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को मंत्रियों और अफसरों की मौज मस्ती का अîóा बता दिया। पेश हैं ऐरी के साथ उत्तरांचल दर्पण की बातचीत के कुछ अंश-
सवाल- सरकार द्वारा घोषित ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- यह बिल्कुल ही गलत निर्णय है जिस प्रदेश की कोई राजधानी ही नहीं है उसमें आप पहले ग्रीष्मकालीन राजधानी बना रहे हैं ;सरकार पर तंज कसते हुएद्ध सरकार अभी तक यही नहीं तय कर पाई है कि स्थाई राजधानी कौन सी बनेगी
सवाल – ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को सरकार अपनी एक बड़ी उपलब्धि बता रही है। आपका क्या कहना है ?
जवाब- आज उत्तराखंड राज्य 50 हजार करोड़ के कर्ज तले दबा हुआ है सरकार के पास तनख्वाह देने के लाले पड़े हुए हैं ऐसी स्थिति में सरकार एक प्रदेश में दो राजधानियों का खर्च कैसे निकालेगी यह सरासर पैसे की बर्बादी है।गैरसैंण जैसी जगह को सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर अपनी मानसिकता का परिचय दे दिया. वहां गर्मियों में अफसरों और नेताओं की मौज मस्ती होगी सरकार ने गैरसैंण को नेताओं और अफसरों की ऐसगाह बना दिया है
सवाल- पूर्व की खंडूरी सरकार में उक्रांद कोटे से दिवाकर भट्टð मंत्री बने थे तब आपने गैरसैण को राजधानी बनाने पर सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाया?
जवाब- आपको शायद यह जानकारी नहीं है की उस समय हमने अपना समर्थन नौ बिंदुओं पर दिया था जिसमें पहला .गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करना था यह बात सही है कि कुछ बिंदुओं पर सरकार ने काम किया जैसे ही सरकार गैरसैंण पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पायी थी ,तो हमने अपना समर्थन वापस ले लिया था
जवाब- उत्तराखंड राज्य को बने हुए लगभग 20 वर्ष हो चुके हैं भाजपा हो या कांग्रेस इन दोनों दलों को सरकार बनाने का बराबर का मौका मिला है किंतु यह एक बड़ा सवाल है कि यह दोनों दल सरकार में रहने के बावजूद भी आज तक उत्तराखंड को स्थाई राजधानी नहीं दे पाए।
सवाल-पूर्व की खंडूरी सरकार के दौरान दिवाकर भट्टð उक्रांद कोटे से मंत्री थे ।तब आपने सरकार पर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने का दबाव क्यों नहीं बनाया
जवाब- यह बात सब जानते हैं कि हमने उस समय सरकार को अपना समर्थन 9 बिंदुओं पर दिया था जिसमें सबसे पहला बिंदु गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने पर था यह बात सही है कि तत्कालीन खंडूरी सरकार ने कुछ बिंदुओं
पर काम किया पर जब सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पायी तो हमने अपना समर्थन वापस ले लिया था
सवाल- गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी बन चुकी है क्या पर्वतीय जनता को इसका लाभ नहीं मिलेगा
जवाब- मुझे इस बात की हैरानी हो रही है कि सरकार ने यह निर्णय किसको बेवकूफ बनाने के लिए लिया है सब जानते हैं कि गर्मियों में गैरसैण का मौसम कितना खुशनुमा होता है ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भयंकर गर्मी के बीच जब देहरादून की जनता तिलमिला रही होगी तब सरकार के नुमाइंदे और अफसर गैरसैंण के खुशनुमा मौसम का लुफ्त उठा रहे होंगे मैं फिर कह रहा हूं कि सरकार ने गैरसैंण को अफसरों और मंत्रियों ् की ऐसगाह का अîóा बना दिया है।