टल सकते है पंचायत चुनाव
हाईकोर्ट के फैसले से सरकार और चुनाव आयोग को झटका,कार्यक्रम तय होने के बाद एक दिन में हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने में पेच
अनिल सागर
देहरादून। पंचायत चुनाव में दो बच्चें से अधिक वाले के चुनाव लड़ने की रोक हटने के बाद हाईकोर्ट के फैसले ने सरकार को झटका दिया है। पंचायत चुनाव नामांकन को दो दिन बचे है ऐसे में पूर्व की पंचायत चुनाव की तैयारियों ने इतना बड़ा फेरबदल करना सरकार व चुनाव आयोग दोंनो के लिए मुसीबत बन गया है। माना जा रहा है कि सरकार हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए चुनाव कार्यक्रम को आगे टाल सकती है। प्रदेश के 12 जिलों में पंचायत चुनाव को लेकर सरकार व चुनाव आयोग द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई है। चुनाव कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है। पंचायत चुनाव में सरकार ने विधानसभा में अध्यादेश लाकर दो से अधिक बच्चों वालो के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। जिस कारण कई पुराने धुंरधर मैदान से बाहर हो गये थे और दो बच्चें या इससे कम वाले अधिकतर युवा प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहें थे। सरकार के इस फैसले से जहां पंचायतों में अधिकतर युवाओं के पहुंचने का सपना पूरा हो रहा था तो वही वर्षो से पंचायत व ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाएं लोगों को निराशा हाथ लग रही थी। पंचायत चुनाव नामांकन की प्रकिया से दो दिन पूर्व ही हाईकोर्ट ने दो बच्चों से अधिक वालों को चुनाव लड़ने का फैसला सुनाते हुये सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले से जहां कईयों को संजीवनी मिल गई तो कई युवा दावेदार जो अब तक मैदान में ताकत के साथ खड़े थे उन्हें एक ही झटके में निराश कर दिया। सबसे ज्यादा झटका सरकार को लगा है। सरकार इस फैसले विधानसभा से पारित कर अध्यादेश लेकर आई थी। हाईकोर्ट में कालाढुंगी निवासी मनोहर लाल आर्य, जोत सिंह विष्ट, घोषिया रहमान आदि ने दो से अधिक बच्चों के मामले में रिट दायर की थी। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार व चुनाव आयोग दोनों असमंजस में है क्योंकि चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया गया है ऐसे में इतनी जल्दी होईकोर्ट के फैसले को कैसे अमल किया जाये। चुनाव आयोग को नए आदेश लाने के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता रहेंगी, लेकिन चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक समय कम है। ऐसे में चुनाव को वर्तमान में कार्यक्रम के अनुसार कराना काफी मुश्किल होगा। इन परिस्थितयों में माना जाता रहा है कि सरकार हाईकोर्ट में चुनाव कार्यक्रम को आगे बढ़ाने ने कोर्ट के आदेश को लागु करने के लिए समय सीमा मांगकर चुनाव को आगे टाल सकती है। नौजवान निराश पुराने धुंरधर मना रहें खुशीः हाईकेार्ट के दो बच्चें अधिक वाले के चुनाव लडने की अनुमति के फैसले से नौजवान दावेदारों को बड़ा झटका लगा है, कई माह से अपने क्षेत्र में बड़ो का आशीर्वाद लेने के बाद ताल ठोक रहें युवा दावेदारों के बीच निराशा को माहौल है। जिन्होंने उन्हें चुनाव लड़ने का आर्शीवाद दिया अब वही चुनाव मैदान में फिर से युवाओं के सामने ताल ठोकते नजर आयेंगे।
नए उम्मीदवार बिना तैयारी के कैसे करेंगे आवेदन
देहरादून। हाईकेार्ट के आदेश से दो से अधिक बच्चें वालों के चुनाव लड़ने की राह तो खुल गई लेकिन एक दो दिन में नए उम्मीदवार चुनाव लड़ने की तैयारी कैसे करेंगें। पंचायत चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को स्थाई प्रमाण पत्र ,आरक्षित सीट पर एस0 सी0 व एस0 टी जाति का प्रमाण पत्र के साथ ही अगर महिला दावेदार शादीशुदा है तो उसको अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने मायके की तहसील से जाति तश्दीक करना जरूरी है , ऐसे में होई कोर्ट के फैसले को जल्दबाजी में लागू करना काफी मुश्किल है।