सरकारें भी नहीं रोक पायी एनएचआई की मनमानी

दो बार एफआईआर के आदेश दे चुके थे हरीश रावत, न एफआईआर हुई और न ही सुधारी सड़क

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उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो
रुद्रपुर। किच्छा के टोल प्लाजा पर आम जनता का कब्जा उनके सब्र का बांध टूटने के बराबर था।एनएच 74 के पुलभट्टा की खस्ताहाल सड़क हो या फिर रूद्रपुर से किच्छा की जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग लंबे समय के बाद भी यहां की सड़क के हालात जस के तस बने हुए हैं। एनएचआई की मनमानी का यह हाल तब है जब स्वयं मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने एनएचआई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराने के आदेश दे दिये थे। सत्ता परिवर्तन के बाद मौजूदा त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल हो चुका है और है रानी की बात यह है कि स्वयं भाजपा के विधायक राजकुमार ठुकराल दो बार एनएचआई व गल्फाल कंपनी की लापरवाही के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार कर चुके है। बता दे कि किच्छा क्षेत्र के चुकटी देवरिया स्थित टोल प्लाजा पर टोल टैक्स वसूलने का काम हरीश सरकार के दौरान ही शुरू हो गया था। टोल वसूली के प्रारंभ में ही आम जनता इस बात का विरोध कर रही थी कि अभी जगह जगह हाईवे पर निर्माण कार्य अधूरा छोड़ा गया है जिससे आये दिन दुर्घटनायें हो रही है। मुख्यमंत्री रहते हुए जब हरीश रावत पंतनगर पहुंचे तो उन्हें जानकारी दी गई कि खस्ताहाल सड़कों के चलते सड़क दुर्घटनाओं में लगातार लोगों की मौत हो रही है। जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने एनएचआई व गल्फार के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिये थे। सरकारी सिस्टम का हाल देखिये न तो सड़कों की हालत सुधरी और न ही ही किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो पाई। कुछ माह बाद सीएम हरीश रावत का पुनः रूद्रपुर दौरा हुआ। कांग्रेस से जुड़े कुछ नेताओं ने हरदा को उनके आदेश की याद दिलाते हुए एनएच 74 पर अधूरे छोड़ गये निर्माण कार्यों व टोल वसूली करने की शिकायत की। फिर क्या था हरदा आग बबूला हो गये और उन्होंने एक बार फिर एनएचआई और गल्फार कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कह डाली। एनएचआई व गल्फार कंपनी की ताकत का एहसास इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री दो बार मुकदमा दर्ज कराने के आदेश देता है लेकिन न तो किसी के खिलाफ कार्यवाही की जाती है और न ही सड़कों की दुर्दशा ठीक की जाती है। इधर सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा से मौजूदा विधायक राजकुमार ठुकराल ने एनएचआई व गल्फार कंपनी की लापरवाही के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोल दिया। कुछ माह पूर्व टोल प्लाजा पर टोल टैक्स वूसलने को लेकर विधायक ठुकराल ने जो किया वह जगजाहिर है। विधायक से वायदा करने के बाद भी एनएचआई के अधिकारी अपने अड़ियल रवैये से बाज नहीं आये तो विधायक ठुकराल फिर आपा खो बैठे। अबकी बार एनएचआई के अधिकारियों ने विधायक ठुकराल का आक्रोश लिखित समझौते के तहत जैसे तैसे शांत करवा दिया है। किंतु विधायक ने सार्वजनिक रूप से यह चेतावनी दे डाली है कि अब रोड नहीं तो टोल नहीं।

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