कर्नांटक में सियासी संग्रामा, गिर सकती है सरकार

फ्लोर टेस्ट में नहीं पहुंचे 19 विधायक

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नई दिल्ली (उद संवाददाता)। कर्नाटक में बीते 15 दिन से जारी सियासी संग्राम आज खत्म हो सकता है। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही के बाद से साफ हो जाएगा कि एचडी कुमारस्वामी की सरकार बचेगी या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को बागी विधायकों के इस्तीफे या अयोग्य किए जाने पर फैसला लेने की छूट दे दी थी। बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस दावा कर रही है कि उनके पास बहुमत है। कर्नाटक में विधानसभा प्रस्ताव पर आज बहस हुई। कर्नाटक विधानसभा में बीएस येदियुरप्पा जब भाषण दे रहे थे, तो कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। येदियुरप्पा के भाषण के वक्त डीके शिवकुमार बीच में खड़े हुए और आरोप लगाया कि येदियुरप्पा पूर्व मुख्यमंत्री हैं और देश को गुमराह कर रहे हैं-। सिद्धारमैया ने सदन में कहा कि कांग्रेस अपन व्हिप लागू करे, हमें तब भी कोई दिक्कत नहीं है। उनके भाषण के बाद स्पीकर ने 3 बजे तक लंच के लिए सदन को स्थगित करने का फैसला लिया। कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने बहस के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोपरि है। उन्होंने सदन में कांग्रेस के नेता से कहा कि अभी भी आपके द्वारा जारी व्हिप लागू रहेगा। इस बीच कांग्रेस के श्रीमंत पाटिल और नागेंद्र विधानसभा में नहीं पहुंचें। दूसरी ओर कांग्रेस का बागी विधायक आनंद सिंह भी अभी गोवा में ही हैं। विश्वास मत पर चर्चा के दौरान विधानसभा में कांग्रेस और जेडीएस के 26 विधायक सदन में बोलेंगे। विधानसभा में चर्चा के दौरान सिद्धारमैया ने नियमों का उल्लेख किया। उन्होंने इस दौरान समझाया कि बीजेपी नियमों का उल्लंघन कर रही है। कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के विधायक भिड़ गएं। कांग्रेस की ओर से जब सिद्धारमैया बोल रहे थे, तब बीजेपी विधायकों ने विरोध किया। इस बीच डीके शिवकुमार बीच में खड़े हुए और बीजेपी वालों पर बरस गए ।विश्वास मत पर बोलते हुए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि आज सिर्फ मेरी सरकार पर ही संकट नहीं है, बल्कि स्पीकर पर भी जबरन दबाव बनाया जा रहा है। मैंने अपने कार्यकाल में जनता के लिए काम किया है। कुमारस्वामी ने कहा कि विपक्ष को सरकार गिराने की काफी जल्दी है, बीजेपी इतनी जल्दबाजी क्यों कर रही है। कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट से पहले राजनीतिक ड्रामा बढ़ता जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी के विधायक महेश आज विधानसभा नहीं पहुंचेंगे। उनका कहना है कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार ने मायावती से संपर्क नहीं किया है, इसलिए वह अपने क्षेत्र में ही रहेंगे। दूसरी ओर बागी विधायक रामलिंगा रेîóी का कहना है कि वह स्पीकर को सूचित करेंगे कि वो अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं। ऐसे में वह अब सरकार के पक्ष में वोट करेंगे। फ्लोर टेस्ट से पहले जानें, विधानसभा में किसके पास कितने नंबर?कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी सरकार का भविष्य अब से कुछ देर में विधानसभा में तय होगा। 16 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सरकार के पास आंकड़ों की कमी है, जिसकी वजह से आज विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव लाया जा रहा है। दोनों पक्षों का दावा है कि उनके पास नंबर है और वह फ्लोर टेस्ट जीतने में सफल होंगे। फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा विधानसभा पहुंच गए हैं। सभी बीजेपी, जेडीएस और कांग्रेस विधायक भी इस वक्त विधानसभा में हैं।कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी विधायक दो बसों में विधानसभा पहुंचे हैं।

रूद्रपुर को मुंह चिढ़ा रहा हल्द्वानी क्षेत्र का विकास
रूद्रपुर में सड़कें बदहाल, हल्द्वानी में चमक रही सड़कें
रूद्रपुर। कभी विकास के मामले में हल्द्वानी से आगे रहने वाला तराई का रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र आज विकास के मामले में हल्द्वानी से काफी पिछड़ गया है। एक ओर हल्द्वानी में हर तरफ सड़कें चमक रही हैं तो दूसरी ओर रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का बुरा हाल हैं। जिला मुख्यालय पर ही यहां तमाम सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। जिसके चलते क्षेत्र की जनता अब इसे सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों का परिणाम मानने लगी है। लोगों का कहना है कि कहीं न कहीं रूद्रपुर के साथ विकास के मामले में पक्षपात हो रहा है जिसके चलते आज यहां विकास की रफ्तार थम गयी है। उधम सिंह नगर के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र को काफी सम्पन्न माना जाता हैं। जिला मुख्यालय होने के कारण रूद्रपुर विधान सभा क्षेत्र अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तुलना में विकास में आगे रहा है। लेकिन नैनीताल जनपद के हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र से तुलना की जाये तो उसके सामने रूद्रपुर विधानसभा कहीं नहीं टिकटती। कहने को यहां पर सैकड़ों की संख्या में उद्योग लगे हैं। फसलों का उत्पादन भी हल्द्वानी की अपेक्षा अधिक होता है। सरकार को राजस्व देने के मामले में रूद्रपुर विधानसभा हल्द्वानी से काफी आगे है लेकिन विकास के लिए यह क्षेत्र आज भी छटपटा रहा है। हल्द्वानी विधान सभा क्षेत्र में पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस नेत्री इंदिरा हृदयेश विधायक हैं और 2002 में भी श्रीमति हृदयेश यहां से चुनाव जीती थी। कांग्रेस की सरकार में श्रीमति हृदयेश दो बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी है और वर्तमान में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष भी है। पिछले करीब 2 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है। विपक्ष में होने के बावजूद इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी को विकास के मामले में आगे ले जाने में कामयाब रहीं है। दूसरी तरफ रूद्रपुर में विधायक राजकुमार ठुकराल अपनी विधायकी की दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उनके उठाये गये तमाम ज्वलंत मुद्दे आज भी फाईलों में धूल फांक रहे हैं। उनके पिछले विधायकी काल में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी बल्कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है इसके बावजूद भी क्षेत्र के तमाम ज्वलंत मुद्द जस के तस है। हल्द्वानी के वांशिन्दों को अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम जैसी सौगात मिल चुकी है और अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डे की योजना पर काम चल रहा है। यही नहीं सीवर लाईन भी बिछाई जा चुकी है जिससे हल्द्वानी शहर को काफी हद तक जलभराव से निजात मिल चुकी है। नहर की कवरिंग और बाईपास निर्माण होने से हल्द्वानी को जाम की समस्या से भी छुटकारा मिला है। हल्द्वानी क्षेत्र की अधिकांश सड़कें गड्ढामुक्त होने से लोग आज राहत महसूस कर रहे हैं। एक दशक पूर्व तक कई समस्याओं से जूझ रहा हल्द्वानी शहर आज एक व्यवस्थित शहर का रूप लेता जा रहा है। दूसरी तरफ रूद्रपुर में तो नई योजनायें धरातल पर उतरना तो दूर पुराने काम भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। मेडिकल कालेज का निर्माण कई वर्षों से यहां अधर में लटका हुआ है। इसे अलावा सीवर लाईन बनाने के फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर, ट्रंचिंग ग्राउण्ड, वेंडिंग जोन, पार्किंग स्थल जैसी कई बड़ी योजनायें लटकी हुयी हैं। कई दशकों से नजूल भूमि की समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। इन योजनाओं को पूरा करने के हवाई वायदे कई वर्षों से हो रहे हैं। हर बार चुनावी माहौल में भाजपा के नेताओं को ये मुद्दे याद आते हैं और उसके बाद इन पर अमल के नाम पर सिर्फ लीपापोती होती है। आज रूद्रपुर की सड़कों की जो हालत है उन्हें देखकर लगता है कि सरकार जानबूझकर रूद्रपुर का विकास नहीं करना चाहती। रूद्रपुर की जनता अब इसे सियासी गेम मानने लगी हैं। लोगों का कहना है कि सरकार उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाकर पहाड़ और मैदान के बीच खाई पैदा करने की कोशिश कर रही है। इसी का नतीजा है कि आज सरकार को अधिक राजस्व देने के बावजूद रूद्रपुर हल्द्वानी से विकास में लगातार पिछड़ रहा है। यहां पर नई योजनायें तो दूर बुनियादी सुविधाओं के लिए भी लोग तरस रहे हैं। सरकार की नीति यही रहीं तो अगले चुनावों में भाजपा को तराई की जनता की नाराजगी भारी पड़ सकती है।

सांसद भट्ट कर रहे हैं जनता को गुमराहः बेहड़
रूद्रपुर(उद सवांददाता)। पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने जारी बयान में कहा कि सांसद अजय भटट् द्वारा ट्रांजिट कैम्प की सड़क का मामला लोकसभा में बजट सत्र के दौरान उठाया वह हास्यपद है। उन्होने कहा कि श्री भट्ट सांसद के साथ साथ उत्तराखण्ड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वह मात्र जनता को गुमराह करने के लिये ट्रांजिट कैम्प सड़क का मामला संसद में उठा रहे हैं। श्री बेहड़ ने कहा की शायद श्री भटट यह भूल गये कि उत्तराखण्ड में उनकी ही सरकार है या फिर मुख्यमंत्री से उनके सम्बंध अच्छे नहीं है। सांसद अगर 2 किमी- सड़क अपने सीएम से स्वीकृत नहीं करा सकता तो उसको सांसद पद पर रहने को अधिकार नही है। जानबूझकर जनता को बरगलाने के लिये व सस्ती लोकप्रियता पाने के लिये इस तरह के कदम सांसद अजय भटट द्वारा उठाये जा रहे हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि उत्तराखण्ड के अन्दर आज विकास को लेकर हालात बद से बदतर हो चुके हैं। रूद्रपुर व उधम सिंह नगर के अन्दर सडकें चारो तरफ टूटी हुई हैं। इससे अच्छा होता कि अजय भटट उत्तराखण्ड में अपनी सरकार से 2 किमी की जगह पूरे जिले की टूटी हुई सडकों का पुनः निर्माण स्वीकृत करवाते तो लगता कि वह अपनी जिम्मेदारी का र्निवहन कर रहे हैं। विकास के नाम पर रूद्रपुर ही नही पूरा उधम सिंह नगर आसूं बहा रहा है। क्षेत्र के लोग व नेतागण सडकों पर धान लगाने को मजबूर हैं। जगह-जगह विकास न होने से जनता परेशान है। श्री बेहड़ ने कहा की जब सांसद अजय भटट द्वारा ट्रांजिट कैम्प की 2 किमी सड़क का मामला लोकसभा में बजट सत्र के दौरान उठाया तो ऐसा लगा कि अजय भटट यह भूल गये कि वह विधान सभा में नही लोकसभा में हैं। विधान सभा में तो कई बार राज्यपाल के अभिभाषण व बजट चर्चा के दौरान इस तरह के विषय उठते रहते हैं। एक सांसद लोकसभा में सड़क का मामला उठायेगा ऐसा उन्होंने अपने 30 वर्ष के राजनैतिक जीवन में पहली बार देखा। उन्हे अगर सड़क स्वीकृत ही करानी है तो उत्तराखण्ड में अपने मुख्यमंत्री से शासनादेश जारी करवायें,इस तरह जनता को गुमराह करने का काम न करें।

फोटो- टोल प्लाजा
टोल प्लाजा पर पुलिसकर्मी ने दिखाई दबंगई,निलम्बित
रूद्रपुर।टोल प्लाजा पर टोलकर्मी के साथ मारपीट व अभद्रता करने के मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वरिंदर जीत सिंह ने पुलिसकर्मी को निलम्बित कर दिया। पुलिसकर्मी की अभद्रता और मारपीट की घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी जिसका संज्ञान लेते हुए एसएसपी ने यह कार्रवाई की है। किच्छा रोड स्थित टोल प्लाजा में सादी वर्दी में आया एक पुलिसकर्मी टोल कर्मियों से अभद्रता करने लगा। जब टोल कर्मियों ने इसका विरोध जताया तो वह पुलिसकर्मी टोल कार्यालय में घुस गया और उसने जमकर हंगामा काटा तथा टोल प्लाजा कर्मी की पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान एक अन्य पुलिसकर्मी ने उसे रोकने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माना और टोलकर्मी की जमकर पिटाई लगा दी। बताया जाता है कि उक्त पुलिसकर्मी अपने आपको एसओजी का बता रहा था। यह सारा मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसका संज्ञान लेते हुए एसएसपी ने पुलिसकर्मी को निलम्बित कर दिया है और मामले की जांच सितारगंज सीओ को सौंप दी है।

जब दोषी थे तो खाते में क्यों डाली लाखों की रकम
उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो
रूद्रपुर। किच्छा के नजीमाबाद गांव में लाखों के गबन का मामला सामने आया है। नजीमाबाद के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी रहे सुमित ने किच्छा कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि ग्राम प्रधान सुरजीत ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक के खाते से 6 लाख 96 हजार रूपये की रकम निकाल ली। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के इन आरोपों ने फिर एक बार विकासखंड व स्वजल विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही को उजागर कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि लगभग 7 माह पूर्व जिलाधिकारी द्वारा गठित की गई संयुक्त जांच समिति ने यह बता दिया था कि नजीमाबाद में शौंचालयों के लिये जारी की गई धनराशि में बंदरबांट की गई है। यहीं नहीं समिति ने ग्राम प्रधान के साथ साथ ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, रोजगार सेवक व कनिष्ठ अभियंता को दोषी बताया था। अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब जांच समिति पहले ही ग्राम प्रधान को दोषी मान रही थी तो ग्राम निधि के खाते में इतनी बड़ी रकम क्यों डाली गई। यह मामला उजागर होने पर कई और अधिकारी व कर्मचारी जांच के दायरे में आ गये है। बता दें कि लगभग 7 माह पूर्व जिलाधिकारी ने नजीमाबाद गांव में लाखों की बंदरबांट की शिकायत के चलते एक संयुक्त जांच समिति का गठन किया था। जिलाधिकारी द्वारा गठित की गई इस संयुक्त जांच समिति ने ग्राम प्रधान सहित अन्य को दोषी माना था। डीएम की ओर से जारी नोटिस में पूछा गया था कि उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 138 त्रिस्तरीय पंचायत के पदाधिकारियों को उनके पद से पृथक किये जाने के प्राविधानों के अधीन ग्राम प्रधान को उसके पद से क्यों न हटा दिया जाये। जिसके बाद 28 दिसंबर 2018 को जारी नोटिस मिलने के बाद 15 दिन के भीतर साक्ष्यों पर आधारित जवाब न मिलने पर ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाने की चेतावनी के निर्देश तक जारी कर दिये गये थे। अब बड़ा सवाल यह है कि जब नजीमाबाद ग्राम पंचायत में इतना बड़ा गड़बड़ घोटाला सामने आ गया था तो शौंचालयों के भुगतान को लेकर इतनी बड़ी धनराशि ग्राम पंचायत के खाते में क्यों डाली गई। यहां बता दें कि डीएम द्वारा गठित की गई समिति के आरोपी प्रधान उक्त ग्राम पंचायत में शामिल खातेदार था। इस पूरे मामले की अगर जमीनी हकीकत सामने आयी तो कई औरों की गरदन भी फंस सकती है। इधर जानकारी में आया है कि मौजूदा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी विनोद गिरी हैं जबकि आरोप लगाने वाले ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सुमित हैं। बतादें कि वर्तमान में सुमित नजीमाबाद गांव के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी नहीं हैं। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सुमित के अनुसार आरोपी ग्राम प्रधान ने 8 अलग-अलग चेकों पर फर्जी हस्ताक्षर कर 6लाख 96 हजार की धनराशि निकाल ली है। सुमित ने बताया कि उन्होंने बैंक से चेकों की प्रति हासिल कर ली है जिसमें हस्ताक्षर भिन्न हैं। उन्होनें कहा कि वह स्वयं इसके पक्ष में है कि हस्ताक्षरों की जांच फार्मोसिक लैब से करायी जाये तो हकीकत सामने आ जायेगी। हैरानी की बात यह है कि 8 अलग-अलग चेकों पर फर्जी हस्ताक्षर होने की बात कही जा रही है। ऐसे में बैंक कर्मियों की भूमिका को भी संदिग्ध माना जा रहा है। फिलहाल मामला किच्छा पुलिस के पास जा पहुंचा है। किन्तु दिसम्बर 2018 में सरकारी धन को ठिकाने लगाने के आरोपी ग्राम प्रधान के ग्राम निधि खाते में एक बार फिर लाखों की रकम पहुंचना अपने आप में संदिग्ध माना जा रहा है।

फोटो-आधार

आधार कार्डों को लेकर एसडीएम से शिकायत
किच्छा,(उद संवाददाता)। आधार कार्डों में संशोधन को लेकर हो रही हीलाहवाली के चलते एसडीएम से शिकायत की गयी है। शिकायत कर्ताओं का कहना था कि आधार कार्ड में संशोधन नहीं किया जा रहा है।आज प्रातः किच्छा एसडीएम कार्यालय पहुंचे दर्जनों लोगों ने शिकायत की कि आधार कार्डों में संशोधन किया जाना है। भारतीय स्टेट बैंक में तकनीकी कमियों के चलते आधार कार्डों मेंसंशोधन नहीं हो रहा है। जिसके बाद यह संशोधन पुराना बरेली रोड स्थित डाकघर
पर किया जा रहा है। लोगों का आरोप था कि सेटिंग-गेटिंग के चलते चंद लोगों के आधार कार्ड ही संशोधित किये जा रहे हैं। जबकि अन्य लोग परेशान हैं। शिकायत करने वालों में रामवती, जनक दुलारी, भोली, राधा कोरी, संजू सरकार, निखिल, मनजीत कौर, तसलीम, मुन्नालाल, हरबंस सिंह बंसी, सोनी, रामदेव, इरशाद, सलीम, विक्रम सहित अन्य लोग शामिल थे।

लाखों की धोखाधड़ी के मामले में दो नामजद
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। भूखण्ड के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। शिवनगर निवासी चंदना विश्वास पत्नी दीपक विश्वास ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसने आनंदपुर फाजलपुर महरौला में एक भूखण्ड का सौदा 6-25लाख में किया था जिसमें उसने 5-50लाख रूपए बयाने के तौर पर दिये और शेष धनराशि भी अदा कर दी थी लेकिन उस व्यक्ति ने रजिस्ट्री के नाम पर टाल मटोल शुरू कर दी। जब वह भूखण्ड पर निर्माण करने गयी तो एक अन्य व्यक्त् िवहां पहुंच गया और कहा कि यह भूखण्ड उसका है। जब उसने सम्बन्धित व्यक्ति से बात करनी चाही तो पता चला कि वह फरार हो गया है। पीड़िता ने तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर बराड़ कालोनी निवासी अमरीक सिंह पुत्र बचन सिंह और प्रीत विहार निवासी नरवैल सिंह पुत्र गुरमेज सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

आयुष्मान उत्तराखंड योजनाः 31360 मरीजों का इलाज,15-06 करोड़ का भुगतान
काशीपुर (उद सवांददाता)। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योेजना के अन्तर्गत प्राइवेट अस्पतालों को 27 जून 2019 तक 15 करोड़ 6 लाख 14 हजार 865 रू- का भुगतान 77 अस्पतालों कोे किया गया हैै। 82 प्राइवेट अस्पतालों मेें कुल 31360 मरीजों को भर्ती करके इलाज किया गया हैै। यह जानकारी अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना कार्यालय द्वारा सूचना अधिकार के अन्तर्गत नदीम उद्दीन को उपलब्ध करानेे सेे प्रकाश में आयी है। काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन नेे अटल आयुुष्मान उत्तराखंड योजना कार्यालय, देहरादून से आयुष्मान योजना से सम्बन्धित विभिन्न सूूचनायें मांगी थी। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारीध् प्रशासनिक अधिकारी पूनम चन्देेेल नेे सूचनायें उपलब्ध करायी हैं। श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार कुल 82 प्राइवेट अस्पतालोें में 31360 अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के मरीजों को भर्ती करके 27 जून 2019 तक इलाज हुआ है। इसमें सर्वाधिक 9387 मरीजों का इलाज स्वामी हिमालय यूनिवर्सिटी देहरादून के अस्पताल में, दूसरे स्थान पर 4986 मरीजोें का इलाज महन्त इन्द्रेश हास्पिटल देहरादून में तथा तीसरे स्थान पर 2572 मरीजों का इलाज एमपी मैमौरियल हास्पिटल काशीपुर में किया गया हैै। चैथे स्थान पर 1602 मरीजोें का इलाज कालिन्दी हास्पिटल, देहरादून तथा पांचवें स्थान पर 1430 मरीजोें का इलाज राही केयर प्रा- लि- नैैनीताल, तथा छठे स्थान पर 1265 मरीजों का इलाज प्रेम सुख हास्पिटल देहरादून ने किया हैै। इसके अतिरिक्त 5 प्राइवेट अस्पतालोें ने पांच सौ से एक हजार मरीजों तक का इलाज किया हैै। 13 अस्पतालों के मरीजों दो सौै से पांच सौ मरीजों का इलाज किया हैै। 14 अस्पतालों नेे सौै से दौै सौ मरीजों का इलाज किया है। 14 अस्पतालों में 50 से 99 तक मरीजों का इलाज किया है। 30 अस्पतालों ने 50 सेे कम मरीजोें का इलाज किया हैै। श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार अटल आयुष्मान उत्तराखंड योेजना के अन्तर्गत सर्वाधिक 4 करोेड़ 72 लाख 93 हजार 930 रू- का भुगतान स्वामी रामा हिमालियन यूनिवर्सिटी देहरादून अस्पताल ने प्राप्त किया हैै, दूसरे स्थान पर रू- 3 करोड़ 12 लाख 27 हजार 217 रू- का महंत इन्द्रेश हास्पिटल देहरादून तथा तीसरे स्थान पर रू- 67 लाख 65 हजार 250 रू- एम0पी0हास्पिटल काशीपुर ने प्राप्त किये हैै। चैथेे स्थान पर रू- 52 लाख 90 हजार 700 रू- अरोग्यम मेडिकल कालिज व हास्पिटल हरिद्वार ने तथा पांचवें स्थान पर रू- 34 लाख 51 हजार 100 रू- कालिन्दी हास्पिटल, देहरादून ने प्राप्त किया है। छठे स्थान पर 32 लाख 76 हजार बृजेश हास्पिटल रामनगर, नैनीताल ने तथा सातवेें स्थान पर 32 लाख 36 हजार 160 रू मेट्रों हास्पिटल एवं हार्ट इंस्टीटड्ढूट हरिद्वार व 8वें स्थान पर 28 लाख 96 हजार 500रू- हंस फाउन्डेशन आई केेयर, 9वें स्थान पर 27 लाख 65 हजार 494 रू- अल्फा हार्ट इंस्टीटड्ढूट, नैैनीताल को तथा 10वें स्थान पर रू- 26 लाख 38 हजार 990 रू- प्रेम सुख हास्पिटल देहरादून को भुगतान किये गये है। श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार 10 लाख से 25 लाख तक का भुगतान करने वाले 14 प्राइवेट अस्पताल है जिसमें उधमसिंह नगर जनपद के संजीवनी ने 23-33 लाख, श्री कृष्णा हास्पिटल ने 19-82 लाख, चामुण्डा हास्पिटल ने 19-12 लाख, देहरादून जनपद के विनोद क्लीनिक ने 17-59 लाख, हरिद्वार जनपद के संजीवनी हास्पिटल ने 17-48, आई-क्यू विजन ने 17-29 लाख, वेदान्ता ने 16-97, मैक्सवेेल जनजीवन 16-42 लाख, पौड़ी गढ़वाल जनपद के हंस फाउन्डेशन हास्पिटल 16-16, देहरादून जनपद के निर्मल आश्रम हास्पिटल 15-67, रामाकृष्णा विवेकानन्द नेेत्रलय 15-45, हरिद्वार जनपद के अभिलाषा आई हास्पिटल 14-30 लाख, उधमसिंह नगर जनपद के देवकी नन्दन हास्पिटल ने 12-05 लाख देहरादून जनपद के मेडी केयर हास्पिटल ने 12-01 लाख रू- का भुगतान प्राप्त किया है। पांच लाख से दस लाख रू- तक भुुगतान प्राप्त करनेे वाले 16 अस्पताल हैं जबकि 2 से पांच लाख तक का भुुगतान प्राप्त करनेे वाले 14 अस्पताल, 1से 2लाख का भुुगतान प्राप्त करने वाले 12 अस्पताल, 50हजार से 1लाख तक का भुगतान र्प्राप्त करने वाले 5 अस्पताल तथा 50हजार से कम भुगतान प्राप्त करने वाले 6 अस्पताल हैै। 5अस्पतालों ने मरीजोें का इलाज तो किया लेकिन उन्हेें कोई भुगतान नहीं प्राप्त हुआ हैै।

छोटा हाथी वाहन से बैटरी व स्टैपनी चोरी
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। गतरात्रि ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र में सिडकुल ढाल पर खड़े छोटा हाथी वाहन से अज्ञात युवक ने बैटरी, स्टैपनी व अन्य सामान चोरी कर लिया। मामले की सूचना पुलिस को दे दी गयी है। ग्राम फुलसुंगी निवासी प्रिंस ने बताया कि वह ग्राम दानपुर निवासी विजय पुत्र रामभरोसे का छोटा हाथी वाहन संख्या यूके-06सीएध्9416 चलाता है। गतरात्रि उसने वाहन सिडकुल ढाल के पास खड़ा िकया था जहां से अज्ञात युवक वाहन से स्टैपनी, बैटरी, कागजात व अन्य सामान चोरी कर ले गया। प्रिंस ने पुलिस को एक युवक पर चोरी का संदेह भी व्यक्त किया है।

फोटो-सट्टा
हजारों की नकदी सहित सट्टा किंग दबोचा
हल्द्वानी,(उद संवाददाता)। मुखबिर की सूचना पर बनभूलपुरा थाना पुलिस ने हजारों की नकदी व अन्य सामान के साथ सट्टा किंग को गिरफ्तार कर लिया। थानाध्यक्ष सुशील कुमार ने बताया कि एसएसपी के निर्देश पर चलाये जा रही निरोधात्मक कार्रवाई के तहत पुलिसकर्मी गतरात्रि गश्त पर थे। जानकारी मिलने पर पुलिसकर्मी बरेली रोड पहुंचे जहां एक व्यक्ति खाईबाड़ी करते दिखायी दिया। पुलिसकर्मियों ने घेराबंदी कर उसे पकड़कर पूछताछ की तो उसने अपनानाम पता शनि बाजार बनभूलपुरा निवासी अशोक पुत्र संतोष बताया।तलाशी लेने पर उसके पास से 5600 रूपए नकद, सट्टा पर्चियां, रजिस्टर व अन्य सामान बरामद किया। पुलिस ने अशोक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं थाना पुलिस ने सघन सत्यापन अभियान चलाकर दो भवन स्वामियों सुहेल अहमद पुत्र अली हुसैन निवासी इन्द्रानगर व कल्लो पुत्र दौलत निवासी वार्ड 14 को किरायेदारों का सत्यापन न कराने पर 5-5हजार रूपए का चालान किया।

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बदहाल व्यवस्था पटरी पर लाने में निगम प्रशासन नाकाम
काशीपुर(उद संवाददाता) शहर की बदहाल व्यवस्था को पटरी पर लाने में निगम प्रशासन नाकाम साबित हा रहा है। जगह-जगह कूड़े के ढेर,पथ प्रकाश व्यवस्था , जर्जर सड़कें एवं चोक नाले-नालियों के कारण शहर के तमाम हिस्सों में बढ़ता जल भराव की स्थिति है जो निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। मानसून की बारिश ने शहर वासियों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। बरसात के कारण कलश मंडप रोड, आर्य नगर, अल्ली खां, लक्ष्मीपुर पट्टðी, थाना साबिक, कटोराताल, पक्काकोट, विजय नगर, नई बस्ती के अलावा एसडीएम कोर्ट के आसपास जैसे पॉश इलाकों में चैक नाले नालियों के कारण लगातार जल भराव की स्थिति है। निगम प्रशासन की घोर लापरवाही का खामियाजा यहां आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। स्कूली छात्र-छात्रओं के अलावा राहगीर तथा वाहन चालकों को जलभराव के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क किनारे तमाम जगहों पर एकत्रित कूड़े के ढेर से बरसात के कारण सड़ांध आने लगी है। जिससे गंभीर संक्रमण बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है। शाम के समय आधे से अधिक शहर पथ प्रकाश के अभाव में अंधकार में डूब जाता है। यहां बता दें कि शहर की यह उपरोक्त समस्याएं वर्षों पुरानी है। इन्हीं समस्याओं को मुद्दा बनाकर जनप्रतिनिधि चुनाव में वोट हासिल करते हैं और बाद में वादािखलाफी कर दी जाती है। शहर की सीरत तथा सूरत सुधारने के नाम पर पिछले 7 वर्षों में नगर निगम के स्तर से काशीपुर जहां खड़ा था आज भी वही है या फिर यूं कहिए कि पूर्व की अपेक्षा बदहाली बढ़ गई है। अव्यवस्था को लेकर लोग अंदरखाने आक्रोशित हैं।

भुगतान मांगने पर ठेकेदार ने किया जानलेवा हमला
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। वनों में लकड़ी कटान के अवशेष भुगतान के लाखों रूपए मांगने पर ठेकेदार ने श्रमिक पर जानलेवा हमला कर दिया। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वार्ड 3 खेड़ा निवासी अमल कृष्ण विश्वास पुत्र स्व- ललित कुमार विश्वास ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह पिछले 24वर्षों से वन निगम राई प्रभाग हल्द्वानी के पूर्वी कालाढूंगी में विभिन्न ठेकेदारों के सब ठेकेदार के रूप में वनों की लकड़ियां कटान व वृक्षों की जड़ों को उखाड़ने का कार्य अपने श्रमिकों द्वारा करा रहा है। जिसके तहत पूर्वी कालाढूंगी में स्थित प्लाट संख्या 93, 94 में वृक्षों के कटान व उनकी जड़ों को उखाड़ने का कार्य दो ठेकेदारों से लेकर श्रमिकों के माध्यम से कराया गया जिसका अवशेष भुगतान लगभग 31-20लाख रूपए है। जब उसने अपना भुगतान मांगा वह उसे धमकी देने लगे। उसका आरोप है कि वन विभाग में कार्यरत अधिकारी से भी उन्होंने सांठगांठ कर ली और उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया। पीड़ित का कहना है कि कई बार उन लोगों ने गाली गलौच की और पिस्टल तक उसके सिर पर रखकर जान से मारने की धमकी दी और कुछ कागज पर हस्ताक्षर कराकर उसे लूट लिया। पीड़ित का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी से मिलकर फर्जी श्रमिकों के बिल बनवाकर उसको होने वाले भुगतान को उन्होंने स्वयं प्राप्त कर लिया। पीड़ित का कहना है कि ठेकेदारों ने उसे पेट्रोल डालकर जलाने का प्रयास किया और उसके कुछ समय बाद वह गदगदिया चैकी से आगे जंगल में कार्य करा रहा था तभी ठेकेदारों ने उसे घेर लिया और चाकुओं से जानलेवा हमला कर दिया। उसने सरकारी अस्पताल में अपना उपचार कराया। अमल का कहना है कि उक्त लोग उसके लाखों रूपए हड़पना चाहते हैं और उसे जान से मार देना चाहते हैं। उसने प्रार्थना पत्र देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने
और उसे न्याय दिलाने की मांग की है।

जनश्री बीमा योजना घोटाले के मामले में
दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
काशीपुर (उद सवांददाता)। जनश्री बीमा योजना में बड़ा घपला उजागर होने के बाद पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस को तहरीर देकर सहायक समाज कल्याण अधिकारी ललिता रानी ने बताया कि कल्याणकारी योजनाओं में आए सरकारी धन का बंदरबांट करने के लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी फिरोजपुर गिरवर सिंह, सहायक समाज कल्याण अधिकारी काशीपुर परमवीर सिंह, कनिष्ठ लिपिक उत्तराखंड बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम पोस्ट मास्टर मुख्य डाकघर रुद्रपुर प्रेम प्रकाश, पोस्ट मास्टर प्रधान डाकघर काशीपुर बीसी पांडे, पोस्ट मास्टर कुंडेश्वरी बीसी तिवारी, पोस्ट मास्टर धनोरी निर्मला देवी, पोस्ट मास्टर किला स्ट्रीट अंजली गुप्ता, पोस्ट मास्टर काशीपुर डीसी पांडे, शाखा प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा अजय कुमार श्रीवास्तव, शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक वीरेंद्र कुमार जोशी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी चंद्रप्रकाश घिल्डियाल,ं रामवती पत्नी सत्यपाल एवं ग्राम फिरोजपुर के संबंधित ग्रामीणों ने आपस में सांठगांठ कर वर्ष 2008 में जनश्री बीमा योजना में आए धन को कूटरचित तरीके से अपात्रे को निर्गत कराते हुए सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया। धोखाधड़ी के इस खेल में फर्जी मोहर, हस्ताक्षर का भी आरोपियों ने इस्तेमाल किया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सभी आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मामलादर्ज कर लिया।

पत्नी के साथ न रहने पर पति ने काटी हाथ की नस
काशीपुर (उद सवांददाता)। मामूली विवाद को लेकर पत्नी ने ससुराल में रहने से इंकार कर दिया। जिस पर उसके पति ने आक्रोश में आकर अपने हाथों की नस काट ली। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस समझौता कराने के प्रयास में जुट गयी है। जानकारी के अनुसार ग्राम पिपली सुरजननगर ठाकुरद्वारा मुरादाबाद निवासी एक युवती कुदियोवाला स्थित एक फैक्ट्री में काम करती थी जहां उसका कुण्डा क्षेत्र गंगापुर निवासी एक युवक से प्रेम हो गया। जिसके चलते दोनों ने आर्य समाज में शादी कर ली। लेकिन पारिवारिक विरोध के चलते उन्होंने न्यायालय में गुहार लगायी जहां से उन्हें सुरक्षा के आदेश मिले। जिसके बाद दोनों काशीपुर में आकर रहने लगे। जहां किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिस पर नव विवाहिता ने ससुराल में रहने से मना कर दिया। इसको लेकर तैश में आकर उसके पति ने हाथों की नस काट ली। दोनों के परिजन कोतवाली पहुंचे जहां दोनों पक्षों में समझौते के प्रयास किये जा रहे हैं।

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