थम गये 108 और खुशियों की सवारी के पहिए
देहरादून/रूद्रपुर। विभिन्न मांगों को लेकर आज से 108 एम्बुलेंस व खुशियों की सवारी में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार कर दिये जाने से प्रदेश भर की 108 एम्बुलेंस व खुशियों की सवारी के पहिए पूरी तरह जाम हो गये। आज प्रदेश भर के एम्बुलेंसकर्मियों ने उत्तराखण्ड 108 एवं केकेएस फील्ड कर्मचारी संघ के बैनरतले देहरादून सचिवालय पहुंचकर प्रदर्शन कर सभा आयोजित की। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते आज यहां जिला चिकित्सलय में घायल मरीजों, गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के साथ चिकित्सालय से छुट्टी मिलने पर महिलाओं को भारी परेशानियों से जूझना पड़ा। 108 एम्बुलेंस व खुशियों की सवारी के जिलाध्यक्ष कुलदीप व कोषाध्यक्ष अजय ने बताया कि प्रदेश में 108 सेवा का ठेका नई कम्पनी को मिल गया है। कम्पनी संचालक नई भर्ती कर रहा है लेकिन पूर्व में कार्यरत कर्मचारियों को कम वेतन में तैनाती दी जा र ही है साथ ही भत्तों में भी भारी कटौती की जा रही है। उन्हिोंने कहा कि एम्बुलेंस कर्मी पिछले काफी समय से अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आंदोलन करते रहे हैं लेकिन उनकी अपेक्षित सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना था कि स्थायी नियुक्ति और वेतनवृद्धि की मांग को वह देहरादून सचिवालय में प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे प्रदेश भर की आपातकालीन सेवाएं आज बाधित हैं। उन्होंने बताया कि जनपद उधमसिंहनगर में आठ 108 एम्बुलेंस व छः खुशियों की सवारी के वाहन नहीं चले। जिस कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानियां हो रही हैं। उन्होंने बताया कि यदि शासन प्रशासन एवं नई कम्पनी के संचालकों द्वारा उनकी न्यायोचित मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो प्रदेश भर में आंदोलन तेज करने को बाध्य होंगे। उन्होंने बताया कि देहरादून सचिवालय में आज भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले प्रदेश अध्यक्ष नीरज शर्मा व सचिव विपिन जमलोकी के नेतृत्व में प्रदेश भर से आये सैकड़ों 108 व खुशियों की सवारी कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश संगठन मंत्री राज मोहन, रमेश डंगवाल, शीशपाल, टीपी टम्टा, राहुल बोरा, पूनम, आशा, सुरेश चंद, जितेंद्र कुमार, कृष्णानंद, वीरेंद्र, जगदीश, पूरन जोशी सहित प्रदेश भर से आये सैकड़ों कर्मचारी मौजूद थे। आज यहां जिला चिकित्सालय में 10 गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया गया जिसके पश्चात स्वस्थ मां व शिशु को चिकित्सालय से रेफर किया गया लेकिन खुशियों की सवारी के उपलब्ध न होने से महिलाओं व उनके नवजात शिशुओं को चिकित्सालय के अधीन चलने वाले निजी वाहन के माध्यम से उन्हें घर तक पहुंचाया गया। ऐसी महिलाओं में भूतबंगला की मोजमा, रामेश्वरपुर की सुमन, कस्तूरपुर कालोनी की सुमन, पहाड़गंज की अनीमा, आजादनगर की रेनू, राजा कालोनी की गीता, ठाकुरनगर की सीमा, आजादनगर की मिथलेश व दिनेशपुर की बसंती को सरकारी निजी वाहन से रवाना किया गया जबकि संजयनगर निवासी आरती व आजादनगर निवासी रेनू के परिजन नवजात शिशु व उसकी मां को स्वयं के वाहन से चिकित्सालय से घर ले जाने को बाध्य हुए। वहीं चिकित्सालय में कई घायल रोगियों को तीमारदार निजी वाहनों से चिकित्सालय लेकर आये।