चिकित्सकों ने फूंकी प्रतियां, एनएमसी बिल का विरोध

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रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। आईएमए के आहवान पर महानगर के चिकित्सकों ने केंद्र सरकार द्वारा एमसीआई के स्थान पर एनएमसी बिल लाये जाने के विरोध में बिल की प्रतियां फूंकी। उन्होंने कहा कि एनएमसी बिल से मेडिकल शिक्षा महंगी हो जायेगी और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आयेगी। उनका कहना है कि सरकार एमसीआई को ही बरकरार रखे। आईएमए के अध्यक्ष डॉ- अजय अग्रवाल व सचिव डॉ- जीएस चीमा ने कहा कि एमसीआई को केंद्र सरकार भंग कर रही है। उसके स्थान पर एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया में निजी व सरकारी डाक्टरों का प्रतिनिधित्व होता था लेकिन एनएमसी में ब्यूरोक्रेट्स को शामिल किया जा रहा है जिससे ब्यूरोक्रेट्स का प्रभाव बढ़ जायेगा। उन्होंने कहा कि निजी मेडिकल कालेजों में प्रबंधन की सीटों का कोटा बढ़ाया जा रहा है जिससे चिकित्सा शिक्षा महंगी हो जायेगी और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस करने के बाद चिकित्स्कों को एक और परीक्षा से गुजरना होगा। एमबीबीएस करने के बाद विशेषज्ञों के लिए ब्रिज कोर्स बनाये जा रहे हैं ताकि प्रबंधन सीटें भर सके। उन्होंने कहा कि इससे भी चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। उनका कहना है कि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के वर्तमान स्वरूप को ही बरकरार रखा जाये ताकि चिकित्सा शिक्षा में ब्यूरोक्रेट्स हावी न होने पाये। प्रतियां फूंकने वालों में आईएमए के अध्यक्ष डॉ- अजय अग्रवाल, डॉ- एसएन गुप्ता, डॉ- वीपी जोशी, डॉ- वीके जोश्ेाी, डॉ- एचसी निगम, डॉ- अनिल दीक्षित, डॉ- स्वाति अग्रवाल, डॉ- अमित मिश्रा, डॉ- निमेष कुमार गुप्ता, डॉ- जसविंदर गिल, डॉ- अशोक कुमार गुप्ता, डॉ- अजय अरोरा, डॉ- जीएस चीमा, डॉ- सुभाष निगम, डॉ- विशाल रस्तोगी, डॉ- नीरजा पंत, डॉ- मनोरंजन पंत, डॉ- अशोक प्रकाश, डॉ- अतुल कुमार जोशी, डॉ- सुरभि राय, डॉ- ओपी महाजन, डॉ- अनुराग गर्ग, डॉ- अतुल अग्रवाल आदि शामिल थे।

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