राशन माफियाओं के गठजोड़ ने छीना गरीबों के पेट का निवाला

एसएमआई के गोदामों से शुरू होता है लूट खसोट का खेल, समूचे तंत्र की मिलीभगत शामिल

0

राशन माफियाओं के गठजोड़ ने छीना गरीबों के पेट का निवाला
मनोज श्रीवास्तव
काशीपुर/जसपुर। सरकारी राशन की शहर से लेकर देहात तक जमकर कालाबाजारी की जा रही है। माफियाओं के गठजोड़ ने गरीबों के पेट का निवाला छीन लिया है। शासन से जितना राशन आता है उसका आधा भी उपभोक्ताओं को नहीं दिया जा रहा। कालाबाजारी में पूरे तंत्र की मिलीभगत शामिल है। राशन डीलर से लेकर अधिकारी तक सब अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों की जुबान तालू से चिपक चुकी है। व्यापक तरीके से चल रहे गड़बड़ घोटाले पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। राशन का गेहूं सिर्फ बीपीएल अंत्योदय कार्ड धारकों के साथ उन्हें मिलना चाहिए जो ऐसे कार्ड धारक हैं जिनके पास पक्का मकान नहीं है और गरीब है। कार्ड धारकों को 2 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं उपलब्ध कराने की स्कीम है। अनाज एफसीआई के गोदाम से एस एम आई के गोदामों तक जाता है। यहां से डीलर माल उठाते हैं। सूत्रों का कहना है कि लूट का खसोट का खेल यहीं से शुरू होता है। यहां से उठने वाला गल्ला राशन डीलर के यहां न जाकर राशन माफियाओं के यहां पहुंचा दिया जाता है। शहर व देहात में सक्रिय राशन माफिया राशन डीलरों के संपर्क में होते हैं। वह नगद भुगतान के जरिए पूरा गेहूं जरिए पूरा गेहूं अपने गोदामों तक ले जाते हैं जहां यह गेहूं सरकारी मुहर लगे बोरो से पलट कर प्राइवेट बोरों में भरकर बड़े ही आसानी से इन्हें आटा मिलों में भेज दिया जाता है। क्षेत्र में तमाम राशन माफिया ऐसे हैं जिनकी खुद की आटा चक्की है। इस तरह राशन डीलर माफियाओं से गठजोड़ कर गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं।

जसपुर क्षेत्र के कोटे से बांटा जा रहा खंडा मिक्स चावल
काशीपुर। जसपुर के वरिष्ठ विपणन अधिकारी (एसएमओ) एवं पूर्ति निरीक्षक (सप्लाई इंस्पेक्टर) पर दायित्वों के निर्वहन को लेकर क्षेत्र के लोगों ने गंभीर सवाल खड़ा करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। जिला अधिकारी नीरज खैरवाल को भेजे शिकायती पत्र में बताया गया है कि महामारी के खतरे के बीच जहां एक और सरकार भुखमरी के संकट से निर्धन परिवारों को उबारने के लिए लगातार प्रयत्नशील है वहीं भ्रष्ट अधिकारी सरकार के नियम कायदों को पलीता लगाते हुए खुद की जेब गर्म कर रहे हैं। चावल के नाम पर चावल का खंडा मिक्स करके जनता के बीच में बांटा जा रहा है। चावल में चावल के दाने कम वेब चावल का खंडा जोकि जानवरों के लिए राइस मिलर बेचते हैं उस खंडे को चावलों में मिक्स करके राशन विक्रेताओं द्वारा बांटा जा रहा है। कोटे से वितरित किए जाने वाला गेहूं की गुणवत्ता भी बेहद घटिया किस्म की है। इसी तरह दाल को बंद पैकेट की बजाय लूज तरीके से बांटा जा रहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.