डेंगू की रोकथाम में सरकार असफलःबेहड़
रुद्रपुर। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ ने प्रदेश सरकार पर डेंगू की रोकथाम में असफल रहने और पीड़ितों की संख्या के आंकड़े में भी हेरफेर करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल के अभाव से इस समस्या का सार्थक हल नहीं निकला है जिस कारण प्रदेश की गरीब जनता इलाज कराने नाम पर अपनी जमा पूंजी लुटाने पर मजबूर है। श्री बेहड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग डेंगू की रोकथाम व इलाज में पूरी तरह असफल साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के प्रति जनचेतना व जागरूकता लाने के लिए मानसून से पूर्व ही प्रयास किये जाने चाहिए थे। आज प्रदेश भर में लगभग 10 हजार से भी ज्यादा डेंगू के मरीज हैं, कई लोगो को सरकारी अस्पतालों में अच्छा इलाज न मिलने की वजह से अपनी जान तक गवानी पड़ी है जोकि प्रदेश सरकार के लिए शर्म की बात है। श्री बेहड़ ने कहा की विशेषकर ऊधम सिंह नगर जिले में डेंगू के कारण हाहाकार मच गया मगर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। सरकारी आंकड़ों में जिले में कुल 500 मरीज दिखाये गए जबकि असलियत यह है कि सैकड़ों डेंगू रोगी सिर्फ रुद्रपुर के अस्पतालों में ही भरे हुए हैं। इतने गंभीर रोग के प्रति जिला व निगम प्रशासन संवेदनहीन बना रहा। न ही शहर में सफाई व्यवस्था ठीक की गई और न ही डेंगू की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने कोई विशेष प्रयास किये। श्री बेहड़ ने कहा कि सरकार के निर्देश पर निजी अस्पतालों से डेंगू मरीजों के जो डाटा लिए गए उसमें भी घालमेल किया गया। ऊधम सिंह नगर जिले की यूपी से सटी सीमाओं पर बने सभी अस्पतालों के रोगियों को यूपी भेज दिया गया जबकि यह सर्वविदित है कि वहां 90 प्रतिशत से अधिक जिले के मरीज ही भर्ती हैं। इसमें भी सरकार की किरकिरी हुई है क्योंकि यूपी के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन सभी अस्पतालों को विशेष निर्देश देते हुए मरीज के पहचान पत्र के साथ डाटा देने को कहकर सरकार की पोल खोल दी है। श्री बेहड़ ने कहा की आज पूरे प्रदेश भर में सफाई व्यवस्था चरमरा गयी है अस्पतालों के अन्दर मरीजों के इलाज के लिए विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों में न तो लेटने के लिए बेड हैं न ही मरीजों को देने के लिए दवाइयां हैं मरीज न चाहते हुए भी निजी अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं पूरे प्रदेश भर में राज्य सरकार डेंगू से पीड़ित गरीबों का इलाज करने में असमर्थ साबित हो रही हैद्य गरीब आदमी निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए या तो कर्ज ले रहा है या फिर अपनी जमा पूंजी लगा कर अपनी जान बचा रहा है द्य आज हालत इतने बदतर हो चुके हैं के डेंगू से पीड़ित मरीजों को अपने घरों से चारपाई व पलंग लेकर अस्पतालों में भरती होना पड़ रहा है। श्री बेहड़ ने कहा कि डेंगू के बहुत से मरीज दिल्ली, नॉएडा, गुडगाँव गाजियाबाद, बरेली जाकर इलाज करवा रहे हैं उन लोगो की गिनती राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ो में नहीं जोड़ी जा रही है।श्री बेहड़ ने कहा की भाजपा सरकार के जिलों में बैठे प्रशासनिक अधिकारी, इनके चुने हुए जनप्रतिनिधियों को नगरों की सफाई व्यस्था की कोई चिंता नही है और ना ही अस्पतालों की चिंता है। आज तक किसी भी जिला प्रशासन के अधिकारी ने या जनप्रतिनिधि ने डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से जागरूक करने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया है। प्रदेश की जनता अपने रहमो करम पर अपना जीवन यापन कर रही है राज्य सरकार व उनके प्रशासनिक अधिकारी और उनके जनप्रतिनिधि अपनी गहरी नींद में हैं।